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आज के आधुनिक युग में शिक्षा क योगदान से लोगों की सोच में बदलाव आया है… सरकारें बेट और बेटी को समान हक देने की बात करती हैं.. वहीं समाज में कई परिवार बेटियों को बेहतर शिक्षा दे भी रहे हैं, लेकिन अखबारों और सोशल मीडिया पर आज भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं… ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कई स्थान और लोगों की सोच आज भी पिछड़ी है। ऐसी ही दकियानूसी सोच कुप्रथा आज भी एक गांव में अपनाई जा रही है…। जी हां बिल्कुल आपने सही सुना।
ये कुप्रथा शादी से जुड़ी है। वैसे तो हमारे देश में शादी सामाजिक दृष्टि से बेहद ही पवित्र रिश्ता माना जाता है। लेकिन आज यहां हम इस आर्टिकल में हम आपको देश के एक ऐसे गांव की सच्चाई बताएं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे…।
21वीं सदी में भले ही पुरुष और महिलाओं के बीच भेदभाव न करने का दंभ भरा जाता हो लेकिन हकीकत ये भी है कि आज भी कई जगह महिलाओं के साथ जानवरों की तरह बर्ताव किया जाता है….। महिलाओं को एक स्लेव यानि दासी से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता…।
आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां नारी को सिर्फ संभोग और घर के कामकाज करने वाली से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता।
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जमीन बंटवारे से बचने के लिए भाईयों के बीच एक ही महिला होती शेयर
ये ऐसा गांव है जहां महज परिवार के सदस्य अपनी जमीन बंटवारे से बचने के लिए भाईयों में सिर्फ एक बड़े भाई की शादी कर दी जाती है। शादी के बाद वो महिला सभी भाईयों को खुश रखने का काम करती है। यानी शादी एक से और संभोग सभी भाईयों के साथ।
इसके पीछे तर्क है कि इस महिला से उत्पन्न संतान सभी भाईयों की मानी जाती है और बच्चे के पिता की जगह नाम कागजातों में बड़े भाई का चलता है। इससे वो जमीन का वो बंटवारा होने से बच जाता है जिसमें अलग अलग भाईयों की अलग अलग पत्नियो से उत्पन्न संतानों के मध्य होता है।
इस कुप्रथा को यूं भी समझा जा सकता है कि गांव में बड़े भाई की पत्नी आने के बाद बाकि के भाई शादी नहीं करते और बड़े भाई की पत्नी से ही जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाते हैं और गांव के समाज में इसे सही माना जाता है।
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गांव में महज जमीन का बंटवारा बचाने के लिए शादीशुदा भाई अपनी पत्नी को भाइयों के साथ संभोग के लिए साझा करता है। इस गांव में सभी महिलाओं को अपने परिवार वालों की रजामंदी से ही अपने सभी देवरों के साथ जबरदस्ती शारीरक संबंध बनाने होते हैं।
लड़की को भी पता होता है कि ससुराल में उसके साथ क्या होने वाला है
जैसा कि शादी लड़की और लड़के के परिवारों की रजामंदी से होती है.. ऐसे में लड़की को भी पता होता है कि ससुराल जाने के बाद उसे अपने पति के साथ उसके भाईयों के साथ भी सोना होगा।
वैसे तो हमारे देश में महिलाओं के आत्मसम्मान और सुरक्षा के लिए कई कानून संविधान में हैं। लेकिन इस गांव में सरेआम भारत के कानून को ताक पर रख कर महिलाओं का शोषण किया जाता है।
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आपको बता दें कि गांव में महिलाओं के साथ हैरान करने वाली हरकत करने के पीछे दो बड़ी वजहें भी हैं। पहली ये कि इस गांव और आसपास के गांव में महिला और पुरुष के बीच बड़ा लिंगानुपात भी है। वहीं दूसरी वजह है जमीन कम होना।
जमीन कम होना कारण‚ जमीन नहीं तो ब्याह नहीं
यानि ये ऐसा गांव है जहां जमीन कम होने पर कोई अपनी बेटी नहीं ब्याहता। ऐसे में यहां के परिवार बड़े बेटे की ही शादी कर बाकि बेटों को भी उसी महिला के साथ साझा करा देते हैं। बता दें कि जिस गांव के बारे में आपको बताया जा रहा है वो राजस्थान के अलवर जिले का मनखेरा गांव है।
यही वो जगह है जहां कई सालों से अजीब तरह की कुरीति को आज भी अपनाया जा रहा है, लेकिन गांव में कोई भी इस पर खुलकर बात नहीं करता है। वहीं गांव में भी महिलाओं को इतना हक नहीं दिया है कि वो खुलकर कुरीति का विरोध कर सकें।
कुप्रथा को गांव में समर्थन
इस गांव मे यदि कोई भी महिला परिवार में गैर मर्द के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना करती है तो उसके साथ बुरी तरह पेश आया जाता है। इस कुप्रथा को गांव और परिवार के लिए बेहतर बताकर महिलाओं को चुप करा दिया जाता है। सरकार की ओर से भी गांव में सर्वे कराए जाने पर ये बता सामने आई थी कि कई पुरुष ऐसे हैं जिनके जमीन कम होने के कारण शादी नहीं हो पाई।
नोटः हमारा मकसद अपने पाठकों तक ऐसी जानकारी पहुंचाना है‚ जिसके बारे में वे अब तक अनभिज्ञ हैं। हम चाहते हैं कि हमारें जरिए जिम्मेदारों तक ये जानकारी सामने आए और गांव में चल रही इस परंपरा को पूरी तरह से बंद किया जाए। यदि इस तरह की कुप्रथा बंद हुई तो हम मानेंगे की पाठकों तक खबर पहुंचाने का हमारा मकसद सफल हुआ।
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