WATCH VIDEO: करंट से मगरमच्छ को भी मार सकती है Electric Eel Read it later

Electric Eel आपको ताज्जुब होगा की मछलियां करंट का झटका भी देती हैं, लेकिन यह सच है, इलेक्ट्रिक केट फिश और इलेक्ट्रिक ईल नामक मछली अपने शिकार को मारने के लिए बिजली के हाई वॉल्टेज झटके का इस्तेमाल करती हैं।

 

इलेक्ट्रिक ईल (Electric Eel) की बनावट कुछ ऐसी होती है कि पहले लोगों को यह लगता था कि यह कोई मछली नहीं बल्कि कोई खतरनाक सांप है, लेकिन वर्ष 1977 में एक यूरोपीय वैज्ञानिक ने अपनी शोध में यह साबित कर दिया कि ये कोई सांप नहीं बल्कि एक भयानक मछली की प्रजाति है। क्योंकि इसकी बनावट बिल्कुल मछली की तरह है। इलेक्ट्रिक ईल (Electric Eel ) और इलेक्ट्रिक कैट फिश नामक मछली सिर्फ अपने आप को बचाने के लिए ही नहीं अपितु शिकार करने के लिए भी बिजली के झटके का प्रयोग करती है। एक इलेक्ट्रिक ईल करंट से मगरमच्छ और इंसान तक को मार सकती है। इस मछली के शरीर में उत्पन होने वाला करंट इसके शरीर में मौजूद इलेक्ट्रो लाइट सेल में होता है। इलेक्ट्रिक ईल की गिनती वास्तव में नाइफ फिश परिवार के सदस्यों के रूप में होती है। यह मछली मुख्य रूप से रात में शिकार करती है और खासकर नील नदी में पाई जाती है।

 

टरी की तरह काम करते हैं लाखों सेल

इलेक्ट्रिक ईल (Electric Eel ) के शरीर में लाखों सेल होती हैं, जो कि बैटरी की तरह काम करती हैं और इन्हें इलेक्ट्रॉसाइट कहते हैं। इसमें पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों चार्ज होते हैं। जब इलेक्ट्रिक इल को किसी जानवर पर अटैक करना होता है तो इसका सेंटर नर्वस सिस्टम को आदेश देता है और जैसे ही यह आदेश इन सब सेल्स के पास पहुंचता है तो यह सभी सेल एक दूसरे के साथ में जुड़कर एक पॉवरफुल इलेक्ट्रिक शॉक जेनरेट करता है और एक साथ पूरे पावर के साथ में जो भी जानवर-आदमी होता है उसको जबरदस्त शॉक देकर मार देते हैं या बेहोश कर देती है।

 

Electric Eel

500 वाट तक का करंट छोड़ती है

इलेक्ट्रिक ईल अपने शरीर से लगभग 500 वाट का करंट छोड़ती हैं। जिससे छोटी मछलियां तुरंत मर जाती हैं। यह उन छोटी मछलियों का शिकार कर लेती है। एक व्यस्क ईल की लंबाई लगभग 8 फीट तक हो सकती हैं। इनका वजन 20 किलो तक होता है।

इलेक्ट्रिक ईल दिखने में यह सांप की तरह नजर आती है। यह लम्बे समय तक पानी में नहीं रह सकती है इसे श्वांस लेने के लिए पानी की सतह पर आना पड़ता है। विश्व में इलेक्ट्रिक ईल लगभग 20 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से लगभग 3 प्रकार की प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं। आज से करीब 150 से 250 साल पहले इस मछली के बारे में लोगों को पता ही नहीं था। एक शोध में इसके बारे में पता चला था।

आपको ताज्जुब होगा की मछलियां करंट का झटका भी देती हैं, लेकिन यह सच है, इलेक्ट्रिक केट फिश और इलेक्ट्रिक ईल नामक मछली अपने शिकार को मारने के लिए बिजली के हाई वॉल्टेज झटके का इस्तेमाल करती हैं।

इलेक्ट्रिक ईल (Electric Eel ) की बनावट कुछ ऐसी होती है कि पहले लोगों को यह लगता था कि यह कोई मछली नहीं बल्कि कोई खतरनाक सांप है, लेकिन वर्ष 1977 में एक यूरोपीय वैज्ञानिक ने अपनी शोध में यह साबित कर दिया कि ये कोई सांप नहीं बल्कि एक भयानक मछली की प्रजाति है। क्योंकि इसकी बनावट बिल्कुल मछली की तरह है।

Electric Eel

इलेक्ट्रिक ईल (Electric Eel ) और इलेक्ट्रिक कैट फिश नामक मछली सिर्फ अपने आप को बचाने के लिए ही नहीं अपितु शिकार करने के लिए भी बिजली के झटके का प्रयोग करती है। एक इलेक्ट्रिक ईल करंट से मगरमच्छ और इंसान तक को मार सकती है।

इस मछली के शरीर में उत्पन होने वाला करंट इसके शरीर में मौजूद इलेक्ट्रो लाइट सेल में होता है। इलेक्ट्रिक ईल की गिनती वास्तव में नाइफ फिश परिवार के सदस्यों के रूप में होती है। यह मछली मुख्य रूप से रात में शिकार करती है और खासकर नील नदी में पाई जाती है।

ईल करीब दो मीटर लंबी होती है। वो 500 वोल्ट तक का करंट छोड़ सकती है। यह ईल दूसरी मछलियों, केकड़ों और झींगों का शिकार करने के लिए भी वो बिजली ही छोड़ती है। खुद को शिकार बचाने के लिए भी वो इस बिजली का इस्तेमाल करती है। इस वीडियो में जो ईल दिख रही है, उसकी भी मौत हो जाती है और मगरमच्छ भी मारा जाता है।

 

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