राजस्थान के भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मजदूर को आयकर विभाग (income tax department) की ओर से 66 करोड़ रुपये का नोटिस मिला। दरअसल, आयकर विभाग अजमेर ने जिले के हुरदा नुवासी रंग लगाने वाले युवक को हुरदा निवासी गोविंद भील को नोटिस दिया है। इस शख्स की ये गलती थी कि उसने हिंदुस्तान जिंक में नौकरी दिलाने के नाम पर अपने दस्तावेज एक व्यक्ति को दिए और उससे खाता खुलवा लिया। बाद में जो हुआ वो चौंकाने वाला था।
बहरहाल नोटिस मिलने के बाद उनके परिवार पर काफी संकट आ खड़ा हुआ है। पत्नी और दो बच्चियों के साथ कच्चे घर में रहने वाले गोविंद दो वक्त की रोटी का इंतजाम भी बमुश्किल से रंगाई पुताई करके कमा पाता है।
गोविंद भील का कहना है कि मकानों और सार्वजनिक स्थलों के लिए रंगाई पुताई का काम करता है। उसके अनुसार साल 2017 में उसने पास ही के हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में काम करने के लिए पैन कार्ड बनवाकर बैंक में खाता खुलवाया था। उसका कहना है कि खाता खुलवाने के बाद भी उसे हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में नौकरी नहीं मिल पाई। उसने बताया कि खाता खुलाने से लेकर लंबे समय तक किसी तरह का कोई लेन-देन नहीं हुआ। गोविंद ने बताया कि उसे नहीं पता कि किसने और कैसे उसके बैंक खाते का इस्तेमाल किया।
खाते से हुआ 66 करोड़ का लेन-देन
गोविंद भील का कहना है कि आयकर का नोटिस मिलने के बाद वो 14 जुलाई को अजमेर आयकर कार्यालय में प्रस्तुत हुआ तो उसे बताया गया कि उसके खाते से 66 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। उसने बताया कि वो एक गरीब व्यक्ति है और 5 से 8 हजार रुपए मासिक भी मुश्किल से कमा पाता है। ऐसे में आयकर विभाग की ओर से लगाया गया 10 हजार रुपए जुर्माना भी वो नहीं भर सकता है।
दूसरी हैरान करने वाली बात ये है कि जो व्यक्ति ब्लो पोवर्टी लाइन यानी BPL की श्रेणी में आता है। जो मासिक रकम भी उतनी नहीं कमा पाता कि उसका घर चल सके, तो उसके खाते से करोड़ों की रकम कैसे ट्रांसफर क जा सकती है। गोंविद के अनुसार उसने अपने जीवन में कभी आयकर विभाग को नहीं देखा था।
सोचने वाली बात यह है कि जब इस व्यक्ति ने कभी आयकर विभाग का कार्यालय नहीं देखा और न ही कार्यालय के अधिकारियों को देखा है, तो उसे आयकर विभाग का नोटिस कैसे मिला। इस नोटिस के आने के बाद गोविंद उसका परिवार और उसके जानने वाले भी इस बात से हैरान हैं।
बता दें कि राजस्थान के अजमेर में भी इसी साल मार्च में इसी तरह का मामला सामन आया था। यहां ईंट-भट्ठा मजदूर के नाम पर 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। यहां भी पीड़ित को इस बात का पता तब चला जब आयकर विभाग ने उसे इतनी बड़ी रकम के ट्रांजेक्शन का नोटिस भेजा।
पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसके नाम से फर्जी पैन कार्ड बनाकर बैंक में खाता खोला गया था। वहीं इसके बाद आरोपियों ने कंपनी बनाकर करोड़ों का लेन-देन किया गया, जबकि वह ईंट भट्ठे में मजदूरी कर गुजर बसर करता है।
इस ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर पुखराज ने पुलिस में मामला दर्ज कराया था कि अज्ञात स्थानीय व्यक्ति या परिचित उसका फर्जी पैनकार्ड बनाकर उसी के नाम से बैंक खाता खोल कर व्यवसाय कर रहा है। पुखराज ने कहा था कि आयकर विभाग की ओर से जो पैनकार्ड बताया गया वो उसका है ही नहीं।
पीड़ित का कहना था कि आरोपियों ने मिलीभगत कर धोखाधड़ी कर उसके नाम से बैंक में फर्जी खाता और फर्जी फर्म खोला था। वहीं फर्जी पैनकार्ड बनवाकर लेन-देन किया था।
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