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शनिवार को चुनाव आयोग ने सुबह कहा कि दोपहर तक 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखें बताई जाएंगी। फिर दोपहर करीब साढ़े तीन बजे मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग होगी, 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक साथ 14 फरवरी को वोटिंग कराई जाएगी। बचा मणिपुर, तो यहां 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। सभी जगह नतीजे की एक ही तारीख- 10 मार्च रहेगी।
चुनाव लड़ने वालों के लिए 8 अहम बातें जो आयोग ने बताई
- 15 जनवरी तक रैली, जनसभा नहीं कर सकेंगे। वर्चुअल रैली और डोर टू डोर प्रचार करने की इजाजत। डोर टू डोर प्रचार में भी केवल 5 लोग ही जा सकेंगे।
- 15 जनवरी के बाद कोरोना के हालात का रिव्यू किया जाएगा और फिर रैलियों व जनसभाओं पर फैसला लिया जाएगा। अगर रैलियों की इजाजत दी गई तो भी इसमें कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा।
- हर रैली से पहले चुनावी उम्मीदवार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने का शपथ-पत्र लिया जाएगा।
- कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट, NDMA और IPC के धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- राजनीतिक दलों को उम्मीदवारों और प्रत्याशियों को खुद भी अपना आपराधिक रिकॉर्ड बताना होगा।
- सभी दलों और प्रत्याशियों को हेट स्पीच, फेक न्यूज और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर बेहद सतर्क रहना होगा और इसकी निगरानी भी करनी होगी।
- प्रत्याशी सुविधा ऐप के जरिए ऑनलाइन नॉमिनेशन कर सकेंगे।
- सभी दलों और प्रत्याशियों को चुनावी अपराध के संबंध में एडवाइजरी जारी की जाएगी। कोड ऑफ कंडक्ट का सख्ती से पालन करना होगा।
चुनाव आयोग की चनावों को लेकर 5 बड़ी अहम बातें
- कोरोना के बीच चुनाव चुनौतीपूर्ण-नए कोविड प्रोटोकॉल लागू होंगे।
- कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे- मरीजों को पोस्टल बैलेट की सुविधा।
- 16% पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।
- एक पोलिंग स्टेशन पर मैक्सिमम वोटर्स की संख्या 1500 से 1250।
- चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई गई, बड़े राज्यों में अब 40 लाख रुपए।
चुनावों का नतीजा तय करने वाले वोटर्स के लिए 6 अहम बातें
- कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे। उनके लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा।
- 80 प्लस सीनियर सिटिजंस और दिव्यांगों के लिए डोर स्टेप वोटिंग की सुविधा।
- 16% पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।
- एक पोलिंग स्टेशन पर मैक्सिमम वोटर्स की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई।
- महिला वोटर्स को बढ़ावा देने के लिए हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ को एक्सक्लूसिवली महिलाएं ही मैनेज करेंगे।
- वोटर्स अगर चुनाव में धांधली देंखे तो सी-विजिल (cVIGIL) ऐप पर शिकायत कर सकते हैं। आयोग तत्काल एक्शन लेगा।
चुनाव करवाने वाले वर्कर्स के लिए ये तीन अहम बातें
- सभी चुनावकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना जरूरी है। ऐहतियातन इन सभी को प्रिकॉशन डोज भी दी जाएगी।
- सभी पोलिंग स्टेशन पर सैनिटाइजर्स, मास्क और थर्मल स्कैनर की सुविधा होगी।
- कोरोना के मद्देनजर पोलिंग अफसर और बूथ दोनों को सुरक्षित रखा गया है। घबराने की बात नहीं है पर सावधानी बरतनी होगी।
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में मतदान होना है। यहां पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी+ को 325 सीटें मिली थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में 80 में से बीजेपी को 64 सीटें मिली थीं। दोनों चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। जिसे 2017 के विधानसभा चुनाव में 7 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट मिली थी।
पंजाब में एक चरण में चुनाव होंगे। मतदान 14 फरवरी को होगा। यहां 2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वापसी की। कांग्रेस ने भाजपा-अकाली सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। इन चुनावों में कांग्रेस को 117 में से 77 सीटों का स्पष्ट बहुमत मिला था। 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें पाने वाली पार्टी थी। लोकसभा चुनाव में उसे 8 सीटें मिली थीं।
उत्तराखंड में भी 14 फरवरी को एक ही चरण में चुनाव होंगे। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी। उसे 70 में से 57 सीटें मिली थीं। इसका वोट शेयर कांग्रेस के 61.7% से लगभग दोगुना था। इस चुनाव में बीजेपी को अंदरूनी कलह और मजबूत विपक्ष से निपटना होगा। लेकिन यही चुनौती कांग्रेस के लिए भी है।
गोवा में भी 14 फरवरी को एक ही चरण में मतदान होगा। 2017 के विधानसभा चुनाव में गोवा की 40 सीटों में से बीजेपी ने 13 और कांग्रेस ने सरकार गठन के मामले में 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा ने एमएजी और अन्य दलों के सहयोग से सरकार बनाई। पिछली बार आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी, जो इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरी है।
मणिपुर में इस बार दो चरणों में चुनाव होंगे। यहां 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग होगी। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 60 में से 21 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस को 28 और एनपीएफ को 4 सीटें मिली थीं। भाजपा ने सरकार बनाई।
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