Mitul Trivedi सफल चंद्रयान -3 डिजाइन में अपनी भूमिका के साथ, मितुल ने कहा था कि वे 2011 से इसरो और 2013 से नासा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने नासा के 2024 मून मानव मिशन और इसरो के आदित्य एल 1 और गगनयान मिशन डिजाइन परियोजनाओं में भी भूमिका का दावा किया है।
चार दिन पहले 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने के बाद खुद को इसरो से जुड़ा होने और चंद्रयान-3 के डिजाइन में अहम भूमिका निभाने का दावा करने वाले गुजरात स्थित सूरत के निवासी मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) अब लापता हो गए हैं। जांच में पता चाला कि कथित तौर पर त्रिवेदी के आवास पर ताला लगा हुआ है और उनका फोन भी बंद आ रहा है। जिससे अब उनके दावों पर भी शक गहरा होता जा रहा है।
क्राइम ब्रांच को सौंपी गई मितुल (Mitul Trivedi) के दावों की जांच
दरअसल माना जा रहा है कि चंद्रयान 3 को डिजाइन करने की बात करने वाले त्रिवेदी (Mitul Trivedi) अब जांच अधिकारियों से बचते नजर आ रहे हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में खुद सुर्खियां बटोरने वाले मितुल त्रिवेदी के दावों की जांच अब सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है। हालाकि अधिकारियों ने संकेत दिया है कि त्रिवेदी के दावे हार्मलेस हैं, लेकिन वे बढ़ा-चढ़ा कर बयान देने की उनकी प्रवृत्ति को बताता है।
बता दें कि इससे पहले त्रिवेदी के बयानों की जांच पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) हेतल पटेल को सौंपी गई थी। शहर पुलिस आयुक्त के कार्यालय पहुंचने के बावजूद मितुल त्रिवेदी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अपने कथित जुड़ाव को साबित करने वाला कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने में अब तक फेल रहे हैं।
2011 से इसरो और 2013 से नासा से जुड़े होने का दावा
मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) ने सफल चंद्रयान-3 मिशन के बाद अपनी संलिप्तता का दावा कर ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि लैंडर के उनके डिज़ाइन में पारंपरिक लैंडर के विपरीत, लैंडिंग पर धूल के फैलाव को रोकने वाली एक अनूठी विशेषता शामिल है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह 2011 से इसरो और 2013 से नासा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने नासा के 2024 चंद्र मानवयुक्त मिशन और इसरो के आदित्य एल1 और गगनयान मिशन डिजाइन परियोजनाओं में भी भूमिका का दावा किया।
क्वांटम भौतिकी से लेकर वेदांत में पीएचडी और 45 प्राचीन भाषाओं में पारंगत होने का दावा
Who is Mitul Trivedi: मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) तब मशहूर हुए जब उनके अपने शिक्षक अर्जुन पटेल से बात करते हुए एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई। इससे पहले, त्रिवेदी ने दक्षिण गुजरात में ओलपाड के पास समुद्र में द्वारका नाम का एक स्वर्ण नगरी होने का दावा किया था। त्रिवेदी की शैक्षणिक उपलब्धियों में भौतिकी में बीएससी और एमएससी और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में क्वांटम भौतिकी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एंथ्रोपोलॉजी और वेदांत में पीएचडी की पढ़ाई करने का दावा किया जा रहा है। वे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की सदस्यता और 45 प्राचीन भाषाओं को पढ़ने की क्षमता का भी दावा कर चुके हैं।
खुद को इसरो और नासा से जुड़ा होना बताया था
चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण के समय सूरत के पार्ले प्वाइंट निवासी मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) ने खुद को नासा और इसरो से जुड़ा हुआ बताते हुए दावा किया था कि चंद्रयान 3 को उन्होंने ही डिजाइन किया है। त्रिवेदी ने खुद को वैज्ञानिक बताते हुए मीडिया को इंटरव्यू भी दिया. इतना ही नहीं मितुल त्रिवेदी की टीचर का इंटरव्यू भी सामने आया था. अब इस पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है कि मितुल त्रिवेदी का इसरो और चंद्रयान 3 से कोई लेना-देना नहीं है.
मितुल के दावे का कोई सबूूत नहीं मिला
गुजराती दैनिक ‘संदेश’ ने अपनी रिपोर्ट में मितुल त्रिवेदी के दावों पर सवाल उठाया है। संदेश ने चंद्रयान 3 को नासा और इसरो के साथ अपने दम पर डिजाइन करने के दावे की जांच की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रयान 3 के डिजाइन को लेकर त्रिवेदी (Mitul Trivedi) द्वारा किए गए दावे काफी भ्रमित करने वाले हैं। त्रिवेदी के पास इसरो से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं है।
Chandrayaan 3 : ચંદ્રયાન-3ની ડિઝાઈનમાં સહભાગી સુરતના મિતુલ ત્રિવેદી સાથે ખાસ વાતચીત #chandrayaan3 #design #mitultrivedi #surat #Chandrayan3 #chandrayaan3 #isro #launching #gujaratfirst #Sriharikota #missionmoon #MissionChandrayaan #CHANDRAYAAN_3 #Chandrayaan3Mission… pic.twitter.com/0pJjiF7gdZ
— Gujarat First (@GujaratFirst) August 24, 2023
सोशल मीडिया पर खुद को साइंटिस्ट बता इसरो, नासा के अलावा द.कोरिया और रूस के लिए काम करना भी बताया
इसी तरह मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) ने दावा किया था कि वह इसरो के बाद रूस और दक्षिण कोरिया के लिए भी काम कर रहे हैं। मितुल त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर खुद को एक वैज्ञानिक के तौर पर प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने नासा और इसरो के साथ काम करने का भी दावा किया था। संदेश अखबार ने अपनी जांच में कहा है कि मितुल त्रिवेदी के इसरो के साथ काम करने का कोई सबूत नहीं मिला है।
फर्जी दावे पर सवाल उठे तो क्या मितुल पर हो सकती है कार्रवाई?
ऐसे में अब उन पर प्रश्न उठ रहा है कि सूरत के पार्ले प्वाइंट पर रहने वाले मितुल त्रिवेदी ने खुद को वैज्ञानिक बताकर चंद्रयान 3 डिजाइन करने का दावा आखिर क्यों किया? विभिन्न कॉलेजों और स्कूलों में व्याख्यान देने वाले मितुल त्रिवेदी (Mitul Trivedi) का दावा है कि वह वैज्ञानिक होने के साथ-साथ वैदिक विलेज संस्था भी चला रहे हैं। वहीं अब चंद्रयान 3 की सफलता के बीच मितुल के इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं। चर्चा है कि यदि मितुल त्रिवेदी का दावा खारिज निकला तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई भी हो सकती है।
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