Biparjoy Cyclone Update: रौद्र रूप लेते तूफान की स्‍पेस सेंटर से पहली तस्‍वीर, जानि‍ए कहां कहर बरपाएगा Read it later

Biparjoy Cyclone Update: चक्रवात बिपरजॉय खतरनाक रूप लेता जा रहा है। इसके गुजरात से टकराने में कुछ ही घंटे बचे हैं। इससे पहले सरकार तटीय इलाकों से हजारों लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट कर चुकी है. इस बीच बुधवार (14 जून) को गुजरात के कई इलाकों में तेज बारिश भी शुरू हो गई है। राज्य सरकारें और केंद्र लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। जानिए इस चक्रवात से जुड़ी बड़ी बातें जो आपको जानना चाहिए।

इससे पहले कच्छ में बुधवार शाम 5:05 बजे भूकंप भी आया। इसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई। ​​​​​गुजरात के खतरे वाले इलाकों में हमारे 18 रिपोर्टर तैनात हैं। हम हर ताजा अपडेट  आप तक पहुंचा रहे हैं…

अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone Update) अंतरिक्ष से भी नजर आ रहा है। इंटरने​​​​​​शनल ​स्पेस स्टेशन (ISS) पर तैनात संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने इसका वीडियो शेयर किया है। तूफान 15 जून की शाम तक कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराएगा। इस दौरान 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। इसके चलते बुधवार से गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में भारी बारिश हो गई है।

  • आईएमडी (indian meteorological department)  के अनुसार, अरब सागर से उत्पन्न चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biparjoy) गुरुवार शाम गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र क्षेत्र, मांडवी तट और दक्षिण पाकिस्तान के कराची से होकर गुजरेगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। यह प्रक्रिया में थोड़ा कमजोर हो रहा है, लेकिन यह अभी भी तूफानी लहरों, तेज हवाओं और भारी बारिश का खतरा बना हुआ है।
  • 6 जून को दक्षिण-पूर्व अरब सागर में बनने के बाद से बिपरजॉय लगातार उत्तर की ओर बढ़ रहा था और मजबूत होता जा रहा था और 11 जून को यह एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया। जिसकी हवा की गति 160 किमी प्रति घंटे से अधिक के आंकड़े की ओर बढ़ रही थी, लेकिन एक दिन बाद इसकी तीव्रता कम हो गई थी।

 

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone Update) बुधवार को करवट बदलने और उत्तर-पूर्व दिशा में कच्छ और सौराष्ट्र की ओर बढ़ने के लिए तैयार है। फिर गुरुवार शाम को यह जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरेगा। कच्छ में बुधवार को भी 3.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
  • मौसम कार्यालय ने अधिकारियों से गिर, सोमनाथ और द्वारका जैसे लोकप्रिय स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए कहा है और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।   तेज हवाओं के कारण फूस के घरों के पूरी तरह से नष्ट होने, कच्चे घरों को व्यापक नुकसान और पक्के घरों को मामूली नुकसान होने की संभावना है।

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात बिपरजॉय के प्रभावों से निपटने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। राजनाथ सिंह ने तैयारियों की समीक्षा करने के बाद कहा कि सशस्‍त्र बल चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। (Biparjoy Cyclone Update) तीनों सेना प्रमुखों से बात की और चक्रवात बिपरजॉय को लेकर सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। सेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) भी राहत और बचाव कार्यों के लिए मुस्तैद हैं।
  • अब तक गुजरात के तटीय इलाकों से 74 हजार से अधिक लोगों को निकालकर अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300, जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
  • चक्रवात की संभावित दस्तक से पहले, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत और बचाव कार्यों के लिए कुल 33 टीमों को सौंपा है। एनडीआरएफ की 18 टीमें गुजरात में रखी गई हैं, एक टीम दीव में तैनात की गई है. दीव उत्तर में गुजरात के गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों से और तीन तरफ अरब सागर से घिरा हुआ है। अधिकारियों ने गुजरात में एनडीआरएफ की तैनाती की जानकारी देते हुए बताया कि कच्छ जिले में एनडीआरएफ की चार, राजकोट और देवभूमि द्वारका में तीन-तीन, जामनगर में दो, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और गांधीनगर में एक-एक टीम तैनात की गई है। एक टीम लगाई गई है।
  • पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की कुल 14 टीमों में से पांच को मुंबई में तैनात किया गया है जबकि बाकी को स्टैंडबाय पर रखा गया है। इनमें से प्रत्येक टीम में लगभग 35-40 कर्मचारी हैं और पेड़ और पोल कटर, बिजली की आरी, हवा वाली नावें और दवाएं और सामान्य बीमारियों के लिए राहत सामग्री से लैस हैं। वहीं, मुंबई के समुद्र तटों पर डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए बीएमसी ने मुंबई के सभी 6 सार्वजनिक समुद्र तटों पर 120 लाइफगार्ड नियुक्त करने का फैसला किया है।
  • इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 17 जून को होने वाली ओडिशा की यात्रा को चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और शाह दोनों चक्रवात पर सीधे नजर रख रहे हैं। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री के लिए शनिवार को ओडिशा का दौरा करना संभव नहीं होगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी चक्रवात के प्रकोप से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की है और राज्य सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र का दौरा भी कर रहे हैं।
  • आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि 15 जून को गुजरात तट पर चक्रवात के आने के साथ ही राज्य में बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी और कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है। चक्रवात के कारण पोरबंदर, राजकोट, मोरबी, जूनागढ़ और सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात क्षेत्र के अन्य जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। शुक्रवार को भी दक्षिण राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। राजस्थान सरकार ने कहा है कि वह द्विपराजय चक्रवाती तूफान से बचाव के लिए पूरी तरह तैयार है

 

 अब तक 9 की मौत, कच्छ-सौराष्ट्र में बारिश का रेड अलर्ट

तेज हवाओं और ऊंची लहरों के चलते अब तक 9 लोगों की मौत की खबर है। (Biparjoy Cyclone Update) वहीं, गुजरात सरकार ने कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में 7 जिलों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर शेल्टर होम में भेजा है। NDRF की 18 टीमें तैनात हैं। IMD ने रेड अलर्ट के साथ गुरुवार को कच्छ-सौराष्ट्र में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

आपदा टालने के लिए द्वारकाधीश मंदिर पर 2 ध्वजा फहराई

सोमनाथ के द्वारकाधीश मंदिर के मुख्य शिखर पर परंपरा के अनुसार 5 बार झंडा बदला जाता है, लेकिन यहां मंगलवार से ध्वजारोहण नहीं किया गया है। (Biparjoy Cyclone Update) इसके नीचे दो ध्वज फहराए जाते हैं। दरअसल, दो झंडे एक साथ फहराने के पीछे एक मान्यता है। कहा जाता है कि इससे विपत्ति टल जाती है।

अब मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है कि 17 जून तक मुख्य शिखर पर नया झंडा नहीं लगाया जाएगा। (Biparjoy Cyclone Update) मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फीट है। तूफान को देखते हुए 15 जून को मंदिर बंद रहेगा।

 

 अब जानिए साइक्‍लोन के नाम कैसे रखे जाते हैं

अरब सागर से गुजर रहा बिपरजॉय साइक्लोन गुजरात के तट से टकराने वाला है। इसे बांग्लादेश ने नाम दिया है। हम आपको साइक्लोन के नाम रखे जाने की प्रोसेस के बारे में बता रहे हैं।
• 1950 तक तूफानों को उनके सन के हिसाब से जाना जाता था, जैसे 1946 ए, 1946 बी । 1950 के बाद तूफानों के फीमेल नाम और 1979 से मेल नाम भी रखे जाने लगे।

• विश्व मौसम विभाग और इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पेसिफिक (ESCAP) ने मिलकर 1972 में ट्रॉपिकल साइक्लोन पर पैनल बनाया है।

• इसमें 13 सदस्य देश हैं, जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान का नाम सुझाते हैं।

• ये देश हैं- बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, UAE और यमन ।

• तूफानों को नाम देने की प्रोसेस 2004 से शुरू हुई थी । अल्फाबेटिकल ऑर्डर में पहला मौका बांग्लादेश को मिला। उसने पहले तूफान को ओनिल नाम दिया था।

• अप्रैल 2020 में तूफानों के नाम की नई लिस्ट जारी की थी। इसमें निसर्ग, अर्नब आग, व्योम, जैसे 160 नाम हैं।

• बिपरजॉय से पहले मई में मोका तूफान आया था, जिसने बांग्लादेश और म्यांमार में तबाही मचाई थी। इस तूफान को यमन ने नाम दिया था।

• उत्तरी हिंदमहासागर में अगला जो भी तूफान आएगा, उसका नाम तेज रखा जाएगा। यह नाम भारत ने सुझाया है।

• नाम चुनते वक्त ध्यान रखना होता है कि ये किसी व्यक्ति या समूह की भावनाएं आहत न करे। राजनीतिक शख्सियतों और धर्म से जुड़े नाम नहीं रखे जाते हैं।

• अमेरिका ने वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान चक्रवातों को महिलाओं का नाम देना शुरू किया था। अब अमेरिका में हर साल के लिए 21 नामों की लिस्ट तैयार की जाती है।

• अमेरिका में हर अल्फाबेट से एक तूफान का नाम रखा जाता है। Q, U, X, Y,Z से कोई नाम शुरू नहीं होता। इस तरह ये कुल 21 नाम होते हैं।

 

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