Jyeshta Maas 2024: ज्येष्ठ मास देता है पानी बचाने की सीख, जानि‍ए इस महीने आपको क्‍या करना चाहिए Read it later

Jyeshta Maas 2024: अभी हिंदू पंचांग का तीसरा मास ज्येष्ठ जारी है। यह 22 जून तक रहेगा। इस माह में बेहद तेज गर्मी होती है, यही कारण है कि वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा (Ganga Dussehra), निर्जला एकादशी जैसे व्रत और त्योहार ज्येष्ठ माह में के दौरान ही मनाए जाते हैं और यही त्‍योहार हमें जल के महत्व या जल बचाने की सीख देते हैं। इस महीने अत्‍यधिक गर्मी के कारण कई स्‍थानों पर पानी की किल्‍लत हो जाती है। ऐसे में हमें पानी के अत्‍यध‍िक दोहन से बचना चाहिए। यहां जानिए ज्येष्ठ माह के इन परंपराओं की मान्‍यता है।

  • वाराणसी के ज्‍योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्‍तम पांडेय के अनुसार निर्जला एकादशी (17 जून) के समय अत्‍यधि‍क गर्मी रहती है। (Jyestha Month Niyam) ऐसे समय के दौरान दिनभर भूखे-प्यासे रहकर पूजा-अर्चना के साथ जनमानस की सेवा का विधान है। (Jyestha Month importance) इस व्रत को तप के समान माना जाता है। यह व्रत हमें जल की एक-एक बूंद के महत्व की सीख देता है।
  • ज्येष्ठ माह में प्रतिदिन प्रात:काल सूर्य देवता जल्‍दी उदय होते हैंं। इस माह के दौरान हम सभी को सूर्योदय से पहले उठकर उगते सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे का ही प्रयोग करें। वहीं ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को जल अर्घ देना चाहिए।
  • इसी तरह घर के मंदिर में पूजा करते समय अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। जैसे महादेव के लिए ऊँ नमः शिवाय, भगवान विष्णु के लिए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और श्री कृष्ण के लिए क्रीं कृष्णाय नमः इसी तरह श्री रामचंद्र जी के लिए रां रामाय नमः, रामभक्‍त हनुमान के लिए श्री रामदूताय नमः, देवी माँ दुर्गा के लिए दुं दुर्गाय नमः का जप किया जा सकता है।
  • देवी-देवताओं की पूजा में ठंडे जल का ही प्रयोग करना सर्वोत्‍तम रहता है। शिवलिंग पर विशेष रूप से ठंडा जल ही अर्पित करना चाहिए।
  • वहीं मंत्र जाप के बाद ही घर के मंदिर में कुछ देर ध्यान लगाने के लिए बैठना चाहिए। इसमें दोनों आंखें बंद कर ध्यान भौंहों के बीच आज्ञा चक्र पर केंद्रित करना चाहिए। इस बीच सांस की गति सामान्य रखें। आप चाहें तो ध्यान करते समय मंत्र जप भी किया जा सकता है। ध्यान करते समय अपने मन को विचारों में इधर-उधर भटकने से बचाते हुए उसे एकाग्र रखें। बता दें कि ध्यान करने से अशांति दूर होती है और नकारात्मक विचार शून्‍य होते जाते हैं और आपकी दैनिक कार्य करते समय मन के भटकने की समस्या दूर होती है।
  • ज्येष्ठ मास में दर्शन और दान, विशेषकर जल दान का बहुत खास महत्व बताया गया है। (Jyestha Month Daan) आप किसी मंदिर या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर जल का स्टॉल या प्‍याऊ लगा सकते हैं या आप किसी जल स्टॉल पर घड़ा या पैसे दान कर सकते हैं।
  • जरूरतमंद लोगों को रुपए की सेवा, अनाज, जूते, चप्पल, कपड़े और छाते का दान कर सकते हैं। इसी तरह गौशाला में गायों की देखभाल के लिए पैसे दान कर सकते हैं। इस मास में गायों को हरी घास खिलानी चाहिए।
  • वहीं गर्मी के कारण इस मास (Jyeshta Maas 2024) में पशु-पक्षियों को आसानी से भोजन और पानी उपलब्‍ध नहीं हो पाता है। ऐसे में लोगों को अपने घर के आसपास पशु-पक्षियों के लिए पानी और भोजन की व्यवस्था अवश्‍य ही करनी चाहिए। हिंदू मान्‍यता के अनुसार ज्येष्ठ मास में इन जीवों की सेवा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्‍ती होती है। अक्षय पुण्य का मतलब है कि किया गया ऐसा पुण्य जिसका कभी क्षय नहीं होता है।
  • गर्मी के इस मास में किसी ऐसे तीर्थ स्थल का जरूर भ्रमण करें जहां आपको गर्मी से राहत मिले। इस मास में उत्तराखंड के चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन किए जा सकते हैं। इसी तरह जातक हरिद्वार, ऋषिकेश जा सकते हैं। ऐसे तीर्थ स्थलोंं से गर्मी में राहत मिलने के साथ मन को शांत मिलती है। वहीं असीम पुण्य की प्राप्‍ती होती है। इससे जातकोंं को सकारात्‍मक ऊर्जा मिलती है। वहीं जातकों को जीवन के बारे में कई तरह की बातें जानने और समझने को मिलती हैं।
  • इस मास में अपने घर के आस-पास के पेड़-पौधों को पानी अवश्य देना चाहिए। यदि आप गर्मियों में पेड़-पौधों को पानी देंगे तो वे सूखने से बचेंगे और हरियाली बनी रहेगी। इससे प्रकृति का भी आशीर्वाद आपको प्राप्‍त होगा।

 

  • ज्येष्ठ के पूरे महीने (Jyeshta Maas 2024) धरती आग उगलती है, सूर्य की प्रचंड किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, (Jyestha Month Niyam) इस दौरान जलस्तर कम होने लगता है। ज्येष्ठ में पेड़-पौधों को लगातार पानी देते रहें। इस कार्य से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है।
  • सूर्य की प्रचंडता को देखते हुए ज्येष्ठ के महीने में दोपहर 12 बजे से 3:00 बजे तक घर के भीतर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे लू लगने की संभावना बढ़ जाती है।
  • ज्येष्ठ में नौतपा के दौरान तेज गर्मी के कारण बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए पानी पीते रहें और जरूरतमंदों के लिए भी पानी की व्यवस्था करें, पेयजल का स्टॉल लगवाएं। शर्बत बांटें।

 

ज्येष्ठ मास कैलेंडर 2024 (Jyestha Month 2024 Vrat Festival)
  • 24 मई 2024 (शुक्रवार) – नारद जयंती, ज्येष्ठ माह शुरू
  • 26 मई 2024 (रविवार) – संकष्टी चतुर्थी
  • 28 मई 2024 (मंगलवार) – पहला बड़ा मंगल
  • 29 मई 2024 (बुधवार) – पंचक शुरू
  • 2 जून 2024 (रविवार) – अपरा एकादशी
  • 4 जून 2024 (मंगलवार) – मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
  • 6 जून 2024 (गुरुवार) – ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती
  • 9 जून 2024 (रविवार) – महाराणा प्रताप जयंती
  • 10 जून 2024 (सोमवार) – विनायक चतुर्थी
  • 14 जून 2024 (शुक्रवार) – धूमावती जयंती
  • 15 जून 2024 (शनिवार) – मिथुन संक्रांति, महेश नवमी
  • 16 जून 2024 (रविवार) – गंगा दशहरा
  • 17 जून 2023 (सोमवार) – गायत्री जयंती
  • 18 जून 2024 (मंगलवार) – निर्जला एकादशी
  • 19 जून 2024 (बुधवार) – प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 22 जून 2024 (शनिवार) – ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत, कबीरदास जयंती

 

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