Taliban: काबुल एयरपोर्ट से 30 अगस्त को अमेरिकी सेना के जाने के बाद अफगानिस्तान से लोगों के पलायन का सिलसिला थम नहीं रहा है। तालिबान की क्रूरता और डर के कारण लोग किसी भी तरह देश छोड़ना चाहते हैं। एयरपोर्ट बंद हो चुका है, लेकिन लोगों के पैर नहीं रुक रहे।
अफगानिस्तान पाकिस्तान, तुर्की और ईरान की सीमा पर पहाड़ों और रेतीले रास्तों से होकर पड़ोसी देश की सीमाओं को छूता है। काबुल हवाईअड्डे पर तालिबान लड़ाकों के कब्जा करने के बाद से लोग इन रास्तों से अपनी जान की गुहार लगाकर इन देशों में शरण लेने को आतुर हैं।
डेली मेल ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें हजारों महिलाओं (गर्भवती महिलाओं सहित), बच्चों, बुजुर्गों और युवा तालिबान के साए से दूर जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस भीड़ में कई ऐसे लोग भी हैं, जो 1500 किमी पैदल चलकर तुर्की और ईरान जा रहे हैं।
अब तक का अपडेट जानिए
तालिबान के सत्ता में आने के बाद कतर का एक विमान बुधवार को काबुल हवाईअड्डे पर उतरा। इसमें कतर से आए तकनीकी दल के लोग सवार थे। सूत्रों के मुताबिक यह टीम एयरपोर्ट के संचालन में मदद करेगी। कतर ने बुधवार को तालिबान से अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों के सुरक्षित मार्ग की अनुमति देने का आग्रह किया।
तालिबान ने पंजशीर को घेरने का किया दावा
तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेर लिया है। तालिबान ने विद्रोही लड़ाकों से समझौता करने को कहा है। मुजाहिदीन के एक पूर्व कमांडर के बेटे अहमद मसूद पंजशीर में तालिबान के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।
पंजशीर में अफगानों को एक रिकॉर्डेड भाषण सुनाया गया। इसमें तालिबान के वरिष्ठ नेता आमिर खान मोटाकी ने विद्रोही लड़ाकों से हथियार डालने की अपील की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात सभी अफगानों का घर होगा।
अमेरिकी सैनिकों की वर्दी में तालिबान लड़ाकों ने विजय परेड की
तालिबान लड़ाके बुधवार को लूटे गए अमेरिकी सेना के ट्रकों और हम्वी के साथ विजय परेड करते देखे गए। उन्होंने अमेरिकी सेना की वर्दी भी पहनी हुई थी। परेड में ब्लैकहॉक लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी शामिल थे।
एक वीडियो में अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार के बाहर एक राजमार्ग पर तालिबान के झंडे लिए वाहनों के काफिले को दिखाया गया है। काफिले में 20 साल के युद्ध के दौरान अमेरिका, नाटो और अफगान बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए ट्रक भी शामिल थे।
परेड शहर के बाहरी इलाके आयनो मैना में भी हुई, जिसमें सेनानियों को वाहनों के काफिले के साथ देखा गया।
नॉर्दर्न अलायंस का दावा- पंजशीर की लड़ाई में हमने 350 तालिबान लड़ाकों को मार गिराया है
मंगलवार रात पंजशीर में तालिबान और नॉर्दर्न अलायंस के बीच फिर से जंग शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, गोलबहार को पंजशीर से जोड़ने वाले पुल को तालिबान ने उड़ा दिया। भारी लड़ाई के कारण पंजशीर को परवान प्रांत से जोड़ने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है।
तालिबान ने मुख्य सड़क को कंटेनरों से बंद कर दिया है और शुतुल जिले पर कब्जा कर लिया है। नॉर्दर्न अलायंस ने दावा किया है कि इस लड़ाई में 350 से अधिक तालिबान लड़ाके मारे गए हैं और बड़ी संख्या में हथियार और अमेरिकी वाहन जब्त किए गए हैं।
कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि नॉर्दर्न अलायंस ने 40 से अधिक तालिबान को बंधक भी बना लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है,
लेकिन तालिबान से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर पंजशीर में लड़ रहे मुजाहिदीन के लिए दुआ करने के लिए लिखा जा रहा है। इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट तालिबान की स्थिति के कमजोर होने का संकेत दे रहे हैं।
परवान प्रांत के जबाल सराज जिले, बगलान प्रांत के अंद्राब जिले और ख्वाक पंजशीर में भी लड़ाई हुई। तालिबान पंजशीर घाटी में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है,
लेकिन विद्रोही लड़ाके उन्हें रोकने में कामयाब रहे हैं। बीती रात करीब 11 बजे गोलबहार इलाके में पंजशीर के मुहाने पर मारपीट हो गई। जानकारी के अनुसार अहमद मसूद वर्तमान में नॉर्दर्न अलायंस का नेतृत्व कर रहे हैं।
बाइडेन का प्रॉमिस- अफगानिस्तान में बचे अमेरिकियों को वापस लाएंगे
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी तरह से वापसी के बाद व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बाइडेन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों को वापस लाने का दावा किया
और कहा कि फिलहाल वहां करीब 100-200 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं। सैनिकों की वापसी के बाद, इन फंसे हुए अमेरिकियों के लिए बिडेन की आलोचना की जा रही थी।
जब बाइडेन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो नागरिक फंसे हैं, उनके पास अफगानिस्तान की नागरिकता भी है। पहले इन लोगों ने अपने अफगान मूल का हवाला देकर वहीं रहने का फैसला किया था, लेकिन अब वे वहां से जाना चाहते हैं।
सभी अमेरिकियों में से 90% जो अफगानिस्तान में थे और वापस आना चाहते थे, वे वापस आ गए हैं। फंसे हुए लोगों के लिए कोई डेड लाइन नहीं है। हम उन्हें वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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