Winter Yoga Tips: सर्दी में शरीर कम सक्रिय होता है। आउटडोर एक्टिविटी घट जाती है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली घट जाती है। ऐसे में एक्टिविटी बढ़ाना भी जरूरी है। यह ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखता है। कोशिकाएं अपना काम प्रभावी ढंग से कर पाती हैं। भले ही आप बाहर जाकर इसे न कर पाएं तो घर पर रहते हुए कुछ योगाभ्यास करें। इससे सर्दी में भी स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
सूर्य नमस्कार (Surya nmaskar Winter Yoga Tips)
स्वस्थ हड्डियों के लिए : सुबह सूर्य की ओर मुख करके किया गया सूर्य नमस्कार विटामिन डी के उत्पादन को उत्तेजित करता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य और इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
ऐसे करें : इसमें 12 योग मुद्राएं होती हैं। हर मुद्रा में कुछ सेकंड रुकें। हमेशा खुली, हवादार जगह पर सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें।
यदि सुबह या दिन में इसका अभ्यास कर रहे है तो पूर्व की दिशा की और शाम को कर रहे हैं तो पश्चिम की तरफ अपना मुंह रखें। सूर्य नमस्कार हमेशा खाली पेट करना चाहिए।
वीरभद्रासन
ताकत और लचीलापन : वीरभद्रासन और गरुड़ासन सर्दियों के मौसम के लिए एकदम सही आसन हैं क्योंकि इनमें कई मांसपेशियों की कसरत हो जाती है। यह मांसपेशियों की टोन और जोड़ों की स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।
ऐसे करें : (Winter Yoga Tips) अपने पैरों को आरामदायक दूरी पर रखें। अपने दाहिने पैर को दाईं ओर मोड़ें और बाएं पैर को थोड़ा सा दाएं ओर झुकाएं। बाहों को फर्श के समानांतर फैलाएं और अपने हिप्स को खोलें। धीरे से अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाईं ओर देखें। इन्हीं चरणों को बायीं ओर दोहराएं।
मलासन
बेहतर पाचन और हार्मोनल संतुलन के लिए : मलासन पाचन और मेटाबोलिज्म में सहायता करता है, जो सर्दियों के महीनों के दौरान महत्वपूर्ण है। सर्वांगासन अंत:स्रावी तंत्र को नियंत्रित करता है और हार्मोनल संतुलन का समर्थन करता है जो ठंडे मौसम में आवश्यक होता है।
ऐसे करें : पैरों को चौड़ा करके खड़े हो जाएं। घुटनों को मोड़कर शरीर को बैठने की स्थिति में लाएं। पैरों को अपने कंधों से अधिक चौड़ा रखें ताकि जांघों के बीच धड़ को जगह मिल सके। प्रार्थना की मुद्रा में हाथों को छाती के सामने एक साथ जोड़ें।
उत्कटासन
डेस्क वर्क के दौरान सुस्ती को दूर करने के लिए आपके हृदय और डायाफ्राम को यह आसन उत्तेजित करता है। जांघों, पिंडलियों और रीढ़ को मजबूत बनाता है। पेट के अंगों को टोन करता है।
कैसे करें: अपने पैरों में सामान्य अंतर रखते हुए खड़े हो जाएं। अपनी भुजाओं को जमीन के समानांतर आगे की ओर फैलाएं, हथेलियां नीचे की ओर हों। धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए बैठ जाएं। इस मुद्रा में 30 सेकंड से एक मिनट तक बने रहें और फिर प्रारंभिक मुद्रा में वापस आ जाएं।
डेस्क शोल्डर ओपनर
लंबे समय तक डेस्क पर काम करने से शरीर झुकने लगता है। इससे मुद्रा में सुधार होता है। यह छाती और कंधों को खोलता है। श्वसन क्रिया को बढ़ाता है।
कैसे करें : पैरों में सामान्य अंतर रखते हुए खड़े हों या बैठें। हाथों को सीधा करते हुए अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे पकड़ लें। छाती को खोलते हुए अपनी बाहों को थोड़ा ऊपर उठाएं।
अन्य फायदे (Winter Yoga Tips and benifits )
कोशिश करें कि हर एक घंटे पर ऐसे अभ्यास करें। इससे न केवल शरीर व मन स्वस्थ रहेगा बल्कि इससे कार्यक्षमता में भी बढ़ोत्तरी होती है।
ट्विस्टिंग चेयर पोज
पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। शरीर के कोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। रीढ़ की हड्डी में तनाव से राहत मिलती है। ऑफिस में एक नई तरह का ऊर्जा का संचार होता है।
कैसे करें : अपनी कुर्सी पर थोड़ा आगे बढ़ते हुए बैठें, पैर सपाट रूप से जमीन पर टिके हों। सांस लें, रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाएं। सांस छोड़ें, एक तरफ मुड़ें, एक हाथ विपरीत घुटने या कुर्सी की बगल पर रखें और दूसरा हाथ कुर्सी की पुश्त पर रखें। दूसरी तरफ से इसको दोहराएं।
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