सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT platform ALTBalaji) पर वल्गर (अश्लील) सामग्री परोसने के लिए फिल्म निर्माता और बालाजी प्रोडक्शन की ओनर एकता कपूर (Ekta Kapoor) को कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने एकता पर टिप्पणी करते हुए कहा- आप आज के युवाओं के दिमाग को भ्रष्ट कर रही हैं। आपकी वेब सीरीज युवाओं को बिगाड़ने का काम कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने शुक्रवार को एकता से कहा कि आपका कंटेंट हर जगह उपलब्ध है। कहीं से भी देखा जा सकता है। आप लोगों को किस तरह की चीजें दिखाने की कोशिश कर रहे हैं? आप आज के युवाओं के दिमाग को भ्रष्ट कर रही हैं। आप उन्हें गलत विकल्प देने का काम कर रही हैं।
क्या था पूरा मामला
दरअसल, एकता कपूर के विरुद्ध बिहार के बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक शंभू कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। कुमार ने निचली अदालत में दायर शिकायत में आरोप लगाया था कि एकता कपूर के ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज XXX सीजन 2 (Alt Balaji web series XXX) में एक सिपाही की पत्नी के बारे में आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए थे।
इससे साेल्जर्स के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। कोर्ट ने एकता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इस मामले में राहत के लिए एकता सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एकता को जमकर कड़ी फटकार लगाई। अदालत की नाराजगी तब और बढ़ गई जब उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि गिरफ्तारी से राहत की मांग करते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, लेकिन वहां जल्द सुनवाई की उम्मीद नहीं है।
इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने एकता कपूर को चेतावनी देते हुए कहा कि जब भी आप इस कोर्ट में आती हैं… हम इसकी कद्र नहीं करते। ऐसी याचिका दायर करने के लिए हम आपसे लागत वसूल करेंगे।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लंबित रखा और सुझाव दिया कि पटना उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई की स्थिति की जांच के लिए एक स्थानीय वकील की नियुक्ति की जा सकती है।
यह कोर्ट सिर्फ उनके लिए नहीं है जो महंगे वकीलों का खर्च उठा सकते हैं…
एकता की ओर से बार-बार अर्जी दाखिल करने के बाद भी कोर्ट ने आपत्ति दर्ज कराई। पीठ ने एकता के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि मिस्टर रोहतगी कृपया अपने मुवक्किल को यह बताएं कि आपके पास बहुत पैसा है और आप महंगे वकील रख सकती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बार-बार कोर्ट में अर्जी लेकर आ सकती हैं।
अदालत का समय बर्बाद मत करिए, क्योंकि इस देश में आम आदमी के कई मुद्दे हैं। यह कोर्ट सिर्फ आप जैसे लोगों के लिए ही नहीं है…। यह कोर्ट उनके लिए काम करता है जिनकी कोई आवाज नहीं सुनी जाती…। जिन लोगों के पास हर तरह की सुविधाएं हैं, यदि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है तो आम आदमी की स्थिति के बारे में सोचें।
एकता के पक्ष में बहस कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से एकता की सुरक्षा की मांग की। मुकुल रोहतगी ने एकता की पसंद की स्वतंत्रता के बारे में अदालत से बात की और कहा कि जिस सामग्री को लेकर विवाद है वह सदस्यता आधारित है। पीठ ने इस मामले में भी हैरानी जताई कि आप लोगों को देखने के विकल्प कैसे दे रहे हैं।