पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ भ्रष्ट व्यक्ति हैं। उनका नाम 1996 के हवाला जैन मामले की चार्जशीट में था। मैंने उन्हें हटाने के लिए तीन बार पत्र भी लिखे।
ममता के आरोपों के फौरन बाद राज्यपाल धनखड़ ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से कुछ गंभीर आरोप लगाए. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मैंने उनसे सनसनी पैदा करने के लिए झूठी जानकारी देने की उम्मीद नहीं की थी। किसी चार्जशीट में मेरा नाम नहीं है। ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। यह गलत सूचना है। मैंने हवाला चार्जशीट में किसी कोर्ट से स्टे नहीं लिया है क्योंकि ऐसा चार्जशीट नहीं था।
चार्जशीट में था यशवंत सिन्हा का नाम, उनसे बात करें
राज्यपाल ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं। जैन हवाला मामले में कोई दोषी नहीं है। उन्होंने महामारी के समय अपने प्रियजनों को रेवड़ी बांटी है। मैं ममता बनर्जी को अपनी छोटी बहन मानता हूं।
उन्होंने जो कहा वह सच से बहुत दूर है। हवाला मामले में चार्जशीट में यशवंत जी (यशवंत सिन्हा) थे। इसलिए ममता बनर्जी को उनसे चर्चा करनी चाहिए. क्या उन्हें (ममता बनर्जी) जनादेश मिला है कि सभी संवैधानिक संस्थाओं को खत्म कर दिया जाए? इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।
चुनाव के समय से चल रहे आरो प्रत्यारोप
बंगाल में चुनाव से पहले ममता और धनखड़ के बीच खींचतान चल रही है। धनखड़ ने ममता पर चुनाव परिणामों के बाद राज्य में हिंसा को रोकने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया था।
लगातार बयान से नाराज ममता ने धनखड़ को 14 पन्नों का पत्र लिखकर कहा कि आप संकट की इस घड़ी में सत्ता हथियाने के अपने प्रयासों को तेज करने से बाज आएं।
मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान भी राज्यपाल ने जताई थी नाराजगी
बंगाल सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में भी राज्यपाल धनखड़ ने बंगाल हिंसा पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिंसा खत्म करने की राज्य सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं दिखी।
हालात बताते हैं कि राज्य सरकार भी यही चाहती थी। बंगाल में संविधान खत्म हो गया है। रात में हिंसा की खबरें आती हैं और सुबह सब कुछ ठीक बताया जाता है।
ममता ने 5 मई को शपथ ली थी। तब भी राज्यपाल ने बंगाल हिंसा का मुद्दा उठाया था। साथ ही सीएम से स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की।
क्या था हवाला जैन कांड, जिसका ममता ने जिक्र किया?
25 साल पहले हुए इस हवाला घोटाले ने भारतीय राजनीति को झकझोर कर रख दिया था. इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ला, अर्जुन सिंह, शरद यादव, मदनलाल खुराना, नारायण दत्त तिवारी के शामिल होने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, एक-एक कर सभी को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई।
115 नेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आए थे
इसे अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। इससे पता चला कि विदेश से राजनीतिक दलों को पैसा ट्रांसफर करने का पैसा भी इसी चैनल के जरिए आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को दिया गया था।
इस घोटाले में 115 राजनेताओं और कारोबारियों समेत कई नौकरशाहों के नाम आए थे।
सबूत के अभाव में सभी को बरी कर दिया गया। इस घोटाले के दो बड़े पात्र सुरेंद्र कुमार जैन और उनके भाई जेके जैन थे।
जनता पार्टी के तत्कालीन नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लालकृष्ण आडवाणी पर एसके जैन से 2 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया।
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