Shani Sign: जीवन में ये चीजें होने लगे तो समझ‍िए शनि का भारी प्रकोप शुरू, जानिए क्‍या हैं संकेत Read it later

Shani Sign: शनि देव या शनि ग्रह को “कर्मफल दाता” के रूप में हिंदू धर्म में जाना जाता है। यानीकि ऐसे देवता जो इंसान के कार्यों का ‘न्यायपूर्ण’ तरीके से पाप व पुण्‍य का हिसाब-किताब रखते है और उसी के अनुसार अच्‍छे या बुरे फल (Shani Sign) देते हैं। मान्‍यता है कि जातकों के पिछले जन्‍म के कर्मो के हिसाब से उनकी कुंडली में ग्रहों की स्‍थ‍ित‍ि निर्धारित होती है, यही कारण है कि जातक की कुंडली में कर्मों के आधार पर ही शन‍ि ग्रह शुभ व अशुभ स्थिति में विराजमान होते हैं। ऐसे में जब किसी जातक की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होते हैं तो व्‍यक्‍त‍ि को जीवन में कई तरह के कष्‍ट भोगने पड़ते हैं। वहीं शन‍ि के शुभ स्थिति में होने पर शन‍िदेव व्‍य‍क्‍ति‍ को जीवन में शुभ फल देते हैं, वो कहते हैं ना, कि‍स्‍मत कनेक्‍शन… यानी शन‍ि जब कुंडली में अच्‍छे होते हैं तो जातक को कर्म के साथ किस्‍मत का भी साथ मि‍लने लगता है। इसलिए कहा जाता है कि इंसान को जीवन में अच्‍छे कर्म करने चा‍हिए ताकि जीवन में इंसान को कि‍स्‍मत का भी साथ मिले।

कई बार जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है और जातक जाने अनजाने कई तरह की गलतियां करते रहते हैं जिससे शन‍िदेव की नाराजगी बढ़ सकती है, और इसका प्रभाव यह होता है कि शनि जातक को बुरे फल देने लगते हैं। आज हम आपको यहां बताएंगे कि शनि के वो कौनसे लक्षण है जो जीवन में आपके साथ घटित होते हैं ।

ये हैं जातक की कुंडली में शनि देव के अशुभ फल (Shani Sign) म‍िलने के संकेत (Shani Inauspicious Sign)

  • यदि किसी जातक के जूते-चप्पल बार-बार टूटते या खोते हैं तो समझ लीजिए कि उस व्यक्ति की कुंडली में शनि बुरा असर (Shani Sign) डाल रहे हैं।
  • यदि किसी इंसान का कर्जा लगातार बढ़ रहा है और आमदनी घट रही है तो समझ ल‍िजिए कि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं और इंसान के कर्मफल के अनुसार वे अशुभ फल दे रहे हैं।
  • जिन लोगों के शरीर में बाल, दांत और आंखों में समय से पहले परेशानी हाेने लगती है या ये से पहले कमजोर होने लगते हैं तो यह भी कुंडली में शनि देव की उपस्थिति के अशुभ फल की ओर इशारा हैं।
  • यदि किसी जातक के बाल तेजी से झड़ रहे हैं तो यह भी जीवन पर शनि का प्रतिकूल प्रभाव पड़़ने का संकेत हो सकता है।
  • जब किसी जातक (व्‍यक्ति) की कुंडली में शनि के अशुभ फल देने लगते हैं तो जातक के माथे का रंग बदलने लगता है। यानि इसमें हल्‍का कालापन या डार्क ब्राउन कलर नजर आने लगता है, यह किसी बीमारी का लक्षण होता है और शरीर पर किसी तरह की बीमारी का लगना भी शनि के बुरे फल का परिणाम ही माना जाता है।
  • शनि के अशुभ फल (Shani Sign) के कारण इंसान के परिवार, व्यवसाय या नौकरी में सब कुछ बिगड़ता चला जाता है और इंसान को कोई रास्‍ता नहीं सूझता है। ऐसे में इंसान को चाहिए कि वह विपरित स्थित‍ि में भी अच्‍छे कर्म करें और आध्‍यात्‍म, दान-पुण्‍य, प्रणी मात्र की सेवा जैसे किसी जरूरमंद इंसान से लेकर जानवर व पक्षी की सहायता करना, यदि जीवन के बुरे दौर में भी आप यह करने लगते हैं तो आपकी परेशानियां स्‍वत: ही दूर होने लगती है और किस्‍मत का भी साथ मिलने लगता है।
  • यदि शनि ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति  मेंं आते हैं तो यह संकेत है कि जातक का मन अचानक गलत कार्यों की ओर झुकने लगता है।
  • किसी जातक के खाने की आदत में अचानक तामसिक प्रवतिृ आ जाए जैसे व्‍यक्‍ति‍ अचानक से मसालेदार, तैलीय मसालों का सेवन करने लगे या उसे मांसाहार भोजन भाने लगे तो यह शन‍ि का कोप ही माना जाता है। यही तामसिक भोजन स्‍वास्‍थ हानि, मा‍नसिक हानि दोनों पहुंचाता है।
  • शनि के अशुभ होने एक लक्षण यह भी है कि जातक अत्‍यधिक झूठ बोलने लग जाता है और इससे उनमें गुस्‍सेपन और निराशा का भाव बार- बार आने लगता है। अधिक झूठ बोलने लगते हैं और उन्हें गुस्सा और निराशा होती है।

 

शनि देव के आपके जीवन में शुभ संकेत (Shani Ke Shubh Sanket)

  • कुंडली में शनि देव की स्थिति ठीक होने पर व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से बचााव होने लगता है और अगर कोई समस्या आती भी है तो शनिदेव की कृपा से उसका समाधान मिल जाता है।
  • शनिदेव की कुण्डली में सही स्थिति होने पर आरोग्य की प्राप्ति होती है और अनेक प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • शनि देव की कृपा से धन संबंधी परेशानियां खत्म होती हैं और नौकरी और व्यापार में अच्छी प्रगति होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • शनि देव के प्रसन्न होने पर बाल और नाखून मजबूत रहते हैं और भाग्य हमेशा आपके साथ रहता है।
  • शनि देव के शुभ स्थिति में होने पर परिवार से संबंध मजबूत रहते हैं और परिवार के सदस्यों की भी उन्नति होती है।

 

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। थम्सअप भारत किसी भी तरह की मान्यता की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी धार्मिक कर्मकांड को करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

 

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