Bitcoin Record:बिटकॉइन ने पार किया $100,000 का रिकॉर्ड, ट्रंप के फैसले से नई उम्मीद Read it later

Bitcoin Record: क्रिप्टोकरेंसी बाजार ने गुरुवार को भारी उछाल देखा, जब बिटकॉइन (BTC) ने $100,000 का रिकॉर्ड स्तर पार कर लिया। यह उछाल तब आया जब अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने पॉल एटकिंस को US SEC (Securities and Exchange Commission) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की।

पॉल एटकिंस क्रिप्टो समर्थक माने जाते हैं और उनकी नियुक्ति को इस सेक्टर के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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क्रिप्टो स्टॉक्स में उछाल

इस खबर का असर क्रिप्टो स्टॉक्स पर तुरंत देखा गया।

  • Coinbase (COIN): इस खबर के बाद शुरुआती कारोबार में 5% तक उछल गया। यह स्टॉक 2024 की शुरुआत से अब तक 90% की बढ़त पर है।
  • MicroStrategy (MSTR): यह स्टॉक 8% बढ़ा लेकिन बाद में मामूली गिरावट दर्ज की। यह कंपनी बिटकॉइन को अपने प्रमुख ट्रेजरी रिजर्व के रूप में अपनाने वाली सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी है।
  • Riot Platforms (RIOT): इस बिटकॉइन माइनिंग कंपनी ने शुरुआती कारोबार में 6% की बढ़त दर्ज की लेकिन बाद में इसमें भी गिरावट आई।
पॉल एटकिंस की नियुक्ति: क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए राहत

पॉल एटकिंस के SEC प्रमुख बनने की खबर को क्रिप्टो समुदाय ने सकारात्मक रूप से लिया है।

याहू फाइनेंस की रिपोर्ट के अनुसार, एटकिंस का मानना है कि क्रिप्टो पर ऐसी नीतियां लागू होनी चाहिए, जो नवाचार को बाधित न करें और अनावश्यक नियंत्रण न लगाएं।

उनकी नियुक्ति मौजूदा SEC प्रमुख गैरी गेन्सलर की जगह होगी। गेन्सलर के कार्यकाल में SEC ने FTXCoinbase, और Binance जैसी प्रमुख कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे।

Bitcoin Record

बिटकॉइन का रिकॉर्ड स्तर

गुरुवार को बिटकॉइन $103,500 तक पहुंच गया।

Oppenheimer के वरिष्ठ विश्लेषक ओवेन लॉ ने कहा कि निवेशकों को इस उच्च स्तर पर सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा:
“जब बिटकॉइन $100,000 के स्तर पर पहुंचता है, तो कुछ लोग बेचने का दबाव बना सकते हैं और अगले बड़े ब्रेकआउट की तलाश करेंगे।”

ट्रंप की जीत: क्रिप्टो समुदाय के लिए वरदान?

डोनाल्ड ट्रंप की जीत को क्रिप्टो सेक्टर के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

  • बिटकॉइन कॉन्फ्रेंस: ट्रंप ने जुलाई में आयोजित वार्षिक बिटकॉइन कॉन्फ्रेंस में भाग लिया था।
  • कैबिनेट में क्रिप्टो समर्थक: ट्रंप के कैबिनेट में कई सदस्य क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक माने जाते हैं, जिनमें JD वेंस और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं।
  • क्रिप्टो सीजर: रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन एक नए क्रिप्टो सीजर पद की योजना बना रहा है, जो व्हाइट हाउस में क्रिप्टो नीतियों की देखरेख करेगा।
गेन्सलर के नेतृत्व में कड़े कदम

गैरी गेन्सलर के SEC प्रमुख रहते क्रिप्टो इंडस्ट्री पर सख्ती से कार्रवाई की गई।

  • FTX और Binance जैसे बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ प्रमुख मुकदमे दर्ज किए गए।
  • SEC ने छोटे अनियमित क्रिप्टो ब्रोकरों पर भी जुर्माने लगाए।
  • समर्थकों का कहना है कि गेन्सलर ने उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई।
  • विरोधियों का मानना है कि उनकी नीतियां नवाचार को रोक रही थीं।
भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां

ट्रंप के नेतृत्व में SEC और व्हाइट हाउस क्रिप्टो इंडस्ट्री को नए आयाम देने की योजना बना रहे हैं।

  • इनोवेशन को प्रोत्साहन: नई नीतियां क्रिप्टो इनोवेशन को बढ़ावा दे सकती हैं।
  • न्‍यूट्रेलिटी बढ़ाने की पहल: उद्योग में भरोसा कायम करने के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
  • वैश्विक प्रतिक्रिया: अन्य देश अमेरिका के क्रिप्टो नियमों को करीब से देख रहे हैं।
क्रिप्‍टो कम्‍यूनिटी के रिएक्‍शंस

क्रिप्टो उद्योग के खिलाड़ी इस बदलाव से काफी उत्साहित हैं।

  • Coinbase के CEO ने ट्वीट किया: “इनोवेशन के लिए यह सही समय है।”
  • Binance के प्रवक्ता ने कहा: “हम पॉजिटिव बदलाव की ओर देख रहे हैं।”
1 साल में बिटकॉइन की कीमत में 118% की वृद्धि: क्या अभी और बढ़ेगी कीमत?

बिटकॉइन (Bitcoin) ने पिछले एक साल में जबरदस्त उछाल दिखाया है। 6 दिसंबर 2023 को इसकी कीमत 43,494 डॉलर (करीब 36.85 लाख रुपये) थी, जो अब 102,585 डॉलर (करीब 86.91 लाख रुपये) तक पहुंच चुकी है। यह 118% की बढ़ोतरी दर्शाता है।

क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में बिटकॉइन की कीमत में और तेजी देखने को मिल सकती है। इसके पीछे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बढ़ती वैश्विक स्वीकृति और संस्थागत निवेश की बड़ी भूमिका है।

Securities and Exchange commissioner Paul Atkins
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिश्नर पॉल एटकिंस वाशिंगटन में 7 मई, 2008 को बोलते हुए। (रॉयटर्स/मॉली रिले)(संयुक्त राज्य अमेरिका)
बिटकॉइन की कीमत में तेजी के कारण
  1. वैश्विक स्वीकृति (Global Adoption):
    बड़ी कंपनियां और सरकारें अब क्रिप्टोकरेंसी को अपना रही हैं।
  2. संस्थागत निवेश (Institutional Investment):
    बड़े फंड और कंपनियां बिटकॉइन को निवेश के रूप में देख रही हैं।
  3. आपूर्ति की सीमा (Limited Supply):
    बिटकॉइन की कुल आपूर्ति 21 मिलियन तक सीमित है, जिससे मांग के बढ़ने पर कीमतें बढ़ती हैं।
  4. डिजिटल संपत्ति में रुचि (Interest in Digital Assets):
    निवेशक इसे “डिजिटल गोल्ड” मानते हैं और इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में देखते हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का नियम

भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कड़े टैक्स नियम लागू किए हैं।

  1. कमाई पर 30% टैक्स:
    क्रिप्टोकरेंसी से हुई किसी भी कमाई पर 30% टैक्स देना होगा।
  2. 1% TDS:
    हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस (Tax Deducted at Source) लागू होगा।
  3. गिफ्ट पर टैक्स:
    अगर किसी को क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट की जाती है, तो गिफ्ट रिसीवर को 30% टैक्स चुकाना होगा।
कैसे प्रभावित हो रहे भारतीय क्रिप्टो निवेशक?
  • कम ट्रेडिंग वॉल्यूम:
    कड़े टैक्स नियमों के कारण भारतीय निवेशकों में ट्रेडिंग में कमी आई है।
  • अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर रुझान:
    भारतीय निवेशक अब अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज का रुख कर रहे हैं।
  • क्रिप्टो उद्योग का भविष्य:
    टैक्स नियमों के कारण छोटे निवेशक असमंजस में हैं, लेकिन संस्थागत निवेशक इसे डिजिटल संपत्ति के भविष्य के रूप में देख रहे हैं।
क्या बिटकॉइन की कीमत और बढ़ेगी?

क्रिप्टो विश्लेषकों का कहना है कि बिटकॉइन की कीमतें $120,000 तक जा सकती हैं। इसके पीछे की वजहें हैं:

  • बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति।
  • संस्थागत निवेश में वृद्धि।
  • नई क्रिप्टो नीतियों का लागू होना।
बिटकॉइन में निवेश के लिए एक्सपर्ट की सलाह
  1. लंबी अवधि का नजरिया रखें।
  2. सही समय पर निवेश करें।
  3. जोखिम को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करें।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल भुगतान का एक आधुनिक तरीका है, जिसका उपयोग गुड्स और सर्विसेज के पेमेंट के लिए किया जाता है। यह एक नेटवर्क-बेस्ड करेंसी है, जिसे डिजिटल टोकन के रूप में जारी किया जाता है। इन टोकन्स का उपयोग उस कंपनी द्वारा दी जाने वाली गुड्स और सर्विसेज खरीदने के लिए किया जा सकता है, जिसने इसे जारी किया है।

क्रिप्टोकरेंसी किसी एक देश की करेंसी की तरह केंद्रीकृत नहीं होती। इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन माध्यम से संचालित होता है, इसलिए इसके मूल्य में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है।

दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 2009 में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में लॉन्च किया गया था। इसे “सातोशी नाकामोटो” नामक एक अज्ञात समूह द्वारा विकसित किया गया था। बिटकॉइन के लॉन्च के साथ ही डिजिटल करेंसी की यह नई दुनिया शुरू हुई, जिसने वित्तीय लेनदेन में क्रांति ला दी।

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