Solar Expressway 2024: नया साल 2024 दस्तक दे रहा है और देश में कई एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण जारी है। यदि सबकुछ समय के अनुसार हुआ तो आपको अगले साल के अंत तक देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे (India’s First Solar Expressway) देखने को मिल सकता है। जी हां। वैसे हर एक्सप्रेसवे की अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी UPEIDA बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) को सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) के रूप में डवलप कर रहा है। इसके लिए 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ सोलर पैनल लगाना प्रस्तावित है।
अगर ये पहले बनकर तैयार होता है तो यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे होगा और यूपी इस तरह के एक्सप्रेसवे वाला पहला राज्य बन जाएगा। खासब ता यह है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद करीब एक लाख घरों को रोजाना 24 घंटे बिजली मिलेगी। इसके लिए एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर जमीन भी चिह्नित की जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8 प्रमुख सोलर एनर्जी डेवलपर्स ने इसे लेकर अपना प्रेजेंटेशन पूरा कर लिया है।
PPP मॉडल के तहत होगा Solar Expressway का कार्य
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट लगेंगे। बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे के पूरे एक्सप्रेस-वे में मुख्य सड़क और सर्विस लेन के बीच 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी का क्षेत्र खाली रखा गया है। इस पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी जोरों पर है। इससे 550 मेगावाट सोलर एनर्जी जेनरेट की जा सकेगी।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे की अन्य खाासयतें भी जान लीजिए
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई 2022 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। वहीं यह राज्य का सबसे तेज़ एक्सप्रेसवे भी है, वजह ये कि इसका निर्माण 28 महीने के भीतर किया गया था। यह एक्सप्रेसवे यूपी के 7 जिलों जैसे इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट से होकर गुजरता है।
देश के यह एक्सप्रेसवे भी हैं कमाल के, ये भी भविष्य में सोलर एक्सप्रेसवे (Solar Expressway) में होंगे तब्दील
मुंबई-पुणे एक्सप्रेस (Mumbai-Pune Expressway)
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे 93 किमी की दूरी के साथ भारत का पहला छह-लेन कंक्रीट, हाई-स्पीड, एक्सेस नियंत्रित टोल एक्सप्रेसवे है। यहां सुरक्षा कारणों से दोपहिया वाहनों को सड़क पर चलने से रोक दिया गया है। यह शानदार हाईवे मुंबई और ग्रीन सिटी पुणे के बीच का सफर 80 किमी प्रति घंटे की औसत गति से 2 घंटे से भी कम समय में पूरा करता है। यह खूबसूरत सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं से दर्रों और सुरंगों से होकर गुजरती है। इसे देश के सबसे अच्छे एक्सप्रेसवे में से एक माना जाता है।
जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे (Jaipur-Kishangarh Expressway)
जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे जयपुर के स्वच्छ और सुंदर शहर को किशनगढ़ से कनेक्ट करता है। राजस्थान राज्य का यह एक्सप्रेसवे 90 किलोमीटर लम्बा और छह लेन का है। यह भी देश के सबसे अच्छे राजमार्गों में से एक माजा जाता है। यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 का हिस्सा ही है। ब्यावर तक चौड़ी सड़क राजस्थान को एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाती हैं।
अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे
अहमदाबाद-वडोदरा एक्सप्रेसवे (Ahmedabad-Vadodara Expressway) जिसे राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे 1 के रूप में भी जाना जाता है, अहमदाबाद ग्रीन सिट और वडोदरा को आपस में कनेक्ट करता है। 95 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों में से एक माना जाने वाला यहे राष्ट्रीय राजमार्ग 8 की जगह लेता है। भारत का यह महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का हिस्सा रहा है।
दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे
दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे भारत की राष्ट्रीय राजधानी ग्रीन दिल्ली को गुड़गांव से जोड़ने वाला एक खूबसूरत एक्सप्रेसवे है। यह दिल्ली गुड़गांव एक्सप्रेसवे, स्वर्णिम चतुर्भुज का एक हिस्सा है, जो दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है। यह 28 किमी लंबा एक्सेस-नियंत्रित टोल एक्सप्रेसवे है और देश के सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे में से एक है।
पश्चिमी एक्सप्रेसवे (Western Expressway)
मुंबई वेस्टर्न एक्सप्रेसवे हाईवे 8-10 लेन की मुख्य सड़क है। 25.33 किमी का यह एक्सप्रेसवे माहिम क्रीक के पास से शुरू होता है और शहर की उत्तरी सीमा में मीरा-दहिसर टोल बूथ तक पहुंचता है। शहर की सीमा से परे, यह मुंबई-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से आगे तक फैला हुआ है। मुंबई में भारी यातायात से बचने के लिए, वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर अंधेरी फ्लाईओवर बनाया गया है।
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