डॉक्टर्स की चेतावनी, संभल जाइए, फ्र‍िज का ठंडा पानी पीने से शरीर को ये हो सकते हैं गंभीर नुकसान Read it later

Side Effects of Cold Water in Summer: उत्तर भारत में गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तापमान कई इलाकों में 40°C को पार कर चुका है। Heatwave Alert और चिलचिलाती धूप से परेशान लोग अक्सर राहत पाने के लिए Cold Water या Ice Water का सहारा लेते हैं।

हालांकि ये तात्कालिक ठंडक जरूर देता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये आदत लंबे समय में आपकी सेहत पर क्या प्रभाव डाल सकती है?

Side Effects of Cold Water in Summer क्या हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, ठंडा पानी शरीर के Normal Temperature Regulation को प्रभावित करता है। हमारा शरीर लगभग 98.6°F (37°C) पर काम करता है। जब हम बेहद ठंडा पानी पीते हैं तो शरीर को अपना संतुलन बनाए रखने में अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है, जिससे Metabolism धीमा हो सकता है।

पाचन और न्यूट्रिएंट Absorption पर असर

जब हम Ice Cold Water पीते हैं, तो यह Digestive System को प्रभावित कर सकता है। इससे Indigestion, Bloating, और Gas जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ठंडा पानी शरीर में जरूरी पोषक तत्वों के Absorption को भी धीमा कर सकता है।

Heart Health: जोखिम कितना बड़ा?

Cold Water Consumption से Blood Vessels सिकुड़ने लगती हैं, जिससे Blood Circulation प्रभावित होता है। इससे Heart Rate में अचानक बदलाव हो सकता है। यदि किसी को पहले से Heart Disease या High Blood Pressure है, तो ठंडा पानी पीना बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।

Side Effects of Cold Water in Summer
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किन लोगों को Cold Water से पूरी तरह बचना चाहिए?
  • Heart Patients

  • High BP से पीड़ित लोग

  • Digestive Issues वाले

  • Elderly और बच्चों को

  • Asthma या थ्रोट इंफेक्शन से जूझ रहे लोग

पीने के पानी का सही तापमान क्या होना चाहिए?

विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर के लिए सबसे उपयुक्त पानी वह होता है जो Room Temperature (25-30°C) पर हो। Earthen Pot Water (मटके का पानी) सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है और शरीर के साथ सामंजस्य बनाता है।

Fridge vs Matka: कौन सा बेहतर?
विशेषता फ्रिज का पानी मटके का पानी
तापमान बहुत ठंडा (5-10°C) कूलिंग बैलेंस्ड (25-30°C)
स्वास्थ्य प्रभाव मेटाबॉलिज्म धीमा करता है प्राकृतिक रूप से डाइजेस्टिव सिस्टम को सपोर्ट करता है
इलेक्ट्रिक डिपेंडेंसी हां नहीं
स्वाद हल्का बर्फीला प्राकृतिक और ताजगीभरा
Ayurveda की सलाह

आयुर्वेद के अनुसार, बहुत ठंडा पानी शरीर की अग्नि (Digestive Fire) को कमजोर करता है, जिससे पाचन की क्षमता घटती है। इसलिए गर्मियों में भी ठंडे की जगह हल्का गुनगुना या मटके का पानी पीने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष: क्या करना है और क्या नहीं

करें:

  • मटके का पानी पिएं

  • प्यास लगने पर रूम टेम्परेचर का पानी लें

  • अधिक पसीना आने पर इलेक्ट्रोलाइट्स का ध्यान रखें

न करें:

  • बर्फ वाला पानी बार-बार न पिएं

  • खाली पेट बहुत ठंडा पानी न पिएं

  • हार्ट प्रॉब्लम वालों को Ice Water से बचना चाहिए

क्या Cold Water पीने से Weight Loss में रुकावट आती है?

आयुर्वेद एक्‍सपर्ट्स  के अनुसार, cold water consumption से शरीर का पाचन तंत्र धीमा पड़ सकता है, क्योंकि शरीर को पानी को normal body temperature तक गर्म करने में अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। यह प्रक्रिया न सिर्फ पाचन को प्रभावित करती है बल्कि metabolism slowdown के कारण weight loss efforts पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है।

इसके अलावा, ठंडा पानी शरीर में internal inflammation को बढ़ा सकता है, जो weight gain triggers में से एक माना जाता है। ऐसे में अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप lukewarm or room temperature water का सेवन करें। यह न केवल digestion को सपोर्ट करता है, बल्कि fat metabolism को भी बेहतर बनाता है।

ठंडा पानी कब बन सकता है सेहत के लिए नुकसानदायक?

आयर्वेद एक्‍स्‍पर्ट्स के अनुसार, कुछ खास परिस्थितियों में cold water consumption सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे में इसे पूरी तरह से avoid cold water करना ही बेहतर होता है।

❗ जब ठंडा पानी से हो सकता है नुकसान

भारी थकान या एक्सरसाइज के तुरंत बाद:
इस समय शरीर गर्म होता है और मसल्स एक्टिव रहती हैं। Cold water after workout पीने से अचानक शरीर का तापमान गिरता है, जिससे मसल्स में ऐंठन (क्रैम्प्स) और ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आ सकती है।

भोजन के तुरंत बाद:
Cold water after meals पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। यह पाचन एंजाइम्स की सक्रियता कम कर सकता है, जिससे गैस, अपच और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।

Side Effects of Cold Water in Summer
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गर्मी या धूप में रहने के तुरंत बाद:
जब शरीर का तापमान धूप से बढ़ा हो, तो तुरंत ice water पीने से शरीर को शॉक लग सकता है। इसके कारण बुखार, कमजोरी या सर्दी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

पेट की समस्याओं वाले लोगों के लिए:
जिन्हें पहले से gastric issues, acidity या पेट में जलन रहती है, उनके लिए ठंडा पानी और अधिक परेशानी ला सकता है। इससे पेट में सूजन और अल्सर जैसी स्थितियां बढ़ सकती हैं।

गले की खराश या खांसी में:
Cold water with sore throat गले की मसल्स को और सिकोड़ सकता है, जिससे खांसी बढ़ सकती है। इसके अलावा यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को भी प्रभावित करता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

सर्दी और फ्लू के दौरान:
Cold water during cold and flu गले की सूजन बढ़ा सकता है और रिकवरी को धीमा करता है। इस दौरान गुनगुना पानी पीना ही बेहतर विकल्प है।

हार्ट पेशेंट्स के लिए:
Heart patients and cold water: ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को सिकोड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

✅ गर्मी में पीने के पानी का आदर्श तापमान

गर्मियों में पानी का तापमान लगभग 20-25°C होना चाहिए, जो शरीर के नैचुरल टेम्परेचर के करीब होता है। Room temperature water शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और safe hydration practices का हिस्सा माना जाता है।

गर्मियों में फ्रिज का ठंडा पानी पीने के ये 5 गंभीर नुकसान

1. गले की सेहत पर असर
ठंडा पानी पीने से गले में खराश, टॉन्सिल्स में सूजन या बार-बार इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है।

2. पाचन तंत्र को कर सकता है कमजोर
बर्फ जैसा ठंडा पानी अपच, पेट दर्द और गैस जैसी पाचन संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है।

3. सिरदर्द और माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उनके लिए यह एक ट्रिगर बन सकता है और सिरदर्द बढ़ा सकता है।

4. हार्ट रेट पर असर डालता है
ठंडा पानी पीने से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे हार्ट रेट धीमा हो सकता है और दिल पर दबाव बढ़ सकता है।

5. शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है
अत्यधिक ठंडा पानी शरीर के तापमान में अचानक गिरावट लाता है, जिससे कमजोरी या थकान महसूस हो सकती है।

📌 सलाह:
गर्मी में फ्रिज या बर्फ का पानी बार-बार पीने से बचें। इसकी जगह मटके का पानी या सामान्य तापमान वाला पानी पिएं जो शरीर के लिए ज्यादा सुरक्षित होता है।

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