Nobel Prize: श्रम बाजार में महिलाओं के योगदान पर व्यापक अध्ययन के लिए अमरीका की क्लाॅउडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) को इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए चुना गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने सोमवार को यह ऐलान करते हुए कहा कि गोल्डिन ने श्रम बाजार में महिलाओं की सक्रियता के नतीजों के बारे में हमारी समझ को विकसित किया। उन्होंने अपने शोध में महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार के परिणामों का पहला व्यापक ब्योरा प्रदान किया। उनके शोध से नए पैटर्न का पता चलता है, परिवर्तन के कारणों की पहचान होती है और जेंडर गैप के बारे में भी जानकारी मिलती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर क्लाउडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) के अध्ययन का दायरा महिला श्रम, कमाई के मामले में लैंगिक भेद, आर्थिक विषमता, तकनीकी बदलाव, शिक्षा और आव्रजन तक फैला है। (Nobel Prize in Economics) उनकी किताब ‘करियर एंड फैमिली : वुमेंस सेंचुरी लांग जर्नी टूवर्ड इक्विटी’ हाल ही प्रकाशित हुई है। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के वेतन में अंतर के कारणों को समझने के लिए विशेष रूप से गहन शोध किया।
अतीत की पृष्ठभूमि में वर्तमान की व्याख्या
क्लाउडिया गोल्डिन 1989 से 2017 तक अमरीका के नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीईआर) में अमरीकी अर्थव्यवस्था कार्यक्रम की निदेशक थीं। वह एनबीईआर के जेंडर इन द इकोनॉमी ग्रुप की सह-निदेशक भी हैं। आर्थिक इतिहासकार और श्रम अर्थशास्त्री के रूप में गोल्डिन के ज्यादातर शोध अतीत की पृष्ठभूमि में वर्तमान की व्याख्या करते हैं और चिंता के मुद्दों के उत्पत्ति की पड़ताल करते हैं।
ऐसे बढ़ा महिलाओं का आत्मविश्वास…
गोल्डिन को दुनिया की दस सबसे प्रभावशाली महिला अर्थशास्त्रियों में गिना जाता है। (Nobel Prize) उन्हें जेंडर इकोनॉमिक्स को मुख्यधारा में लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने शोध में पाया कि गर्भनिरोधक गोलियों की उपलब्धता बढऩे और तलाक के मामलों में बढ़ोतरी से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा। इससे महिलाओं को समाज में अपनी अलग पहचान बनाने की प्रेरणा मिली।
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