Skiing Industry: बढ़ते तापमान से दुनियाभर में स्कीइंग उद्योग (Skiing Industry) को खतरा है, लेकिन एपेनाइन और आलप्स में अपेक्षाकृत कम ऊंचाई वाले रिसॉर्ट्स के साथ इटली सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है क्योंकि इस देश के लिए कृत्रिम बर्फ बनाना मुश्किल हो गया है। इतालवी (skiing industry italy) संस्था ग्रीन लॉबी लेगम्बिएंटे (lenient italy) के आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रिया (austria) में 70%, स्विट्जरलैंड में 50% और फ्रांस में 39% के मुकाबले इटली के बर्फीले मार्ग 90% तक कृत्रिम बर्फ पर निर्भर हैं। ऐसे में स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका पर बुरा असर पड़ रहा है।
इटली के एपेनाइन पर्वत (apennines mountain) में मोंटे सिमोन लोकप्रिय स्की रिसॉर्ट है। इसने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को दूर करने के लिए सर्दियों से पहले कृत्रिम बर्फबारी में पांच मिलियन यूरो का निवेश किया, पर यह पैसा काफी हद तक बर्बाद हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब कृत्रिम बर्फबारी के लिए पानी की बूंदों को हवा में छोड़ा जाता है तो बर्फ के रूप में इन्हें जमीन पर गिरने के लिए बेहद कम तापमान की आवश्यकता होती है। लेकिन, इस साल जनवरी के मध्य तक एक बार भी तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया।
पर्वतीय समुदायों के लिए बढ़ेगा संकट
पिछले साल सीजन में स्की-लिफ्ट बंद थी, स्की प्रशिक्षकों व मौसमी श्रमिकों के पास करने के लिए कुछ नहीं था। इससे आय में 40 फीसदी की कमी हो गई। इटली कृत्रिम बर्फ बनाने के लिए हर साल लाखों क्यूबिक मीटर पानी का उपयोग नहीं कर सकता।
दो वर्ष तक आलप्स में बर्फ न पड़ने से 1990 के आस-पास इटली आर्टिफिशियल स्नो मशीन बनाने लगा। यह अब इस निर्माण में विश्व में पहले स्थान पर है।
चार लाख लोगों को रोजगार देता है उद्योग। ऑस्ट्रिया, फ्रांस के बाद सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं।
पांच स्की लिफ्ट और 220 स्की रिसॉर्ट के साथ अमरीका और फ्रांस के बाद दुनिया में इसका तीसरा स्थान।
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