7th Day of Navratri: आज नवरात्रि के पावन और पवित्र पर्व का सातवां दिवस है। नवरात्रि के नौ दिन के दौरान देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के पूजन के सातवें दिन मां के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां दुर्गा ने राक्षसों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए मां कालरात्रि का रूप लिया था। मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजन करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और इसमें लेश मात्र भी संशय नहीं है। वहीं माता की कृपा से जातकों पर शनिदेव का कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता। आइए आपको बताते हैं कि सातवें दिन किस समय पूजा करना शुभ होता है और किस समय आपको पूजन नहीं करना चाहिए।
मां कालरात्रि पूजा (Maa Kalratri Puja) – विधि, मंत्र, भोग, आरती, महत्व और शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त- (7th Day of Navratri)
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:44 बजे से सुबह 05:35 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
- विजय मुहूर्त- 01:59 PM से 02:44 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:46 बजे से शाम 06:11 बजे तक
- अमृत काल- 03:15 PM से 04:48 PM तक
- निशिता मुहूर्त- रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक, 22 अक्टूबर
- त्रिपुष्कर योग- शाम 07:54 बजे से रात 09:53 बजे तक
माँ कालरात्रि पूजा विधि… (7th Day of Navratri)
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- देवी मां की प्रतिमा या तस्वीर को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। (7th Day of Navratri) धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता को लाल रंग अधिक प्रिय है।
- मां की स्थापना करते समय मां की तस्वीर के साथ त्रिशूल भी स्थापित करें, यह आप सिंदूर और घी की सहायता से कागज पर बना सकते हैं, या पीतल का धातू भी रख सकते हैं, क्योंकि मां के पूजन के साथ भैरव की पूजा की जाती है, और त्रिशूल भैरव का ही प्रतीक है। भैरव भगवान महादेव के ही रुद्र अवतार हैं।
- मां को स्नान कराकर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
- मां को रोली कुमकुम और सिंदूर लगाएं।
- मां को मिठाई, पांच सूखे मेवे और पांच प्रकार के फल का भोग लगाएं।
- मां कालरात्रि पर शहद का भोग जरूर से लगाएं।
- यथासंभव मां कालरात्रि का ध्यान करें।
- साथ ही मां की आरती भी करें।
माँ कालरात्रि का सिद्ध मंत्र-
‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ कालरात्रि दैव्ये नमः।’
मंत्र-
एकवेनि जपकरणपुरा नग्न पवित्रता।
लम्बोस्थि कर्णिकाकर्णी तैल भक्त शरीरा।
वम्पादोल्लसल्ललोहलताकण्टकभूषणः।
वर्धनमुर्धध्वज कृष्ण कालरात्रिभयंकरि।
माँ कालरात्रि ध्यान
करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्।
कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥
दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्।
अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम॥
महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा।
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥
सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्।
एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥
माँ कालरात्रि स्तोत्र
हीं कालरात्रि श्री कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं हीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
माँ कालरात्रि कवच
ॐ क्लीं मे हृदयं पतु पादौ श्री कालरात्रि।
ललाते सततं पातु तुष्टाग्रह निवारिणी।
रसनाम पतु कुमारी, भैरवी चक्षुषोभम्।
कट पृष्ठ महेशानि, कर्णोशंकरभामिनी।
वर्जितानि तु स्थानभि अर्थात च कवचें ही।
तानि सर्वाणि देवी सत्तमपतु स्तम्भिनी।
माँ कालरात्रि बीज मंत्र :-
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
धार्मिक मान्यता के अनुसार मां कालरात्रि बीज मंत्र का एक माला यानीकि 108 बार जाप करने से व्यक्ति भय से मुक्त हो जाता है। (7th Day of Navratri) दुर्घटनाओं से भी जातकों को मुक्ति मिलती है। मां कालरात्रि मंत्र की पूजा करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलने लगता है और वह लगातार प्रगति की ओर बढ़ता चला जाता है।
इन मंत्र के जप से मां बेहद प्रसन्न हो जाती हैं
मां कालरात्रि मंत्र ॐ कालरात्र्यै नम:।
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नमः
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
ॐ कालरात्र्यै नम:
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व… (7th Day of Navratri)
मां कालरात्रि की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मां कालरात्रि की कृपा से बुरी शक्तियों का प्रभाव खत्म हो जाता है।
माँ कालरात्रि दुष्टों और शत्रुओं का नाश करने वाली हैं।
मां कालरात्रि की पूजा से तनाव भी दूर हो जाता है।
माँ कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय जय महाकाली
मृत्यु से बचाने वाला
तुम्हारा नाम दुष्टों का नाश करने वाला है
महाचंडी तुम्हारा अवतार
सारी पृथ्वी और आकाश पर
महाकाली तुम्हारा विस्तार है
खांडा खप्पर रखनेवाला
जो दुष्टों के खून का स्वाद चखता है
कलकत्ता स्थान तुम्हारा
मैं तुम्हें हर जगह देखना चाहता हूं
सभी देवता, सभी पुरुष और महिलाएं
सब तेरे गुण गाते हैं
रक्तदंत और अन्नपूर्णा
प्लीज प्लीज, कोई दुःख नहीं होगा.
कोई चिंता नहीं कोई बीमारी नहीं
ना दुःख ना संकट भारी
उसे कभी कष्ट न हो
महाकाली माँ जिसका उद्धार करती हैं
तुम भी प्रेम से कहो ‘भक्त’
कालरात्रि माँ तेरी जय
नवरात्रि के 9 दिन (7th Day of Navratri)
नवरात्रि के 9 दिन हिंदू देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा के लिए समर्पित हैं, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
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