solar eclipse : पहले सूर्य ग्रहण में मध्यम बारिश के बनेंगे योग, भारत में रहेगा अदृश्य, जानें क्‍या होगा असर Read it later

solar eclipse : इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण बैसाख मास की अमावस्या पर गुरुवार को होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक भारतीय क्षेत्र के मध्य सूर्य-पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के नहीं आने से भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि भारत में सूर्य ग्रहण (solar eclipse) नहीं दिखाई देने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से पहला सूर्यग्रहण (solar eclipse) बेहद महत्वपूर्ण है। दो दिन बाद देव गुरु बृहस्पति के मेष राशि में प्रवेश करने से कुछ पड़ोसी देशों में तनाव की आशंका है। भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामलों में थोड़ी वृद्धि होगी, स्थिति नियंत्रण में रहेगी। ग्रहण के समय कुल छह ग्रह राहु-केतु के नक्षत्रों या उनके सीधे प्रभाव में होंगे। सोने के दाम बढ़ने के साथ ही बारिश मध्यम होगी।

 

विदेशों में वलयाकार आकृति में दिखाई देगा (solar eclipse)

शर्मा ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस व द. जापान के कुछ भागों में यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 7.04 से दोपहर 12.39 के बीच दिखाई देगा। सूर्य की खग्रास आकृति पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बैरो द्वीप, जावा, इंडोनेशिया के ईरियन जया में रिंग ऑफ फायर यानी वलयाकार आकृति में ग्रहण दिखाई देगा, जो अधिकतम एक से चार मिनट तक रहेगा।

शर्मा ने बताया कि पांच मई की मध्य रात्रि को उपच्छायी चंद्र ग्रहण रहेगा। भारत में ग्रहण के मौके पर चंद्रमा धुंधला दिखाई देगा। यह ग्रहण खगोलीय घटना के रूप में मान्य रहेगा व इसकी अवधि रात 8.44 से रात 1.02 बजे तक होगी। इसकी ग्रहण के रूप में मान्यता न होने से सूतक काल मान्य नहीं होगा।

 

वैशाख अमावस्‍या पर पुण्‍यकर्म

यदि वैशाख अमावस्या पर ग्रहण का सूतक न हो तो इस दिन सभी पूजा की जा सकती है। यदि आप ग्रहण के लिए दान-पुण्य करना चाहते हैं तो भक्त अपनी इच्छा के अनुसार कर सकता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की मान्‍यता व परंपरा है। इस तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में पुण्‍य स्नान करने पहुंचते हैं। स्नान के बाद नदी तट पर दान-पुण्य करना चाहिए। जो लोग नदी में स्नान करने में सक्षम नहीं हैं उन्हें घर में ही गंगाजल को जल में मिलाकर स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय सभी पवित्र स्थानों और नदियों का ध्यान करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, जूते और कपड़े दान करें। सतवई अमावस्या को किए गए शुभ कार्यों से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। गरीब

यह सूर्य ग्रहण (solar eclipse) मेष राशि में होगा। बृहत्संहिता के राहुचर्ध्याय की मानें तो ग्रहण के समय स्वराशि में स्थित शनि की सूर्य पर दृष्टि होगी और नवांश में शनि की दृष्टि मंगल पर होगी। यह ग्रहण केतु के स्वामित्व वाले नक्षत्र में होगा। इससे प्राकृतिक आपदा में भूकंप आने की संभावनाएं बढ़ेंगी। युद्ध होने की संभावना है। मेष राशि वालों को विशेष रूप से सावधान रहना होगा। महंगाई बढ़ेगी। बढ़ सकते हैं सोने के दाम।

 

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