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पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर टाइम्स नाऊ-सी वेटर ने बुधवार को ओपिनियन पोल जारी किया है। इसकी गणना से भाजपा की ओर से मिल रही चुनौती के बावजूद बंगाल में टीएमसी की सत्ता बनी रहेगी। लेफ्ट का आखिरी गढ़ केरल भी LDF के पास रह जाएगा। TN में DMK की वापसी हो सकती है। वहीं, भाजपा की सरकार वाले असम में पार्टी को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
पश्चिम बंगाल में भाजपा को फायदा, लेकिन सत्ता से दूरी
ओपिनियन पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में TMC बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। उसे 160 मिलिंग मिल सकती है। हालांकि, पिछले चुनाव के मुकाबले टीएमसी की बैठकें कम हो सकती हैं। 2016 में पार्टी ने 211 सीटें जीती थीं। 200 जीतने के दावे के साथ भाजपा इस बार सत्ता से दूर ही रहेगी। उसकी भेंट 100 से ज्यादा रह सकती है। पिछले चुनाव में उसे महज 3 सीटें मिली थीं। जमीनी स्तर पर संगठन कमजोर होने के बावजूद पार्टी का वोट प्रतिशत भी काफी बढ़ रहा है।
सर्वे के मुताबिक, गठबंधन कर चुनाव लड़ने से कांग्रेस और लेफ्ट पार्ट को बड़ा नुकसान होगा। उनके गठबंधन को अधिकतम 26 शेयर मिल सकते हैं। राज्य में 292 सीटों पर चुनाव होना है। बंगाल में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री के लिए पसंदीदा नेता हैं। उन्हें 55% लोग पसंद करते हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष हैं।
तमिलनाडु में AIDMK की सरकार जाएगी
डीएमके चीफ एमके स्टालिन लोगों की पहली पसंद | ANI |
दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में DMK- कांग्रेस गठबंधन की सत्ता में बदलाव हो सकता है। सर्वे के मुताबिक, 234 सदस्यों की विधानसभा में यह गठबंधन 177 सदस्यों को जीतगा। अभी तक सरकार AIADMK और उसके सहयोगी भाजपा के हिस्से में सीट और वोट शेयरिंग में बड़ी गिरावट आई है। 2016 में इस गठबंधन में 136 शेयर जीती थे। इस साल यह संख्या 49 रह सकती है।
कमल हासन की अगुवाई वाली MNM और TTVINkaran की AMMK को 3 सीटें मिल सकती हैं। राज्य में डीएमके चीफ एमके स्टालिन लोगों की पहली पसंद हैं। स्टालिन को 43.1% और अभी के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी को सिर्फ 29.7% वोट मिले हैं।
असम में NDA और UPA के बीच करीबी मामला
सभी के मुताबिक, भाजपा की सरकार वाला असम एनडीए और यूपीए के बीच करीबी लड़ाई का गवाह बनगा। ओपिनियन पोल में 126 सदस्यों की विधानसभा में सत्तारूढ़ एनडीए को 69 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 56 सीटें दी गई हैं। इस साल कांग्रेस बदरुद्दीन अजमल के AIUDF, बोडो पीपुल्स क्यू और 3 लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है।
एनडीए में भाजपा के साथ असम गण परिषद शामिल हैं। 2016 में NDA ने 86 सीटों को जीतकर राज्य में सत्ता हासिल की थी। यूपीए सिर्फ 26 सीटों पर कामयाब रही थी। हालांकि, मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प हैं। सर्वे में हिस्सा लेने वाले 46% से ज्यादा लोगों ने उन्हें सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया। उनके बाद कांग्रेस के गौरव गोगोई (25%) हैं।
केरल में विजयन सरकार लोगों की पसंद
ओपिनियन पोल में केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ के सत्ता में ही बने रहने का अनुमान लगाया गया जा रहा है। पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली गठबंधन ने 140 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों पर जीत हासिल की। 2016 में इस गठबंधन को 91 प्रतिशत मिले थे। घटने के बावजूद विजयन सरकार बहुमत हासिल करते दिख रही है।
कांग्रेस की अगुवाई वाले UDF 2016 में 47 सीटें मिलीं। यह संख्या विजयन सरकार को हटाने के लिए काफी नहीं है। भाजपा को इस चुनाव में कोई फायदा होने की उम्मीद नहीं है। उसके सिर्फ एक सीट जीतने की संभावना है। 2016 में भी पार्टी को एक ही सीट मिली थी।
सर्वे में शामिल 39.3% लोग विजयन ने मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी हैं। उन्हें 26.5% वोट मिले हैं।
सिर्फ पुडुचेरी में एनडीए के लिए गुड न्यूज
सर्वे के मुताबिक, पुडुचेरी के 30 सदस्यों वाले सदन में 21 सीटों पर जीत दर्ज कर एनडीए की सत्ता में कमबैक होगा। विश्वास मत साबित करने में नाकाम रहने पर सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस और DMK का गठबंधन चुनावों में सिर्फ 9 रुझानों में जीत पाया। AINRC के एन रंगासामी CM पद के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरे हैं। लगभग 50% लोगों ने उन्हें इस पद के लिए चुना। अभी पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।
27 मार्च से मतदान शुरू होगा
तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में मतदान 6 अप्रैल को एक ही फेज में होगा। असम में 27 मार्च से 6 अप्रैल तक 3 फेज में और पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक 8 चरणों में मतदान होगा। सभी जगह वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
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