कोरोनावायरस महज 60 नैनोमीटर का है। (How Novel COVID 19 Outbreak Started) मतलब- इतना छोटा कि एक डॉट में लाखों कोरोनावायरस रह सकते हैं। ये छोटा सा वायरस चीन के वुहान में सबसे पहले सीफूड मार्केट से आया। माना जा रहा है कि सीफूड मार्केट से किसी जानवर से ये वायरस इंसानों में आया। कोरोनावायरस के लिए दुनियाभर में चीन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन सच ये है कि इसे फैलाया इटली ने।
वुहान शहर से इटली की राजधानी रोम के बीच की दूरी साढ़े 8 हजार किमी से भी ज्यादा है। रोम में 31 जनवरी को कोरोना के दो मरीज मिले थे। ये दोनों चीन से आए पर्यटक थे। इसके बाद इटली में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती गई।
इटली से होते ही ये वायरस न सिर्फ यूरोपीय देशों, बल्कि दुनिया के कई देशों में फैलता गया। दुनिया के करीब 50 देशों में कोरोना का पहला मरीज जो मिला, उसका किसी न किसी तरह से इटली से संबंध था। यानी, या तो ये इटली के नागरिक था या इसने इटली की यात्रा की थी।
संक्रमण बढ़ने के बाद भी इटली ने उड़ानें चालू रखीं
कोरोना को रोकने के लिए कई देशों ने ट्रैवल बैन लगा दिया था, लेकिन, इटली में लगातार मामले बढ़ने के बाद भी फ्लाइट चालू रहीं। इटली ने मिलान एयरपोर्ट के एक टर्मिनल को 16 मार्च को बंद किया, जबकि उस समय तक लॉम्बार्डी में 3 हजार 760 से ज्यादा केस आ चुके थे।
इसके उलट चीन ने 23 जनवरी को हुबेई को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया था। उस समय तक हुबेई में 500 के आसपास ही मामले आए थे। वुहान, हुबेई की ही राजधानी है। सिर्फ इटली ही नहीं बल्कि कई यूरोपीय देशों ने भी कोरोना0 बढ़ने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें जारी रखीं।
ऐसे इटली ने फैलाया कोरोना
अल्जीरिया, मोरोक्को, नाइजीरिया, सेनेगल, ट्यूनिशिया जैसे 9 देशों में कोरोना का पहला कन्फर्म केस जो आया था, उसका जुड़ाव इटली से ही था। 9 मार्च को दक्षिण अफ्रीका में पहले 7 मामले मिले थे। ये सातों हाल ही में इटली से यात्रा करके लौटे थे।
अमेरिका
अर्जेंटिना, ब्राजील, बोलिविया, चिली, कोलंबिया, क्यूबा, डोमिनियन रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, उरुग्वे और वेनेजुएला में कोरोना के पहले मामले का मरीज इटली से ही आया था। यूएसए में पहला संक्रमित मरीज वुहान से लौटा व्यक्ति था। लेकिन यूएसए के न्यू हैम्पशायर, रोड आइसलैंड और मिसौरी में जो पहले मरीज मिले थे, वो सभी इटली से लौटे थे।
एशिया
कोरोनावायरस का जन्मदता एशियाई देश चीन था। लेकिन एशियाई देशों में कोरोना चीन से ज्यादा इटली के कारण फैला था। बांग्लादेश में 8 मार्च को पहले तीन केस पाए गए थे। इनमें से दो की ट्रैवल हिस्ट्री इटली की रही थी। भारत में 30 जनवरी से 2 फरवरी के मध्य तीन मामले आए थे। ये तीनों वुहान से लौटे थे। उसके बाद एक महीने तक कोई नया केस नहीं आया, लेकिन, 2 मार्च को दो नए मामले आए।
एक दिल्ली और एक तेलंगाना में। दिल्ली में जो केस था, वो इटली से लौटा था। इसके अलावा 6 मार्च को भारत घूमने आए इटली के 16 नागरिक कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके अलावा श्रीलंका में जो पहला कोरोना इन्फेक्टिव मिला था। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री तो नहीं रही लेकिन, वो एक गाइड था, जो इटली से आए पर्यटकों के साथ था।
यूरोप
कोरोना की सबसे ज्यादा मार यूरोपीय देशों पर ही पड़ा है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, 1 अप्रैल तक यूरोप में कोरोना से 30 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। कोरोना से प्रभावित टॉप-10 देशों की लिस्ट में भी 5 यूरोप के ही हैं।
एंडोरा, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, साइप्रस, डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, लातविया, लिथुआनिया, माल्टा, मोलडोवा, नीदरलैंड, नॉर्थ मैसेडोनिया, पोलैंड, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन में पहले मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री इटली में थी।
ओशिनिया
इस रीजन में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत 14 देश हैं। इन देशों में पहले केस की ट्रैवल हिस्ट्री इटली नहीं थी। हालांकि, न्यूजीलैंड में दूसरे केस की ट्रैवल हिस्ट्री इटली थी।
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