Maharashtra Politics: NCP के अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी CM, 8 विधायकों ने भी राजभवन में शिंदे-फडणवीस की मौजूदगी में मंत्री पद की शपथ ली Read it later

Maharashtra Politics:महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। दोपहर 2.30 बजे एनसीपी के अजित पवार ने शिवसेना की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार में डिप्टी सीएम पद (Deputy CM of Maharashtra) की शपथ ली। इस दौरान शिंदे और डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़वानी राजभवन में मौजूद रहे।

अजित पवार (ajit pawar news) 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे। 3 बजे इन सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

(Maharashtra Politics) समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अजित समेत बाकी विधायक पटना में विपक्षी एकता की बैठक में मंच साझा करने और राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के शरद पवार के एकतरफा फैसले से नाराज थे।

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अजित के डिप्टी सीएम बनने के बाद शरद पवार और शिंदे के बड़े बयान

1. शरद पवार बोले- लोग मेरा समर्थन करते हैं, मैं पूरी तरह से मजबूत हूं

maharashtra news : शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने महाराष्‍ट्र में शिंदे गुट में अजीत पवार के शामिल होने के बाद कहा कि  मैंने अभी शरद पवार जी से बात की। शरद पवार जी (Sharad Pawar) ने कहा कि वे मजबूत हैं और उन्हें लोगों का पूरा समर्थन प्राप्त है। हम उद्धव ठाकरे जी के साथ मिलकर सब कुछ फिर से सत्‍ता में आएंगे।  लोग इस खेल को ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करेंगे।

2. एकनाथ शिंदे बोले- अब महाराष्‍ट्र में ट्रिपल इंजन की सरकार चलेगी

(Maharashtra Politics) एकनाथ शिंदे ने कहा- अजित पवार के आने से सरकार को फायदा होगा। राज्य का तेज गति से विकास होगा। अब ट्रिपल इंजन की सरकार है।

 

अजित ने सुबह विधायकों की बैठक ली, बैठक में सुप्रिया सूले भी मौजूद थी, लेकिन शरद पवार को भनक तक नहीं लगी

अजित पवार ने रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ बैठक की। (Maharashtra Politics) इसमें पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी मौजूद थी। जिस वक्त अजित पवार राजभवन में शपथ लेने पहुंचे उस वक्त एनसीपी प्रमुख शरद पवार पुणे में मौजूद थे। उन्हें विधायकों की बैठक की जानकारी तक नहीं थी। बाद में जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा- किअजित पवार विपक्ष के नेता हैं, इसलिए विधायकों की बैठक बुलाने का वे अधिकार रखते हैं।

अजित पवार इसलिए अपनी ही पाटी से नाराज हुए और शिंदे सरकार में शामिल हो गए

पहला कारण : शरद पवार का इस्तीफा और फिर पलटे

खबरों के अनुसार (Maharashtra Politics) अजित पवार शरद पवार से नाराज चल रहे हैं। पहली बार 2 मई को जब शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ा था, तब ऐसी संभावना थी कि अजित पवार को पार्टी की कमान सौंपना तय है। जब पार्टी नेताओं और समर्थकों ने शरद पवार के फैसले का विरोध किया तो अजित ने खुले तौर पर  कहा था कि इस विरोध से कुछ नहीं होने वाला। इससे लग रहा था कि अजीत पवार खुद भी नहीं चाहते थे कि शरद पवार अब पद पर रहें।

अजीत पवार ने  शरद पवार के इस्‍तीफे के फैसले को लेकर कहा था कि  पवार साहब अपना फैसला नहीं बदलेंगे। हालांकि, 4 दिन के अंदर ही पवार ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।  जब वह मीडिया को इस बात की जानकारी देने पहुंचे तो अजित पवार वहां मौजूद नहीं थे। तब चर्चा का माहौल बन गया कि अजित शरद पवार के फैसले से नाराज हैं।

 

डिप्‍टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजीत पवार की पहली प्रत‍िक्रिया

दूसरा कारण: संगठन में बनाए जाएंगे दो कार्यकारी अध्यक्ष

दूसरी घटना (Maharashtra Politics) पार्टी संगठन में हाल ही में हुए फेरबदल से जुड़ी है। 10 जून यानी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर शरद पवार ने बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष समेत कई राज्यों का प्रभार दिया था। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबर आई। हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया। शरद पवार ने यह भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे राज्य देखेंगे।

 

एनसीपी के कई नेता शुरू से ही बीजेपी- शिवसेना को सपोर्ट करना चाहते थे

Maharashtra Politics: अजीत पवार की बगावत के बाद देश की पॉलिटिकल लॉबी में चर्चा हो रही है कि अजित पवार और एनसीपी के ज्यादातर नेता पहले से ही महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार को पूर्ण रूप से सपोर्ट करने का मानस उस वक्‍त ही बना चुके थे जब एकनाथ शिंदे ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन उस वक्‍त शरद पवार की मंजूरी जरूरी थी। यह भी चर्चा भी हो रही है कि एनसीपी के कई नेता नहीं चाहते कि राहुल गांध आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बने। इसी वजह से एनसीपी में दरार आई।

NCP प्रवक्ता बोले बगावत की जड़ कांग्रेस

एनसीपी प्रवक्ता प्रोफेसर नवीन कुमार ने एबीपी न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि यदि हम कांग्रेस के पीछे नहीं चलते और हमारे प्रमुख नेता शरद पवार खुद नेतृत्व करते तो आज पार्टी में बगावत नहीं होती। हम तो अपने पार्टी प्रमुख से हमेशा कहते रहे कि देश आपकी ओर देख रहा है, लेकिन हमारे प्रमुख कांग्रेस की ओर देखने लगे। इसका खामियाजा पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा।

विपक्षी एकता गठबंधन को बड़ा झटका!

अजित पवार की बगाावत के बाद विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है। (Maharashtra Politics) वजह यह कि महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं और यदि एनसीपी विपक्षी गठबंधन छोड़ देती है तो बीजेपी के इससे फायदा होगा। महाराष्ट्र की एक और बड़ी पार्टी शिवसेना का एक गुट (शिंदे) पहले से ही एनडीए के साथ है। अब ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी के अलग होने से विपक्षी एकता कमजोर पड़ेगा।

 

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