काबुल पर एक साथ कई रॉकेट से हमला, पॉवर प्लान्ट निशाने पर था, ISIS-K पर संदेह Read it later

काबुल पर एक साथ कई रॉकेट से हमला

गुरुवार शाम काबुल में कई रॉकेट दागे गए। रूसी समाचार एजेंसी की एक लाइव रिपोर्ट के अनुसार, एक बिजली संयंत्र को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि चामतला इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन को निशाना बनाया गया, लेकिन हमलावरों ने निशाना चूका। 

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस बिजली संयंत्र को क्यों निशाना बनाया गया। घटना के बाद तालिबान के कुछ लोग यहां पहुंचे। पूर्व पुलिस अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया। समाचार एजेंसी के मुताबिक, अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि हमलावर शहर की बिजली आपूर्ति बंद कर कहीं और हमला करना चाहते थे.

ISIS-K . पर हमले का शक

ISIS खुरासान ग्रुप पर रॉकेट हमले का शक जताया जा रहा है। इसने 26 अगस्त को काबुल हवाईअड्डे पर हमला किया था। इसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोग मारे गए थे। इस हमले के खिलाफ अमेरिका ने आतंकी ठिकानों पर ड्रोन हमले भी किए, जिसमें कुछ आतंकी मारे गए।

इधर अफगानिस्तान पर कब्जे के एक महीने बाद तालिबान ने घोषणा की है कि वह देश के लिए एक नई सेना तैयार करने जा रहा है और यह काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। कार्यवाहक सरकार में चीफ ऑफ स्टाफ कारी फसीउद्दीन के अनुसार, जो नई अफगान सेना बनाई जाएगी, 

उसमें पूर्व सैनिक भी शामिल होंगे जो पिछले शासन के दौरान सेना का हिस्सा रहे हैं। कारी ने कहा- अफगानिस्तान को बाहर और अंदर से जो भी खतरा होगा, उसका मुकाबला करने के लिए हमारी सेना तैयार रहेगी।

देश की सुरक्षा पर ध्यान देनें की बात कही

देश की सुरक्षा पर ध्यान देनें की बात कही

तालिबान ने अपनी सेना बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। टोलो न्यूज को दिए इंटरव्यू में कारी ने कहा- हम अपने देश से बहुत प्यार करते हैं। अन्य देशों की तरह हमारे पास नियमित सेना होनी चाहिए और यह बहुत जल्द होगी। इसके जरिए हम अपने लोगों और अपनी सीमाओं की भी रक्षा करेंगे।

कारी ने आगे कहा कि जो लोग सेना में सक्षम थे, जो पिछले शासन के दौरान वहां थे, उन्हें शामिल किया जाएगा। इसमें तालिबान को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। पुराने जवानों को आगे आकर अपनी ड्यूटी फिर से ज्वाइन करनी चाहिए। सेना के पूर्व अधिकारी शकुरुल्ला सुल्तानी ने कहा- तालिबान को उन 3 लाख पूर्व सैनिकों के बारे में सोचना चाहिए जो फिलहाल खाली हैं।

तालिबान का यह बयान क्यों है अहम

कार्यवाहक सरकार की घोषणा के बाद से कई हलकों में सवाल उठ रहे हैं कि पिछली सरकार की सुरक्षा, रक्षा और खुफिया इकाइयों में काम करने वाले लोगों का क्या होगा? क्या तालिबान सरकार इन पर कोई फैसला लेगी? क्या सेना और खुफिया विभाग सक्रिय होंगे?

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