12 Days Ganesh Utsav: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष को शिव परिवार की पूजन का शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस बार भादो शुक्ल तृतीया को हरतालिका तीज (6 सितंबर) मनाई जाएगी। इस व्रत में माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है। (12 Days Ganesh Utsav Festival) इससे अगले दिन से गणेश उत्सव (7 से 17 सितंबर तक) शुरू हो जाता है। इन दिनों में माता पार्वती और गणेश के साथ शिव और कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा करने से असीम फल की प्राप्ति होती है।
वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम शर्मा के अनुसार शिव परिवार की पूजा करने से घर में सुख-शांति का वास बना रहात है। दांपत्य जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए शिव-पार्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए। अगर बुद्धि से जुड़े कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो शिव-पार्वती के साथ गणेश की भी पूजा करनी चाहिए। गणेश को बुद्धिदाता यानी बुद्धि का देवता माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा मना गया है कि उनकी पूजा से भक्तों की बुद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
सौभाग्य बढ़ाेत्तरी करने का व्रत है हरतालिका तीज (12 Days Ganesh Utsav 2024)
तीज तिथि की अधिष्ठात्री देवी पार्वती को माना गया है। इस व्रत से जुड़ी कई हिंदू सनातन धर्म में मान्यताएं हैं, लेकिन सबसे प्रसिद्ध मान्यता देवी पार्वती से जुड़ी है। मान्यता है कि पार्वती ने शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए यह व्रत किया था। हरतालिका तीज व्रत करने वाली महिलाओं को देवी पार्वती और महादेव की कृपा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। (Ganesh Festival and Spiritual Practices) इस व्रत के शुभ प्रभाव से दांपत्य जीवन सुखमय, शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण बना रहता है, जीवनसाथी को लंबी आयु, अच्छा स्वास्थ्य और सौभाग्य मिलता है। जो युवतियां विवाह के लिए मनचाहे वर की अपेक्षा रखती हैं, ऐसी युवतियों को हरतालिका व्रत अवश्य रखना चाहिए।
हरतालिका तीज पर दान जरूर करें
तीज पर व्रत के साथ-साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए। महिलाएं जरूरतमंद सुहागिन महिलाओं को सुहाग की वस्तुएं जैसे चूड़ियां, साड़ी, कुमकुम, बिंदिया, आभूषण आदि दान का कर सकती हैं। महिलाओं को फल लिखाना चाहिए। छोटी कन्याओं का पूजन भी करें और उन्हें पढ़ाई से जुड़ी चीजें दान करें।
7 से 17 सितंबर तक गणेश जी के साथ शंकर-पार्वती की पूजा अवश्य करें
गणेश उत्सव दिनांक 7 से शुरू हो रहा है। (12 Days Ganesh Utsav Rituals) इस दिन घर में गणपति जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी के साथ-साथ शिव-पार्वती और कार्तिकेय स्वामी की भी प्रतिदिन सुबह पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि गणेश उत्सव के दिनों में की गई पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अक्षय पुण्य का मतलब है कि ऐसा पुण्य जिसका शुभ प्रभाव जीवन भर बना रहे। इन दिवसों में ज्योतिर्लिंग, शक्तिपीठ और अष्टविनायक मंदिरों के दर्शन और पूजन भी करनी चाहिए। यदि आप इन मंदिरों में नहीं जा पाते हैं तो अपने शहर के पौराणिक सिद्ध पीठ मंदिरों में जाकर पूजा कर सकते हैं।
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