Tambaku Nishedh Divas 2024: जीवन से निकोटीन ऐसे बाहर करें Read it later

Tambaku Nishedh Divas 2024: तम्बाकू की आदत गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। इसमें मौजूद निकोटीन सेहत के लिए नुकसानदेह होता है और यह कैंसर का कारक भी हो सकता है। चाहे इसका सेवन चबाकर करें या धूम्रपान के जरिए इसमें मौजूद कार्सिनोजनिक तत्त्व शरीर पर बुरा असर डालते हैं।

इसका सेवन दो तरह से होता है

  • 1. धूम्रपान के जरिए
  • इसमें ऐसे उत्पाद आते हैं, जिन्हें जलाकर सेवन किया जाता है। इसमें धुआं उत्पन्न होता है।
  • 2.धुआं रहित उत्पाद के जरिए

इनमें ऐसे उत्पाद आते हैं जिन्हें जलाया नहीं जाता। इन्हें चबाया या चूसा जाता है। नाक से सूंघा जाता है, जिससे रस मुंह या नाक से शरीर में अवशोषित हो जाता है। धुआं रहित तम्बाकू में निकोटीन व हानिकारक रसायन जैसे आर्सेनिक, लैड व फॉर्मेल्डिहाइड होते हैं। धुआं रहित तम्बाकू उत्पाद में हानिकारक रसायनों का स्तर धूम्रपान की तुलना में कम होता है, परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि यह उत्पाद धूम्रपान का सुरक्षित विकल्प है।

 

ई-सिगरेट पीना ज्यादा हानिकारक (Tambaku Nishedh Divas 2024)

ई-सिगरेट (वेप) पीना ज्यादा हानिकारक है। हाल में हुए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन व इंसब्रुक विश्वविद्यालय के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि ई-सिगरेट सामान्य सिगरेट से 19 प्रतिशत ज्यादा हानिकारक है। भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिन्होंने ई-सिगरेट के निर्माण, आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है पर अब भी यह ग्रे-मार्केट में उपलब्ध हैं। प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स में वर्ष 2023 सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 23 प्रतिशत लोग ई-सिगरेट का उपयोग करते हैं, जिनमें से आठ प्रतिशत लोग प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं। वर्तमान में ई-सिगरेट यूजर्स की संख्या जनसंख्या का 0.02 प्रतिशत है।

जानिए इसके बारे में

ई-सिगरेट इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो एक एटमाइजर के उपयोग से शरीर में निकोटीन फैलाती है। इन्हें सामान्य तम्बाकू सिगरेट के विकल्प के रूप में डिजाइन किया गया है। ई-सिगरेट में एक ई-लिक्विड होता है, जिसको गर्म करने के लिए बैटरी का उपयोग किया जाता है और जो पानी, निकोटीन और फ्लेवर का मिश्रण होता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

ई-सिगरेट से सांस की तकलीफ एवं सीने में दर्द हो सकता है। ई-लिक्विड सीधा फेफड़ों में जाता है। हृदय गति और रक्तचाप बढा़ता है जिससे हृदयघात का खतरा होता है। – डॉ हेमंत चतुर्वेदी, हृदय रोग विशेषज्ञ

जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता
  • मसूड़ों का रंग गहरा होना व दांतों पर उनकी पकड़ कम पड़ना जिससे दांतों का ढीला होना।
  • दांतों का क्षय। दांतों की स्टेनिंग एवं मुंह से दुर्गंध आना।
  • मुंह में सफेद चकते बनना, जो गाल, मसूड़े, होंठ या जीभ के कैंसर में परिवर्तित हो सकता है।
  • गले, भोजन नली का कैंसर।
  • आमाशय में घाव व कैंसर।
  • गंध-स्वाद का पता न लगना।
  • गर्भावस्था के दौरान तम्बाकू उपयोग करने से शिशु का जन्म समय पूर्व हो सकता है व शिशु की जान को खतरा हो सकता।
  • हृदय रोग : निकोटीन से हृदय गति एवं रक्तचाप का बढ़ना, हृदय गति का अनियमित होना, जिसके कारण व्यक्ति की अचानक मृत्यु भी हो सकती है।
ऐसे छोड़ें धुआं रहित तम्बाकू – (how to quit tobacco chewing)
  • इसे छोड़ने की एक तिथि नियत करें एवं अपने पास उपलब्ध सभी प्रकार के उत्पादों को दूर करें।
  • अपने चिकित्सक से सलाह करें।
  • अपने मित्रों, रिश्तेदारों एवं शुभचिंतकों से सलाह व मदद लें।
  • आवश्यकता होने पर मुंह में शुगर लेस गम, पम्पकिन-सनफ्लावर सीड या अन्य गुणकारी वस्तु का उपयोग करें।
  • अन्य कार्यों में व्यस्त रहें जैसे संगीत सुनना, पुस्तक पढ़ना, व्यायाम, योग करना, पैदल चलना या दौड़ना।
  • धूम्र रहित तम्बाकू को इस्तेमाल न करने से, जो भी बचत होती है उससे स्वयं के लिए उपहार लें।
  • उन व्यक्तियों, जिन्होंने मदद की है उनके साथ अपना समय बिताएं।

 

तम्बाकू छोड़ने में शुरुआत में परेशानी हो सकती है जैसे घबराहट, चक्कर, कब्ज। मन पक्का व विचार सकारात्मक रखें।-
डॉ. विनोद गर्ग, चेस्ट फिजिशियन

 

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