Adhik Maas festival: अधिक मास, जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर का एक अतिरिक्त महीना है जो हर तीन साल में आता है। यह महीना पितृ पक्ष के साथ मेल खाता है, जो पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण का समय है। अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
अधिक मास के अंतिम पांच दिन विशेष रूप से पवित्र होते हैं. इन दिनों में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस लेख में, हम आपको अधिक मास के अंतिम पांच दिनों के बारे में बताएंगे और आपको बताएंगे कि आप इन दिनों में भगवान विष्णु की पूजा कैसे कर सकते हैं।
अधिक मास (Adhik Maas festival) के अंतिम पांच दिन
अधिक मास के अंतिम पांच दिन इस प्रकार हैं:
- 12 अगस्त, शनिवार: एकादशी और द्वादशी
- 13 अगस्त, रविवार: प्रदोष व्रत
- 14 अगस्त, सोमवार: सावन सोमवार
- 15 अगस्त, मंगलवार: मंगला गौरी व्रत
- 16 अगस्त, बुधवार: अमावस्या
एकादशी और द्वादशी
एकादशी और द्वादशी दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित महत्वपूर्ण व्रत हैं। अधिक मास (Adhik Maas festival) में एकादशी और द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन भगवान विष्णु को फल, फूल, मिठाई और तुलसी अर्पित करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। अधिक मास में प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती को जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव और पार्वती को फल, फूल, मिठाई और धतूरा अर्पित करना चाहिए।
सावन सोमवार
सावन सोमवार भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है. अधिक मास में सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव को जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव को फल, फूल, मिठाई और भांग अर्पित करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत भगवान शिव और पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत महिलाएं अपने सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। अधिक मास में मंगला गौरी व्रत के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती को जलाभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव और पार्वती को फल, फूल, मिठाई और सिंदूर अर्पित करना चाहिए।
अमावस्या
अमावस्या पितृ पक्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है! अधिक मास (Adhik Maas festival) में अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस दिन पितरों के लिए भोजन, पानी और फल अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन पितरों के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा कैसे करें
अधिक मास (Adhik Maas festival) में भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं। इस महीने में आप भगवान विष्णु की पूजा निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं:
व्रत रखें
भगवान विष्णु के मंदिर जाएं।
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
भगवान विष्णु को फल, फूल, मिठाई और तुलसी अर्पित करें।
भगवान विष्णु की आरती करें।
अधिक मास (Adhik Maas festival) में भगवान विष्णु की पूजा करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आएगी।
ये भी पढ़ें –
Shardiya Navratri 2023:मां दुर्गा के साथ इनकी भी करें पूजन, मां के ये स्वरूप करेंगे हर कामना पूरी
Like and Follow us on :
Telegram | Facebook | Instagram | Twitter | Pinterest | Linkedin