अमेरिका ने रविवार शाम Kabul Airport के पास हवाई हमला किया। इसमें 6 बच्चों समेत 9 की मौत हो गई है। हमले के बाद अमेरिका ने बयान जारी कर कहा कि ISIS-K का एक आत्मघाती हमलावर काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला था। इससे पहले कार को ड्रोन की मदद से एयरस्ट्राइक करके उड़ा दिया गया है।
अमेरिका के स्टेटमेंट के मुताबिक कार पर हमला करने के बाद उसमें एक और धमाका हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमला रविवार शाम एयरपोर्ट के पश्चिम में एक रिहायशी इलाके खाज-ए-बुगरा में हुआ। इससे पहले गुरुवार को Kabul Airport के पास दो आत्मघाती हमले हुए थे। इसने 170 लोगों की जान ले ली।
तालिबान ने भी एक बयान जारी कर घटना की पुष्टि की है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर वाहन में नहीं था।
तालिबान ने भी काबुल एयरपोर्ट पर ISIS के हमले का खतरा बताया था
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी थी कि अगले 24 से 36 घंटों में काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है। बाइडेन ने कहा था कि स्थिति बेहद खतरनाक है और एयरपोर्ट पर हमले को लेकर खतरा काफी बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को वाशिंगटन में अपनी नेशनल सिक्योरिटी टीम के अधिकारियों के साथ डिस्कशन के बाद यह बयान दिया था।
इसके बाद अमेरिकी दूतावास ने लगातार तीसरे दिन Kabul Airport पर हमले की धमकी का अलर्ट जारी किया। अमेरिका ने चेतावनी देते हुए अपने नागरिकों से काबुल हवाईअड्डे और उसके आसपास के इलाकों से तुरंत हटने को कहा है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर खतरे को लेकर पहला अलर्ट जारी किया था और उसी दिन शाम को आतंकी संगठन ISIS-खोरासन (ISIS-K) ने एयरपोर्ट पर हमला कर दिया था।
इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 170 लोग मारे गए थे। वहीं तालिबान ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि पंजशीर के लड़ाके तालिबान के प्रति निष्ठा की शपथ ले रहे हैं और जल्द ही पूरे पंजशीर को तालिबान के दायरे में ले लिया जाएगा।
2 पत्रकार और 2 एथलीट भी मारे गए थे काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट में
ब्लास्ट के समय दोनों ही पत्रकार काबुल एयरपोर्ट पर कवरेज के लिए मौजूद थे। फोटो में अली रेजा अहमदी (बाएं) और एंकर नजमा सिद्धीकी (दाएं)। |
Kabul Airport के बाहर गुरुवार को हुए विस्फोट में दो अफगान पत्रकार और दो एथलीट भी मारे गए। अफगानिस्तान जर्नलिस्ट्स सेंटर (AFJC) ने यह दावा किया है।
इसके मुताबिक, राहा न्यूज एजेंसी के लिए काम करने वाले अली रजा अहमदी और जहां-ए-सिहत टीवी चैनल की एंकर नजमा सिद्दीकी भी हमले में मारे गए। इसके अलावा अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी मोहम्मद जान सुल्तानी और वुशु खिलाड़ी इदरीश भी हमले का शिकार हुए।
बागलान प्रांत में गायक की गोली मारकर हत्या
इससे पहले तालिबान लड़ाकों द्वारा हिंसा का मामला सामने आया था। स्थानीय मीडिया अश्वका न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान लड़ाकों ने काबुल से 100 किलोमीटर दूर बगलान प्रांत के अंद्राब इलाके में गायक (लोक गायक) फवाद अंद्राबी की गोली मारकर हत्या कर दी।
गोली मारने से पहले तालिबान ने उसे घर से बाहर खींच लिया। अफगानिस्तान के पूर्व गृह मंत्री मसूद अंद्राबी ने घटना की पुष्टि की है।
फवाद के परिवार के मुताबिक तालिबान लड़ाके कुछ दिन पहले उसके घर आए थे और उसकी तलाशी ली थी। लड़ाकों ने तब घर पर चाय पी और परिवार में किसी को हानि नहीं पहुंचाने का वादा करके लड़ाके वहां से चले गए। इससे पहले भी तालिबान के लड़ाके वहां के कलाकारों पर हमले करते रहे हैं।
अमेरिका ने काबुल के हमलावरों को फिर दी चेतावनी
बाइडेन ने कहा है कि हमने हाल ही में ISIS-K के खिलाफ जो ड्रोन हमला किया है, उसे आतंकी आखिरी नहीं मानें, ये शुरुआत है। बाइडेन ने कहा है कि वह काबुल के जघन्य हमले में शामिल लोगों को नहीं बख्शेंगे।
जब भी कोई अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा या हमारी सेना पर हमला करेगा, तो हम उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए।
पंजशीर से अमरुल्लाह सालेह ने कहा- तालिबान की सत्ता ज्यादा समय के लिए नहीं
अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान से लड़ाई लड़ रहे पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि तालिबान का शासन ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा। सालेह का कहना है कि तालिबान के नियम और कानून अफगानिस्तान के लोगों को कभी स्वीकार्य नहीं होंगे।
अफगानी भी नहीं मानेंगे कि किसी एक समूह को देश का नेता चुनना चाहिए, इसलिए तालिबान लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा। सालेह का कहना है कि तालिबान न तो अफगानिस्तान में और न ही उसके बाहर वैध है।
उसे जल्द ही एक गंभीर सैन्य संकट का सामना करना पड़ेगा। पंजशीर के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इसका विरोध बढ़ रहा है।
भारत और अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान की स्थिति पर बातचीत की
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के हालात पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। इस मौके पर अफगानिस्तान में आपसी सहयोग जारी रखने पर सहमति बनी है।
आपको बता दें कि काबुल एयरपोर्ट 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना के कब्जे में है इसके बाद 1 सितंबर से यह तालिबान के कब्जे में चला जाएगा। अमेरिका और भारत समेत कई देश काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में लगे हैं।
भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने अपने अधिकांश लोगों को अफगानिस्तान से निकाल लिया है, लेकिन कुछ अभी भी वहां फंसे हुए हैं।
काबुल हवाईअड्डे के तीन मुख्य द्वारों पर तालिबान ने लिया कब्जा
अमेरिकी सैनिकों ने शनिवार को काबुल हवाईअड्डे के तीन गेट और कुछ अन्य हिस्सों को खाली करा लिया। इसके बाद तालिबान लड़ाकों ने इन इलाकों पर कब्जा कर लिया है। टोलो न्यूज ने इसकी पुष्टि की है।
वहीं अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में आतंकी संगठन ISIS-K के दो बड़े आतंकी मारे गए, जबकि एक घायल हुआ है।
इधर तालिबान का पंजशीर में एंट्री दावा
तालिबान ने अफगानिस्तान के एकमात्र पंजशीर प्रांत में प्रवेश करने का दावा किया है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्ला समांगानी ने कहा: “इस्लामिक अमीरात की सेना ने शनिवार को बिना किसी विरोध और रक्तपात के पंजशीर में प्रवेश किया।
इस दौरान, विपक्ष के साथ उनकी कोई लड़ाई नहीं हुई। हालांकि, समांगानी ने यह भी कहा कि बातचीत के लिए अभी भी हमारी ओर से रास्ते खुले हैं।
वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान के दावों को खोखला बताया है। उत्तरी गठबंधन के प्रमुख अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के दावों को खारिज कर दिया है।
प्रतिरोध बल के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा, “पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं हुई है। यहां तालिबान के प्रवेश की खबर निराधार है।
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