Charles III Coronation: किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला का राज्याभिषेक शनिवार को हो रहा है । दुनिया ने 70 साल में पहला ब्रिटिश राज्याभिषेक (British Royal Family) देखा जो कि वेस्टमिंस्टर एबे में शुरू हुआ है। वेस्टमिंस्टर एबे वो स्थान है जहां 900 वर्षों से हर एक ब्रिटिश शासक का राज्याभिषेक होता आ रहा है। कार्यक्रम सुबह 6 बजे से शुरु हुए, जिनमें सबसे पहले चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला ने डायमंड जुबली स्टेट कोच में बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एब्बे तक यात्रा की। करीब 11 बजे चार्ल्स और कैमिला वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचे, जहां कैंटरबरी के वर्तमान आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी के नेतृत्व में राज्याभिषेक हुआ। राज्याभिषेक के बाद किंग और क्वीन गोल्ड स्टेट कोच में बकिंघम पैलेस लौटे।
राज्याभिषेक में यह अनोखी चीजें शामिल
– डायमंड जुबली स्टेट कोच, महारानी एलिजाबेथ II के शासन के 60 वर्ष पूरे होने पर 2012 में बनाया गया था। यह कोच 18 फीट लम्बा है और इसका वजन 3000 कि.ग्रा. है। इसमें एचएमएस विक्ट्री ओक से उकेरा गया क्राउन लगा हुआ है और इसे चलाने के लिए कुल छः घोड़े लगते है।
– ओर्ब(ग्लोब) और सेप्टर्स, जो कि साम्राज्य का राज्यचिह्न होता है। किंग की ओर्ब जिसमें ऊपर की तरफ क्रॉस आकार बना है वो ईसाई दुनिया के प्रतीक को बताता है। यह ओर्ब 1661 में चार्ल्स II के लिए बनाया गया था और उसके बाद से राज्याभिषेक में इस्तेमाल किया जाता है। इस ओर्ब के चारों ओर कीमती रत्नों और मोतियों के बैंड के साथ सोने की लैस लगी है जो कि 16.5 से.मी चौड़ी है। वहीं सेप्टर्स(सोने की छड़ी) दो प्रकार के है एक तो क्रॉस के साथ वाला जो शाही शक्ति और न्याय को बताता है। यह 92 मी. लंबा है और तामचीनी और मणि से सजा हुआ है। इसके ऊपर की ओर 1910 में जोड़े गए दुनिया के सबसे बड़े हीरे से काटे गए कलिनन I लगा हुआ है। वहीं दूसरा जिसे इक्विटी और दया की छड़ी भी कहते है। यह भी तामचीनी और मणि से सजी हुई है और राजा की आध्यात्मिक भूमिका का प्रतिनिधित्व करती है।
– राज्याभिषेक की कुर्सी जो कि 700 साल पुरानी है। इसे सेंट एडवर्ड की कुर्सी या किंग एडवर्ड की कुर्सी के रूप में भी जाना जाता है और ब्रिटेन में फर्नीचर का सबसे पुराना टुकड़ा माना जाता है। इसमें कुल 26 राजाओं का राज्याभिषेक हुआ है। यह कुर्सी 6 फीट’ 9 इंच लंबी है।
– राज्याभिषेक से पहले आर्चबिशप ने एम्पुल्ला से किंग का शुद्धिकरण किया और उस खास तेल को चम्मच पर डाला था। एम्पुल्ला एक सोने की कुप्पी है जो कि 1661 में बनी थी। इसका आकार एक ईगल (गरुड़) के जैसा है और ये 20.7 से.मी. लंबी है। वहीं जो चम्मच है वो चांदी के गिल्ट और मोतियों से बनी हुई है और यह 26.7 से.मी. लंबी है।
– सेंट एडवर्ड क्राउन जिसका नाम एक बहुत पुराने संस्करण के नाम पर रखा गया है। यह क्राउन 1661 में बना था और इसका फ्रेम ठोस सोने का है। इसके अलावा इस पर माणिक, नीलम, गार्नेट, पुखराज और टूमलाइन रत्न लगे हुए है। इस क्राउन को पिछले 360 सालों में छह राजाओं ने पहना है और इसका वजन 25 किलो से भी ज्यादा है।
– क्वीन मैरी क्राउन जो कि क्वीन कैमिला को पहनाया गया। यह क्राउन 1911 में बनाया गया था और इसमें कलिनन हीरा (III, IV, और V) है जो कि दुनिया के सबसे बड़े हीरे से काटा गया है। इस चांदी के क्राउन में 2200 हीरें जड़े हुए है और इसका वजन 50 ग्राम है।
– इंपीरियल स्टेट क्राउन जो किंग ने सेंट एडवर्ड चैपल में प्रवेश करने से पहले पहना था। यह क्राउन 1937 में बनाया गया था और इसके ऊपर का हीरा सेंट एडवर्ड की द कन्फेसर अंगूठी का है। इस क्राउन में 2868 हीरे और 17 नीलम हैं और इसका वजन 1 किलो है।
– गोल्ड स्टेट कोच 260 साल पुराना है। यह 1762 में बनाया गया था और 1831 से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल आ रहा है। यह सोने की पत्ती में लिपटी हुई लकड़ी से बना हुआ है और इसके ऊपर का करूब इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स का प्रतिनिधित्व करता हैं। यह कोच 23 फीट लंबा है और 4000 किलो वजन का है।
चार्ल्स अपनी ताजपोशी के वक्त अपने ही पूर्वजों के समारोहों के दौरान पहने गई पारंपरिक शाही पोशाक पहनेंगे। इसके बारे में बकिंघम पैलेस ने जानकारी साझा की है। पैलेस ने बताया है कि किंग चार्ल्स तृतीय 6 मई को होने वाले राजतिलक समारोह के लिए अपने पूर्वजों (ancestors) की ओर से पहने गई शाही पोशाक धारण करेंगे। ऐसा करके सम्राट सस्टेनेबिलिटी (sustainibility) को बढ़ावा देंगे और वही वस्त्र पहनेंगे जो उनकी जनरेशन में साल 1820 से चलते आ रहे हैं।
इन शाही वस्त्रों के सेट में गोल्ड एंब्रॉइड्री वाले ग्लव्स भी शामिल हैं जो 1937 में जॉर्ज VI के राज्याभिषेक के लिए तैयार गए थे। इसके अलावा, चार्ल्स अपने ग्रांड फादर के सफेद लिनन से बना अंगरखा और सोने का रेशमी कोट को भी पहनेंगे, यह उनके ग्रेट ग्रांड फादर किंग जॉर्ज और रानी समेत अन्य राजाओं ने जिनमें इन्हें एलिजाबेथ ने भी अब तक पहना था।
गौरतलब है कि बीते साल महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद किंग चार्ल्स ब्रिटेन के नए राजा बने थे। किंग चार्ल्स महारानी एलिजाबेथ के सबसे बड़े बेटे हैं। शाही परिवार के नियम कायदों के अनुसार, राजा या रानी की मृत्यु के बाद, उनके सबसे बड़ी संतान को ही ब्रिटेन के नए राजा के रूप में चुना जाता है। बता दें कि ब्रिटेन के इतिहास में शाही परिवार का इतिहास काफी लंबा, पुराना व चर्चित रहा है।
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