Board Exam Preparation 2024: ऐसे करें तैयारी, जानिए वो सबकुछ जो बच्‍चों का एग्जाम स्‍ट्रेस दूर करेगा Read it later

Board Exam Preparation 2024: हर एक मूल्यांकन हमें थोड़ा ओर आगे बढ़ने, हमारी क्षमताओं का परीक्षण करने और सफलता प्राप्त करने का अवसर देता है। इसलिए यह जरूरी है कि परीक्षा की तैयारी के दौरान बार-बार अपनी क्षमताओं और कार्ययोजनाओं का मूल्यांकन किया जाए। देखा जाए तो बोर्ड की परीक्षाएं स्टूडेंट्स और उनके एकेडमिक कॅरियर के अगले चरण के बीच खड़ी कोई चुनौती नहीं हैं, बल्कि यह तो शैक्षणिक यात्रा में केवल एक मील का पत्थर है।

जब आप चिंता और तनाव के साथ इस मार्ग पर आगे बढ़ते हैं तो आपका आत्मविश्वास भी कमजोर होने लगता है। शांत मन से परीक्षा की तैयारी ही आपको सफलता की ओर ले जाएगी। इसमें सबसे अहम है योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करना, जिसमें पढ़ाई और आराम का समय, दोनों को शामिल करें। दिनभर किताबों में भी न उलझे रहें, इससे आपको मानसिक और शारीरिक थकान ज्यादा होगी, जो किसी न किसी तरह से आपके परिणाम को प्रभावित कर सकती है।

बोर्ड की परीक्षा अब नजदीक है, ऐसे में इन महत्त्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी अध्ययन की रणनीति तैयार करें। ये टिप्स आपको सफलता के मार्ग की ओर आगे बढ़ने में मददगार होंगे।

परीक्षा की सुबह और अंतिम समय में हड़बड़ाहट में रिवीजन की कोशिश न करें। इससे आपका तनाव बढ़ेगा और प्रश्नों के जवाब को लेकर भ्रम की स्थिति भी अधिक हो जाएगी। इसलिए परीक्षा से पहले यदि आपको रिवीजन करने का थोड़ा समय मिल रहा है तो उसमें केवल कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं का ही दोहराव करें।

इसी तरह परीक्षा देने के बाद प्रश्न पत्र का विश्लेषण करने से बचना चाहिए, इससे आपके अगले प्रश्न पत्र की तैयारी प्रभावित हो सकती है। इसलिए पेपर देने के बाद अगले प्रश्न पत्र की तैयारी में जुट जाए। परीक्षा खत्म होने के बाद अपने प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करें।

 

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खुद पर विश्वास करें

बोर्ड की परीक्षा का समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन सही रणनीति और मानसिकता से आप इसमें सफलता हासिल कर सकते हैं। इसलिए एक गहरी सांस लें और खुद पर विश्वास करें। यह समय परीक्षा के दौरान होने वाले भय और आत्म-संदेह पर काबू पाने वाला है। याद रखिए कि आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा है। आप हर बाधा को पार कर सकते हैं, जीवन में आने वाली कठिनाइयों से निपटने के लिए मजबूत हैं।

परीक्षा का लक्ष्य केवल ‘ए’ स्कोर करने से कहीं अधिक अपने आत्मविश्वास और ज्ञान को भविष्य के कैनवस पर उतारना है। इसलिए आगे बढ़ें और बोर्ड की परीक्षा में सफलता को हासिल करें। यह जानें कि आप कौनसी अविश्वसनीय चीजें हासिल करने में सक्षम हैं, फिर उन्हें तराशना शुरू कर दें।

कुछ स्टूडेंट्स को परीक्षा वाले दिन बहुत तनाव हो जाता है, लेकिन इस तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है परीक्षा केंद्र में जल्दी पहुंचें और आराम से परीक्षा दें। परीक्षा केंद्र पर जल्दी पहुंचने से आपको किसी तरह की हड़बड़ाहट नहीं होगी और आपको सहज होने का समय मिलेगा।

मन और दिमाग को शांत रखने के लिए परीक्षा से पहले कुछ देर गहरी सांसें लें और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करें। परीक्षा शुरू करने से पहले इन बातों पर विशेषतौर पर गौर करें।

सिलेबस को छोटे-छोटे भागों में बांट लें। हर एक विषय को अपनी क्षमताओं एवं कमजोरियों के अनुसार अध्ययन का समय निर्धारित करें।

आप जो भी विषय पढ़ रहे हैं उसमें से क्या प्रश्न तैयार हो सकते हैं, इसके बारे में विचार करें।

अपने ज्ञान को बढ़ाने और समस्या समधान के लिए आप फ्लैशकार्ड और तस्वीरों की मदद लें। जब किसी कठिन विषय को आप पॉइंट्स में लिखकर या चित्र के माध्यम से समझेंगे तो यह आपको ज्यादा प्रभावी तरीके से याद होगा।

बार-बार अभ्यास करें, इससे विषय पर पकड़ भी बनेगी। अभ्यास प्रश्नों को हल करने का तरीका ऐसा हो जैसे आप परीक्षा केंद्र में बैठकर प्रश्न कर रहे हो।

पूर्व के प्रश्न-पत्रों, अभ्यास प्रश्न और मॉक टेस्ट के माध्यम से आप अपनी तैयारी का आकलन कर सकते हैं। इससे आपको यह पता चलेगा कि किन विषयों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

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परीक्षा के दौरान हॉबी को समय देने से बढ़ती सकारात्मकता

कई बार रिवीजन करते समय स्टूडेंट को बहुत बोरियत होने लगती है, खासकर तब जब उन विषयों का अध्ययन किया जा रहा हो, जो कठिन लगते हैं। ऐसे में थोड़ी देर पढ़ाई से ब्रेक लेकर अपनी हॉबी को समय दें, जैसे आपको कुछ क्रिएटिव वर्क करना पसंद है तो उसे कर सकते हैं।

इस दौरान आप कोई आर्ट वर्क भी कर सकते हैं। इसी तरह यदि आपको संगीत पसंद है तो अपना पसंदीदा संगीत सुन सकते हैं या फिर कोई वाद्ययंत्र बजा सकते हैं। इससे शरीर में अच्छे हार्मोंस का स्तर बढ़ेगा, जिससे आपको सकारात्मकता मिलेगी और आप तरोताजा दिमाग से अध्ययन कर सकते हैं।

कई बार परीक्षा में ग्रेड के बारे में बहुत अधिक न सोचना उस ग्रेड स्तर को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका सकता है। परीक्षा के परिणाम पर ज्यादा सोचने से आत्मविश्वास कमजोर होता है।

इसलिए जब भी परीक्षा आपका तनाव बढ़ा रही हो आपके पास स्वयं को उत्साहित, पॉजिटिव करने का कोई तरीका हो और इस हॉबी को अपने टाइम टेबल में अवश्य शामिल कर लें।

कैसे एग्जाम स्‍ट्रेस दूर करें जानिए मनोचिकित्सक डॉ. मनोज मिश्रा

बोर्ड की परीक्षाएं कुछ समय बाद शुरू होने वाली हैं, जिसका तनाव आज के समय सिर्फ बच्चे ही नहीं ले रहे, बल्कि बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के दौर में बच्चों से ज्यादा माता-पिता उनकी पढ़ाई को लेकर तनाव में रहते हैं। परीक्षा के दौरान माता-पिता को बच्चों की डाइट, परीक्षा में नंबर, उनकी सही देखभाल और भविष्य को लेकर चिंता लगातार बनी रहती है।

लेकिन आपका चिंतित रहना और घर में तनावपूर्ण माहौल बच्चे के प्रदर्शन पर खराब असर डाल सकता है। दरअसल, परीक्षा कोई आपदा नहीं है, जो अचानक से परिवार के सामने आ गई हो। इसके लिए सालभर की ही रणनीति होनी चाहिए। परीक्षा में समय माता-पिता को यह ध्यान रखना जरूरी है कि वे स्वयं बच्चे की परीक्षा का तनाव न लें, बल्कि उसे तनावमुक्त और सकारात्मक वातावरण दें।

प्रयास पर ध्यान दें

यदि आप बच्चे के परिणाम की चिंता करते रहेंगे तो आपको निश्चित रूप से तनाव होगा। इसलिए आप यह न सोचें कि परिणाम क्या होगा, बल्कि यह देखें कि आपका बच्चा कितना प्रयास कर रहा है। किसी परीक्षा में वास्तविक अंक बच्चे की कड़ी मेहनत का सूचक नहीं होते हैं। इसलिए बच्चे का प्रदर्शन सुधारने में उसकी मदद करें।

अपेक्षाएं न रखें

हर बच्चे में कुछ न कुछ काबिलियत होती है, उसकी क्षमताओं को दूसरों से कमतर न आंके। जब आप अपने बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से करेंगे तो आपका तनाव बढ़ेगा। इसलिए बच्चे की क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए ही उसके लिए लक्ष्य बनाएं और उसे उन सपनों की दिशा में काम करने दें। इससे बच्चे को प्रेरण मिलेगी और तनाव का स्तर कम होगा।

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दिनचर्या न बदलें

परीक्षा के दिन जैसे-जैसे नजदीक आते हैं पेरेंट्स की दिनचर्या बदलने लगती है। लेकिन यह आपकी परीक्षा नहीं है, आपके बच्चे की परीक्षा है। इसलिए अपनी दिनचर्या में बदलाव न करें। सोशल एक्टिविटी में यदि शामिल होना जरूरी है तो उनमें जरूर शामिल हो। इस तरह अपनी दिनचर्या को सामान्य रखकर घर में सकारात्मकता बढ़ाएं।

 

सहयोग करें

यदि बच्चा किसी विषय को लेकर तनाव में हैं तो उससे बात करें, उसकी बातों को सुनें। उसकी समस्या को दूर करने का प्रयास करें, न कि उसे यह कहे कि अभी तक तुम्हारी समस्याएं ही खत्म नहीं हुई। यदि आप गुस्सा करेंगे तो बच्चा आपसे अपनी परेशानी को साझा नहीं करेगा। परीक्षा के दिन नजदीक है, इसलिए बच्चे का सही रणनीति बनाने में सहयोग करें।

आपकी चिंता बच्चे् के लिए न बने दबाव

बच्चे की भविष्य की चिंता करना हर माता-पिता के लिए स्वाभाविक है, परंतु इससे भी महत्त्वपूर्ण है इस तनाव का प्रबंधन करना। बोर्ड की परीक्षा तक बच्चों में अपने कॅरियर की समझ विकसित हो जाती है, इसलिए उन पर उपलब्धियों का अनावश्यक दबाव न बनाएं, बल्कि उन्हें अपनी पढ़ाई की जिम्मेदारी स्वयं लेने दें। इस तरह आपको सहज देखकर बच्चे का भी आत्मविश्वास बढ़ेगा।

सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें

इस समय छात्रों के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि वे एग्‍जाम से कुछ दिन पहले से ही सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना लें। इस समय सोशल मीडिया आपको बोर्ड में अच्छे अंक लाने के लक्ष्य से भटका सकता है। इसलिए, छात्रों से गुजारिश है कि वे बोर्ड परीक्षा के अंत तक न केवल सोशल मीडिया, बल्कि यदि संभव हो तो मोबाइल फोन से भी दूरी बना लें और जरूरी कॉल के लिए ही इसका इस्‍तेमाल करें।


एग्जाम फोबिया से बचने का आसान तरीका

यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें परीक्षा के डर से बहुत ज्यादा घबराहट बढ़ जाती है। इससे बचाव का तरीका है इस बात को दिमाग में न लाएं कि क्या होगा? बहुत से बच्चे परीक्षा के दौरान यह सवाल खुद से बार-बार करते हैं- परफॉर्मेंस कैसी रहेगी? इसलिए यह सब नहीं सोचना है।


नींद गहरी और सुकून भरी होनी बेहद जरूरी

परीक्षा का बुखार इसलिए भी चढ़ता है, क्योंकि नींद पूरी नहीं होती या डर, तनाव, घबराहट के कारण ठीक से आती नहीं। जबकि नींद पूरी लेनी बेहद जरूरी होती है। कम से कम आठ घंटे की गहरी नींद इस दौरान लेनी चाहिए। मानसिक और शारीरिक थकान दूर होगी, तब ही मन पढ़ाई में लगेगा। सर्केडियन रिदम यानी शरीर की आंतरिक घड़ी को समझें।

इस रिदम में खराबी से मूड और मस्तिष्क से जुड़े डिसऑर्डर होने की आशंका बढ़ जाती है। सोने-जागने की दिनचर्या बनाएं। कहा जाता है बेटर स्लीप, बेटर ग्रेडस। कई स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि जो बच्चे परीक्षा से पहले पूरी नींद लेते हैं, उनका परिणाम बहुत अच्छा होता है। 15 से 20 मिनट की पावर नेप लें। नींद की कमी आपकी क्षमताओं और तनाव के स्तर को प्रभावित करती है।


घंटों पढ़ने के बजाय, छोटे-छोटे अंतराल लें

यह सोच गलत है कि परीक्षा है, तो देर तक पढ़ाई करनी है। इससे आपको बोरियत होने लगेगी और विषय भी बोझिल लगेगा। देखा जाए तो घंटों किताब लिए बैठे रहने से बेहतर है, पढ़ाई के बीच छोटे-छोटे अंतराल रखें। इससे आपको अनावश्यक परीक्षा का तनाव नहीं होगा और पढ़ाई भी ज्यादा प्रभावी तरीके से कर सकेंगे। इसलिए मानसिक तनाव से बचने के लिए ब्रेक लेकर पढ़ाई करें।

कई रिसर्च इस बात का खुलासा करती हैं कि पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लेने से प्रोडक्टिविटी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को सुधारा जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले टाइम टेबल बनाएं। 45 से 50 मिनट तक पढ़ाई करने के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें। इस समय में थोड़ा टहल लें। गहरी सांस लें। इसके बाद जब पढ़ने बैठेंगे, तो एक अलग ही ऊर्जा महसूस करेंगे।


विफलता के डर से बाहर आएं

अपनी कोशिशों का आकलन करना चाहिए। फीयर ऑफ फेलियर यानी विफलता के डर से बाहर आएं। खुद की तुलना किसी से न करें। सेल्फ आइडेंडिटी को लेकर डाउट होने लगता है। परीक्षा आपके लिए अहम है, लेकिन यह न सोचें कि आपका अच्छा रिजल्ट ही आपकी पहचान है।


आपके आसपास हो एक सपोर्ट सिस्टम

परीक्षा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और अध्यापकों का एक सपोर्ट सिस्टम तैयार करें। यदि आपको किसी तरह का तनाव हो रहा है या किसी विषय को लेकर चिंतित हैं तो इसके बारे में अपने सपोर्ट सिस्टम से बात करें। इससे आपका तनाव कम होगा और सही दिशा में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन मिलेगा।

 

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