तालिबान को खुली चुनौती: पूर्व अफगान उप राष्ट्रपति सालेह ने बनाई निर्वासित सरकार, खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया Read it later

तालिबान को खुली चुनौती

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने निर्वासित सरकार बना कर दुनिया में इसकी घोषणा कर दी है। सालेह ने कहा है कि वह इस निर्वासित सरकार के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी न तो उनके साथ हैं और न ही वह अफगानिस्तान में मौजूद हैं। सालेह फिलहाल स्विट्जरलैंड में मौजूद हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले उनके भाई को तालिबानियों ने पंजशीर में बेरहमी से मार डाला था।

दुनिया में कानूनी रूप से मान्य सरकार

अफगानिस्तान की खामा न्यूज एजेंसी से बातचीत में सालेह ने कहा- मैंने निर्वासित सरकार बनाई है. यह सरकार अफगानिस्तान और दुनिया के लिए कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त सरकार होगी। स्विट्जरलैंड में अफगानिस्तान दूतावास ने भी सालेह का यही बयान जारी किया है। इसे दुनिया की अधिकांश समाचार एजेंसियों और दूतावासों को फैक्स के माध्यम से भेजा गया था।

तालिबान हुकूमत मंजूर नहीं

इस कथन में स्पष्ट रूप से कहा गया है – अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार मौजूद नहीं है, और न ही यह अफगान लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। निर्वासित सरकार को लेकर संबंधित लोगों से बातचीत हो चुकी है। हमारे देश पर इस समय बाहरी लोगों का कब्जा है। सालेह ने कहा कि जो तालिबान खुद को अफगानिस्तानी कह रहा है। असल में वे बाहरी ही हैं। अफगान नागरिकों को तालिबान हुकूमत कतई मंजूर नहीं है।

अन्य लोगों का कोई उल्लेख नहीं

बयान में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद उनके पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह देश की बागडोर संभालेंगे। सक्रिय कार्यकारी, न्यायिक और विधायी शक्तियों वाले लोग होंगे।

इस मामले की खास बात यह है कि बयान में सालेह के अलावा किसी अन्य नेता या अधिकारी के नाम का जिक्र नहीं है जो कार्यवाहक सरकार का हिस्सा होगा। पंजशीर में तालिबान को चुनौती देने वाले अहमद शाह मसूद का नाम भी कहीं नहीं मिलता।

तालिबान के हाथ नहीं लग पाए थे सालेह

तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद, सालेह कुछ सहयोगियों के साथ पंजशीर घाटी में चले गए थे और वहीं से तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए थे। उसके बाद से वह तालिबान के हाथ नहीं लगे। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, सालेह ताजिकिस्तान और फिर स्विट्जरलैंड होते हुए यूरोप पहुंचे। सालेह की घोषणा पर तालिबान ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Afghanistan Amrullah Saleh  |  Amrullah Saleh Announces New Government Of Afghanistan | Exile Against Taliban | 

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