(Rajasthan Political Crisis) क्या कांग्रेस से खत्म होने वाली है Sachin Pilot की कहानी? क्योंकि माना जा रहा है कि यदि पायलट गुट का विद्रोही रवैया इसी तरह जारी रहा तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो राजनीतिक नियुक्तियों या कैबिनेट में अपने करीबियों को जगह दिलाना तो दूर वे खुद कांग्रेस में हैं रहेंगे या नहीं इस पर ही संशय नजर आ रहा है।
बताया जा रहा है कि अब दिल्ली हाईकमान भी उनसे दूरी बना रहा है। इसलिए कहा जा रहा है कि कई दिन दिल्ली में बिताने के बाद उन्हें जयपुर हाइकमान से बिना मुलाकात के लौटना पड़ा।
पायलट पिता की पुण्यतिथि पर कुछ बड़ा करने की तैयारी में थे
इध प्रदेश कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर Sachin राजस्थान में बड़े हंगामे की तैयारी में थे। (Rajasthan Political Crisis)
क्योंकि पुण्यतिथि से करीब दस दिन पहले सचिन ने अपने गुट के सभी लोगों से कोरोना के बहाने संपर्क किया था और उनका हालचाल पूछने के बहाने उनक इरादे भांपे थे।
फिर इसके तुरंत बाद पायलट हाइकमान से मिलन दिल्ली का रुख कर गए थे।
… और AICC ने कर दिया हल्लाबोल का एलान
अंदरखाने से खबर है कि पायलट के इस कार्यक्रम की भनक एआईसीसी को मिल चुकी थी। ऐसे में राजस्थान में सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के हंगामे से बचने के लिए AICC ने स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि के दिन ही महंगाई के खिलाफ हल्लाबोल का ऐलान कर डाला
ताकि सचिन पायलट हल्लाबोल में व्यस्त हो जाएं और उन्हें खुद की स्ट्रेटेजी रद्द करनी पड़े… और एसा हुआ भी। पायलट पुण्यतिथि का कार्यक्रम नहीं कर पाए।
वहीं एआईसीसी के निर्देश पर पायलट धड़े के सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में हल्लाबोल कार्यक्रम में फंस गए और उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम सफल नहीं हो सका।
ऐसे में पायलट फिर दिल्ली पहुंच गए, लेकिन वह दिल्ली में हाइकमान से नहीं मिल पाए और उन्हें दिल्ली से लौटना पड़ा। वहीं दिल्ली से जयपुर आन के बाद पायलट ने मीडिया से दूरी बना ली लेकिन उनके समर्थक विधायक बयानबाजी करते रहे।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे प्रभरी अजय माकन
इधर कांग्रेस नेता अजय माकन राजस्थान कांग्रेस के डेमैज कंट्रोल की कोशिशों में लगे हैं, उन्होंने कहा कि सचिन पायलट और प्रियंका गांधी की मुलाकता इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि प्रियंका जी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत दिल्ली से बाहर थीं।
Sachin Pilot “An Asset” To Congress, Says Ajay Maken – ANI pic.twitter.com/93iZhwUkpX
— Thumbs Up Bharat (@thumbsupbharat) June 20, 2021
माकन ने कहा कि सचिन कांग्रेस के लिए एक कद्दावर नेता हैं। ऐसे में इसका सवाल नहीं नहीं उठता कि सचिन मुलाकात करना चाहें और प्रियंकाजी मना कर दें।
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सचिन पायलट – Photo credit PTI |
पायलट खेमे को दिल्ली से चेतावनी
हालांकि राजस्थान कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पायलट धड़े को अब राजनीतिक नियुक्तियां और कैबिनेट में जगह मिलना मुश्किल हो गया है।
राजस्थान की राजीनीति के इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए कहा जा रहा है कि एक तरह से पायलट खेमे को दिल्ली की ओर से चेतावनी भी मिली है कि वे कुछ ऐसा न करें जिससे की पार्टी को मजबूरन उन पर एक्शन लेना पड़े।
क्योंकि हाइकमान भी यह नहीं चाहता कि किसी भी सूरत में राजस्थान सरकार प्रभावित हो।
हाइकमान को शंका है कि अगर यह विवाद जारी रहा तो राजस्थान सरकार पर संकट आने की संभावना बन जाएगी। क्योंकि विरोधी पक्ष भी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरी ओर यह भी सवाल है कि क्या सचिन पायलट को बाहर करने के बाद राज्य सरकार अपनी स्थितरता को बनाए रख पाएगी?
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