Human Composting: अमेरिका के वाशिंगटन, कोलोराडो, ओरेगन, वरमोंट और कैलिफोर्निया के बाद अब न्यूयॉर्क में भी इंसान के मरने के बाद शरीर को खाद में बदल दिया जाएगा है। ह्यूमन के इस अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में माना जा रहा है। डेमोक्रेटिक गवर्नर कैथी होचुल की रजामंदी के बाद न्यूयॉर्क में मानव शरीर को खाद बनाने की अनुमति देने वाला छठा अमेरिकी क्षेत्र बन गया है।
परिजन घर के लॉन में बिखेर सकेंगे ये ह्यूमन खाद (Human Composting)
Human Composting प्रक्रिया एक विशेष सुविधा में होती है। शव को एक विशेष कंटेनर में चूरा, घास के भूसे और अल्फाल्फा वनस्पति जैसी सामग्री के साथ सील कर दिया जाता है। अल्फाल्फा में बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर को तेजी से विघटित करते हैं। इससे धीरे-धीरे शरीर बिखर जाता है। इसे प्राकृतिक जैविक कमी के रूप में भी जाना जाता है। लगभग एक महीने की अवधि के बाद हानिकारक जीवाणुओं को हटाने के लिए एक ताप प्रक्रिया की जाती है। इसके बाद शरीर से बनी खाद परिजनों को सौंप दी जाती है। इसका उपयोग परिवार फूल, सब्जियां या पेड़ लगाने में कर सकते हैं। वहीं इन्हें जंगल में भी परिजन डाल सकते हैं। यह भी गौर करने लायक बात है कि यदि कोई व्यक्ति मरने से पहले किसी गंभीर संक्रामक रोग का शिकार हो जाता है तो उससे खाद नहीं बताई जाएगी।
पर्यावरण के अनुकूल अंतिम संस्कार
इसी तरह की सेवा देने वाली एक अमेरिकी फर्म रिंकपोज़ का दावा है कि उसकी सेवा श्मशान या पारंपरिक दफनाने की तुलना में एक टन कार्बन बचा सकती है। जलवायु परिवर्तन में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का बड़ा योगदान है। ताबूतों से जुड़े पारंपरिक दफन भी लकड़ी, भूमि और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग करते हैं। मानव खाद के समर्थकों का कहना है कि यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से अधिक अच्छा विकल्प है, बल्कि उन शहरों में भी अधिक व्यावहारिक है जहां कब्रिस्तानों के लिए भूमि सीमित है।
बिशप ने किया विरोध‚ अन्य कंट्री में ये है प्रॉसेस
हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर नैतिकता सवाल भी उठाए जा रहे हैं। न्यूयॉर्क राज्य में कैथोलिक बिशप ने कथित तौर पर इस कानून का विरोध किया है। उन्होंने तर्क देते हुए कि मानव शरीर को ‘घरेलू कचरे’ की तरह नहीं माना जाना सकता है। स्वीडन में मानव निषेचन पहले से ही कानूनी है। ब्रिटेन में, प्राकृतिक दफन की अनुमति है, जिसमें मृत शरीर को बिना ताबूत या बायोडिग्रेडेबल ताबूत के साथ दफनाया जाता है।
अमेरिका में लाशों को दफनाने की जगह लगातार कम होती जा रही है. अगले 10-15 सालों में कई बड़े कब्रिस्तानों के पूरी तरह भर जाने की बात सामने आई है। ऐसे में जगह की समस्या का समाधान मानव द्वारा खाद बनाकर किया जा सकता है।
एक लाश से 36 बोरी के बराबर खाद वाली मिट्टी बन जाती है
मानव खाद बनाने वाली ‘रीकंपोज’ कंपनी के मुताबिक एक लाश से 36 बोरी मिट्टी बनती है. इस प्रक्रिया में दांत और हड्डियां भी मिट्टी बन जाती हैं। कंपनी की आउटरीच मैनेजर एना स्वेन्सन कहती हैं- परिवार के सदस्यों को मिट्टी सौंपने से पहले यह जांच की जाती है कि कहीं उसमें कोई हानिकारक पैथोजन तो नहीं है. इसके अलावा जिन लोगों की टीबी की बीमारी से मौत हुई है या जिनका रेडिएशन थेरेपी से इलाज हुआ है। इनके शवों की ह्यूमन कंपोस्टिंग नहीं की जाती है।
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