2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि: सूर्य, शनि के योग में शुरू होगा हिंदू नववर्ष, शनिदेव नवसंवत के राजा तो बृहस्पति हैं मंत्री Read it later

2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि

शनिवार 2 अप्रैल से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है। इसी के साथ चैत्र नवरात्रि भी शुरू हो जाएंगे। चूंकि यह नया साल शनिवार से शुरू हो रहा है, इसलिए इस साल के राजा शनि देव हैं और मंत्री बृहस्पति हैं। शनिवार से चैत्र नवरात्र शुरू होने के कारण माता का वाहन घोडा रहेगा। इस बार नवसंवत की शुरुआत में 30 साल बाद सूर्य, शनि और शनिवार का विशेष योग बन रहा है।

बनारस के ज्योतिषाचार्य पं. विश्वमोहन शर्मा के अनुसार नए साल के राजा शनि की तीसरी पूर्ण दृष्टि मीन राशि में स्थित सूर्य पर होगी। सूर्य शनि का पिता है और नौ ग्रहों का राजा भी है। शनि अपनी मकर राशि में स्थित है। 

मकर राशि में शनि के साथ इसकी तीसरी पूर्ण दृष्टि सूर्य पर है और शनिवार से 30 साल बाद नया साल शुरू हो रहा है। इस साल की शुरुआत में चैत्र नवरात्रि और हिंदी नव वर्ष की शुरुआत शनिवार 4 अप्रैल 1992 से हुई थी।

ये भी पढ़ें- मां कौशल्या के मंदिर से गौ भक्त मोहम्मद फैज खान पदयात्रा पर निकले

इस साल शनि देश और दुनिया को कैसे प्रभावित कर सकते हैं?

1992 में भी नए साल के राजा शनि थे। उस वर्ष देश और दुनिया में कई जगहों पर हिंसा और युद्ध हुआ था। इस बार नया साल रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ शुरू हो रहा है। भविष्य में 14 अप्रैल को जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेगा तो उससे शनि की दृष्टि दूर हो जाएगी, लेकिन सूर्य और राहु का योग बनेगा। 

इस समय दुनिया के कई देशों में महामारी का संक्रमण थोड़ा बढ़ सकता है। 30 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में जाएंगे और शनि की तीसरी दृष्टि सूर्य पर होगी। इससे देश और दुनिया में तनाव जैसे हालात बन सकते हैं।

15 मई को सूर्य वृष राशि में गोचर करेगा। तब शनि की दृष्टि सूर्य से हट जाएगी। राहु के साथ सूर्य की युति भी समाप्त हो जाएगी। उसके बाद स्थिति में सुधार होता दिखाई देगा।

नवरात्रि में देवी मंत्रों का करें जाप 

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि में तंत्र क्रियाएँ खूब की जाती हैं। इन दिनों में भक्त विशेष सिद्धियों की प्राप्ति के लिए तपस्या करते हैं। नवरात्रि में कोई भी विशेष जप किसी तप गुरु के निर्देशन में ही करना चाहिए। 

आम लोगों को नवरात्रि में देवी मंत्रों का जाप करना चाहिए। देवी की सामान्य पूजा करनी चाहिए। आप चाहें तो राम नाम का जाप भी कर सकते हैं। छोटी बच्चियों को दान दें, उनका सम्मान करें। अनुष्ठानों के साथ दुर्गा सप्तशती या कालिका पुराण का भी पाठ किया जा सकता है।

The Yog Of Sun, Shani And Saturday | Chaitra Navratri 2022 | Shani Dev Is The King Of Nav Samvat | Chaitra Navratri Facts In Hindi | 

Like and Follow us on :

Was This Article Helpful?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *