Maa Saraswati: इस समय मां सरस्वती बैठती हैं जीभ पर, मनोकामना होगी पूरी Read it later

Maa Saraswati: हमेशा ऐसा कहा जाता है कि सत्य बोलो और अच्छा बोलो. किसी के बारे में कभी भी बुरा न ही सोचना चाहिए और न ही बोलना चाहिए। क्योंकि हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पूरे दिन में एक बार जुबान पर मां सरस्वती का वास होता है. इससे उस दौरान कही गई बात पूरी हो जाती है. फिर चाहे को बात कैसी भी होहे अच्छी हो या बुरी। इसलिए हमेशा हमें अपने शब्दों का चयन बहुत ही सोच-समझकर करना चाहिए। इसी ज्ञान की बात को ध्‍यान में रखकर आज हम आपको बताते हैं कि आखिर मां सरस्वती (Maa Saraswati) का वास जुबान पर किस समय या पहर में होता है।

 

ऐसा है मां सरस्‍वती का स्‍वरूप

  • विष्णुधर्मोत्तर पुराण के अनुसार मां सरस्वती के वाग्देवी स्वरूप को चार भुजाओं वाला और आभूषणों से विभूषित बताया गया है। माता का वर्ण श्वेत है और उनका रूप सौम्य है।
  • ब्राह्मण ग्रंथों के अनुसार, मां सरस्वती (Maa Saraswati) ब्रह्मस्वरूपा, कामधेनु और सभी देवताओं की प्रतिनिधि हैं, जो विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। मां सरस्वती की कृपा से ही संसार के सभी प्राणियों को बुद्धि प्राप्त होती है।
  • स्कंद पुराण में मां सरस्वती के रूप को कमल के आसन पर, जाले से सुशोभित, माथे पर अर्धचंद्र, नीली गर्दन और तीन नेत्रों से सुशोभित बताया गया है।
  • मां सरस्वती का वाहन हंस है, जिसके कारण इन्हें हंसवाहिनी कहा जाता है। कहीं-कहीं मोर पर सवार मां सरस्वती का रूप भी दिखाया गया है, जिसे मधुर वाणी का प्रतीक माना जाता है।
  • मानव जिह्वा पर सूक्ष्म एवं अदृश्य रूप में सरस्वती (Maa Saraswati) का वास है। जब जिह्वा पर सरस्वती का वास होता है तो उस समय बोले गए वचन सदैव सत्य होते हैं।

 

जुबान पर किस समय बैठती मां सरस्वती (Maa Saraswati Jubaan Par Kis samay Bethi Hai)

शास्त्रों के अनुसाार दिन को शुभ और अशुभ में बांटा गया है। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को शुभ माना जाता है। और सुबह 3 बजे से शुरू होता है और सूर्योदय तक रहता है। यह एक नए दिन की शुरुआत का समय होता है। हिन्दू धर्म मान्‍यता के अनुसार प्रात: 3 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक मां सरस्वती जीभ पर विराजमान होती है। इस दौरान यदि कोई अच्छी बात कही या मन में जातक लाएं तो वह अवश्य पूरी हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां सरस्‍वती का ध्‍यान कर अच्‍छी बतों का विचार करें, इससे आप सदैव नाकारात्‍मकता से दूर रहेंगे और आपके समस्‍त कार्य सफल होंगे।

प्रार्थना या किसी भी समय किसी के बारे में बुरा न सोचें (Never Think Bad About Anyone)

आपने हमेशा बड़ों को अक्सर यह कहते सुना होगा कि कभी भी बुरा नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि मां सरस्वती दिन में एक बार जीभ पर विराजमान होती हैं। ताकि कही गई बातें सच हो जाएं। इसके साथ ही ये हमेशा कहते सुना होगा कि इनकी जीभ काली होती है क्योंकि ऐसे व्यक्ति की ज्यादातर बातें सच हो जाती हैं।

मां सरस्वती के इस मंत्र का जप जरूर करें (Maa Sarwato Puja Mantra)

आपको बता दें कि शास्त्रों में मां सरस्वती को विद्या, कला और बुद्धी की देवी माना गया है। उनका आशीर्वाद और कृपा की वर्षा पाकर व्यक्ति जीवन में आसमान की बुलंदियां छूने का मादा रखता है और इसमें कोई संदेह नही है। इसलिए जातकों को चाहिए कि‍ मां की कृपा पाने के लिए रोजाना ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देवयै नमः का जप करें। कहा जाता है कि इससे बुद्धि और मानसिक विकास में वृद्धि होती है वहीं छात्रों पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।

 

 

 

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। थम्सअप भारत किसी भी तरह की मान्यता की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी धार्मिक कर्मकांड को करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

 

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