Covid in China: चीन में कोरोना वायरस से सचिुएशन बेकाबू हो रही है। समस्या केवल संक्रमित लोगों की संख्या की नहीं बल्कि हालात प्रशासन के हाथ से निकल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहां इतनी बड़ी तादाद में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं कि कब्रिस्तानों में शवों को दफनाने के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। ऐसे में एक बार फिर ये खाैफनाक मंजर की ओर इशारा कर रहा है। दुनियाभर के देश इन दिनों चाइना के हालात पर नजर लगाए हुए हैं। सभी देश अब इसी सोच में है कि क्या कोराना एक बार फिर चाइना से निकल कर दुनिया के अन्य देशों तक पहुंचेगा।
बहरहाल कोरोना की नई लहर ने चाइना की स्थानीय प्रशासन की व्यवस्था को चौपट कर दिया है। खबरें आ रही हैं कि अधिकारियों को अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और नि:शुल्क चैकअप सेंटर्स स्थापित करने में मुश्किलें आ रही हैं। बीजिंग, चोंगक्विंग और ग्वांगझू शहरों में कब्रिस्तान के प्रशासन ने मंगलवार को एएफपी समाचार एजेंसी को बताया कि कब्रिस्तान में बड़ी संख्या में शवों को लाया जा रहा है। वहीं बताया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन बेकाबू होते हालात को लेकर दुनियाभर में फजीती से बचने के लिए स्थितियों को दबानें की कोशिशें कर रहा है। बतया जा रहा है कि वहां कब्रिस्तान में दफनाने के लिए जगह कम पड़ रही है।
रिपोर्ट की मानें तो यह स्पष्ट नहीं है कि मौतों में वृद्धि सीधे तौर पर COVID-19 से संबंधित है या किसी और वजह से। वहां कर्मचारी कोविड से जुड़े सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं या स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। वहीं कब्रिस्तानों में हंगामे के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को कोविड से पांच लोगों की मौत की बात कही है। ये सभी मौतों के आंकड़े राजधानी बीजिंग के बताए जा रहे हैं। गौरतलब है कि 2019 के अंत में वुहान से शुरू हुई महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक चाइना में कोरोना से केवल 5,242 लोगों की मौते होना ही बताया गया है। दुनिया के अन्य हिस्सों में हुई मौतों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत कम है।
2) Summary of #CCP's current #COVID goal: “Let whoever needs to be infected infected, let whoever needs to die die. Early infections, early deaths, early peak, early resumption of production.” @jenniferzeng97
Dead bodies piled up in NE China in 1 night—pic.twitter.com/nx7DD2DJwN
— Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) December 19, 2022
पाबंदियों में ढील मिलते ही हालात बेकाबू
कोरोना मामलों पर नजर गढ़ाए चीन के आंकड़े लंबे समय से संदेह के घेरे में हैं। संक्रमण की नई लहर ने इस आशंका को और पुख्ता कर दिया है। कोरोनोवायरस प्रतिबंधों के खिलाफ देशव्यापी स्थानीय लोगो के विरोध के बाद अधिकारियों ने इस महीने ‘शून्य कोविड नीति‘ में सख्त लॉकडाउन और अनिवार्य परीक्षण जैसे नियमों में ढील दी है। वहीं प्रतिबंध हटने के बाद से वहां कई अस्पताल मरीजों की संख्या कैपिसिटी से ज्यादा हो गई है। वहीं ये भी सूचन आ रही है कि फार्मेसीज में मेडिसिंस शून्य हो गई हैं।
⚠️THERMONUCLEAR BAD—Hospitals completely overwhelmed in China ever since restrictions dropped. Epidemiologist estimate >60% of 🇨🇳 & 10% of Earth’s population likely infected over next 90 days. Deaths likely in the millions—plural. This is just the start—🧵pic.twitter.com/VAEvF0ALg9
— Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) December 19, 2022
दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी पर मौत की तलवार
कुछ विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि आने वाले तीन महीनों में चीन की 60 प्रतिशत जनस्ंख्या या दुनिया की आबादी की लगभग 10 प्रतिशत पॉपुलेशन इन्फेक्टेड हो सकती है। वहीं कोरोना से करीब 20 लाख लोगों के मारे जाने की डरावनी चेतावनी दी गई है। चाइना के वर्तमान हालात की बात करें तो बीजिंग में कब्रिस्तानों के बाहर दर्जनों वाहनों की लाइनें लग रही हैं। लोग घंटों लाइन में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। चोंग्किंग ने ‘हल्के’ लक्षणों वाले मरीजों से काम पर लौटने का आग्रह किया है‚ लेकिन बताय जा रहा है कि चोंग्किंग में मृतकों को दफनाने के लिए जगह नहीं बची है।
अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की एक रिपोर्ट में चाइना के ऑनलाइन सर्च इंजन बाइदू पर ‘श्मशान’ से जुड़े कीवर्ड्स सबसे ज्यादा सर्च किये जा रहे हैं। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि चाइना के कितना डर फैल चुका है।
इस डर को और बढ़ा दिया है Eric Feigl-Ding (एरिक फेइल डिंग) नाम के एक अमेरिकी एपिडेमियोलॉजिस्ट ने। डिंग दावा कर रहे हैं कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी और दुनिया की 10 फीसदी आबादी कोविड की चपेट में आ जाएगी। इससे कई लाख मौतें हो सकती हैं। चीन के महामारी विशेषज्ञ वू जुन्यो ने तीन लहरें आने की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया कि चाइना अभी पहली लहर का ही सामना कर रहा है और इसका पीक मिड-जनवरी में आएगा।
हालात दिनों -दिन भयावह हो रहे
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का कहना है कि चाइना की राजधानी में वायरस के तेजी से फैलने के कारण कोविड संक्रमित शवों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। महामारी संबंधी प्रतिबंधों में अचानक ढील दिए जाने के बाद ऐसे हालात पैदा हुए हैं। फीगल-डिंग में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण यहां तक कह कह डाला है कि जो भी संक्रमित है उसे होने दो जिसे मरना है उसे मरने दों। इसका सीधा अर्थ है कि अब चाइना में कोरोना के हालात स्थानीय प्रशासन के भी बस में नहीं हैं या फिर इंसानियत के प्रति उनकी संवेदनाएं मर चुकी हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी दावा कर रहे हैं कि अब चीन में संक्रमित लोगों की रफ्तार एक दिन से भी कम समय में दोगुनी हो सकती है। जानकारी के अनुसार, अधिकारियों द्वारा 19 से 23 नवंबर के बीच चार मौतों की घोषणा के बाद से चीन ने बीजिंग में किसी भी कोविड की सूचना नहीं दी कोविड -19 से हुई मौतों के आंकड़े छिपाए रखे और उन्हें सार्वजनिक नहीं किया।
चाइना में कोविड तेजी फैलने की मुख्य वजह क्या है
- वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने मनीकंट्रोल को चार कारण बताए हैं‚ जिसके कारण हालात बेकाबू हो गए।
- बुजुर्ग आबादी का जो टीकाकरण होना चाहिए था वह नहीं हो पाया। क्योंकि कोविड से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को होता है। स्थानीय रिपोर्टों की मानें तो चीनी सरकार का दावा है कि 18 साल से ऊपर की लगभग 90% आबादी को चीनी वैक्सीन की दो डोज मिल चुकी हैं। ऐसे में हो सकता है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी न हो, लेकिन संक्रमण का खतरा जरूर बना हो सकता है।
- चीन में बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या भी न के बराबर रही। 60 वर्ष से ज्यादा वर्ष के लगभग 50 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर खुराक मिल पाई।
- चाइना का फोकस काफी हद तक क्वारंटीन और सख्त यात्रा नियमों पर ही रहा। लगभग तीन साल बाद, बड़े पैमाने पर पब्लिककी ओर से विरोध के बाद चाइना ने लाॅकडाउन बैन भी हटा दिए।
- सर्दी भी एक अहम कारण है आंकड़ों में इजाफा का। वहां के हॉस्पिटल्स पहले से ही वायरल संक्रमण से लबालब हैं वहीं कोविड की लहर उस पर करेले पर नीम चढ़ा की कहावत सिद्ध कर रही है।
भारत में चिंता क बात इसलिए नहीं
- चीन के मुकाबले भारत में कोविड की स्थिति काफी बेहतर दिख रही है। भारत ने अब तक कोरोना वायरस की तीन लहरों का सामना किया है। डेल्टा वैरिएंट से आई दूसरी लहर सबसे घातक साबित हुई। पिछले कुछ महीनों से देश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है। 20 दिसंबर 2022 तक सक्रिय COVID मामलों की संख्या 3,559 बताई गई थी।
- BF.7 सहित चीन में Omicron के जो भी संस्करण फैल रहे हैं, वे भारत के लिए नए नहीं हैं। SARS-CoV-2 पर जीनोमिक कंसोर्टियम INSACOG ने इस तरह के तनाव के मामलों का पता लगाया है। BF.7 यहां कई महीनों से मौजूद है, लेकिन चीन जैसी चिंताजनक स्थिति पैदा नहीं कर सका।
- सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि ‘मुझे नहीं लगता कि यह भारत को प्रभावित करेगा।’ अशोका यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ. अग्रवाल ने मनीकंट्रोल को बताया कि भारत की आबादी में प्रतिरोधक क्षमता का स्तर काफी अधिक है। इन सबसे ऊपर, मजबूत टीकाकरण कार्यक्रम ने प्रतिरक्षा में सुधार किया है।
- डॉ. कांग को भी लगता है कि चीन में जो हो रहा है, उसका असर भारत पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत में ज्यादातर लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है, भले ही हमारे बूस्टर डोज काउंट कम हैं।
- चीन से संक्रमित लोगों के भारत आने की संभावना भी न के बराबर है. कोविड की शुरुआत से ही भारत ने चीन से आने-जाने वाली उड़ानें बंद कर दी हैं।
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