Happy Life News:अच्छी आदतों से मुमकिन है खुशनुमा जीवन Read it later

Happy Life News: कुछ व्यक्ति हर समय खुश रहते हैं वहीं कुछ लोग इसके ठीक उलटे होते हैं। खुश रहना एक कला है। यह हमारी आदतों व व्यवहार पर निर्भर करता है।

खुशनुमा लाइफ के लिए आपको उन सभी हैबिट्स को छोड़ना होगा जो आपको परेशान करती हैं। यदि आपने अपनी लाइफ में एक बुरी हैबिट को छोड़ा है तो मान के चलिए कि आपने अपने भीतर एक अच्छा और सकारात्मक बदलाव positive change जरूर फील किया होगा।
ये बुुरी आदतें छोड़ना जीवन की छोटी-छोटी आदतेंं होती हैं। जैसे- मोबाइल या टीवी स्क्रीन टाइम कम करना reducing screen time, जंक फूड को छोड़ कर घर के हैल्‍दी फूड को अपनाना, टीवी में समय खपान के बजाय नॉलेजेबल बुक्‍स पढ़ना, समय को अच्‍छे कामों में युटीलाइज करना, नियमित तौर पर मेडिटेशन और योगा करना आदि।

इस तरह जीवन में अच्‍छी हैबिट्ससको अपनाकर हम अपनी लाइफ को बेहतर बना सकते हैंं। ये भी बिलकुल सत्‍य है कि आपके लिए अपनी किसी बुरी आदत को छोड़ना ओवरनाइट वर्क नहीं है। माना कि बुरी आदतों पर ब्रेक लगाना आसान नहीं है, लेकिन जैसे- जैसे आप बुरी आदतों को छोड़ते हैं और समय बीतता है तो आपकी विल पॉवर स्‍ट्रॉन्‍ग होने लगती है। आपको पॉजिटिव रिजल्‍ट मिलने लगते हैं। थोड़े वक्‍त के बाद आपको एक खुशहाल, स्वस्थ और ज्‍यादा प्रोडक्टिव लाइफस्‍टाइल के लाभ Benefits of Productive Lifestyle मिलने लगते हैं।

आज यहां हम आपको बताने जा रहे हैं अपनी लाइफ में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप कैसे एक खुशहाल जीवन को अपना सकते हैं। जानते हैं आज कुछ टिप्स के बारे में जिनको अपनाकर आप भी खुश रह सकते हैं।

Happy Life News: सकारात्मक यानी आशावादी:

ऐसे दृष्टिकोण वाले लोग नकारात्मक विचारों का मुकाबला शांत-चित व्यवहार से करते। समस्याओं-चुनौतियों को कुछ नया सीखने के अवसरों के रूप में देखें।
उसकी चिंता करें जो आपके बस में है: दुख का एक मुख्य कारण यह भी है कि जो हमारे हाथ में नहीं है उसके बारे में ज्यादा परेशान रहते हैं। हमें उन बातों पर ध्यान देना चाहिए जो खुद कर सकते हैं।

 

Happy Life News: खुश लोगों के साथ रहें:

संगत का असर होता है। जो लोग खुश रहते हैं उनके साथ रहने से अच्छे विचार आते हैं। अच्छे लक्ष्यों पर ध्यान रखते हैं। खुश रहते हैं।

 

जो भी करें आनंद के साथ करें:

खुश रहने के लिए जरूरी है कि जो काम आप करते हैं उनमें ही आनंद की तलाश करें। जो लोग अपने काम को डर से करते हैं वे ज्यादा दुखी रहते हैं।

अपने काम और इंटरेस्‍ट दोनों को अहमियत दें Give importance to both work and interest

दिन के 8 से 9 घंटे हम अपने कार्य में बिता देते हैं। काम करना जरूरी है लेकिन महज काम में व्‍यस्‍त रहकर या इस वजह से अपने दूसरे शौक को पूरा ना करना जीवन के साथ ज्‍यादती है। इसलिए उन चीज़ों को समय दें जिनमें आप इंटरेस्‍ट रखते हैं। जैसे- डांस, म्‍यूजिक, राइटिंग, आर्ट, बुक्‍स रीडिंग, फोटोग्राफी, कुकिंग, आउटडोर स्‍पोर्ट्स आदि।

कई स्‍टडी से ये साबित हो चुका है कि जो लोग क्रिएटिव एक्टिविटीज creative activities में मशगूल होते हैं, वे ज़िन्दगी में ज्यादा खुश रह सकते हैं। अपने इंटरेस्‍ट को पूरा करते हुए आप कमाई भी कर सकते हैं। जब आप अपनी लाइफ को बैलेंंस्‍ड रखते हैं तो आप में स्‍ट्रेस की संभावना न के बराबर हो जाती है। आप जीवन को आनंदमय तरीके से जीने लगते हैं।

अगली बार जब कभी भी आप अपने जरूरी कार्य के कारण से किसी ऐसी गतिविधि को करने से मना कर देते हैं जिससे आपको खुशी मिलती है तो उस दौरान जरूर गौर करें कि आपको अपनी पसंद की गतिविधि करने का भी ध्‍यान रखना है। काम करें लेकि इसका मतलब यह क‍तई नहींं है कि आप अपने कार्य के लिए अपनी हॉबी की बलि चढ़ा दें।

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Representative Image | photo | Unsplash

अच्छाई ढूंढे़ं, बुराई नहीं:

जो लोग दूसरों में बुराई ढूंढते हैं वे दुखी रहते हैं, कुछ सीखते भी नहीं हैं। दूसरी तरफ अच्छाई ढूंढ़ने वाले लोग खुश रहने के साथ बहुत कुछ नया भी सीखते हैं। ऐसे ही लोगों को सभी पसंद करते हैं।

 

व्यवहार में लचीलापन रखें:

कई बार हमारे मन या योजनाओं के अनुसार चीजें नहीं होती है। कई बार कुछ बदलाव के साथ अच्छा भी होता है। सकारात्मक रहें, व्यवहार में लचीलापन रखें। परिवर्तन के लिए तैयार रहें।

 

माफी मांगें, माफ करें:

कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता है। गलती सभी से होती है। ऐसा होने पर माफी मांगें। अगर दूसरे से गलती हुई है तो उसे माफ भी करें। ऐसा करने से बात वहीं खत्म हो जाती है।

 

वह काम करें जो आपको बेहद पसंद हो Do what you love

यदि आप अपनी जॉब से खुश नहीं हैं तो जीवन में खुशी कायम रखना मुश्किल होगा। आपके मन में खयाल आता हैि कि आप बार-बार उसी जगह जाते हैं और वही कार्य करते हैं, जो आपको कतई भी नापसंद है, लेकिन अपनी आर्थिक मजबूूरी के कारण आप नौकरी करना छोड़ नहीं सकते। ऐसे में अपनी लाइफ को जॉयलेस जॉब में बर्बाद करने के बजाय आप उस फील्‍ड में नौकरी तलाशें जिसमें आपका इंटरेस्‍ट है और जिसमें आप पारंगत है, पारंगत इसलिए क्‍योंकि जो कार्य आपकी पसंद कहा होगा तो उसमें 100 प्रतिशत संभावना होगी कि उसमें आप पारंगत होंगे। क्‍योंकि स्‍टडी भी यही कहती है कि जिस कार्य में जिस इंसान की रुच‍ि होती है वो उसमें पारंगत होते हैं।

जब आप किसी ऐसे फील्‍ड में कार्य करते हैं जिसमें आपका इंटरेस्‍ट होता है तो आपको अपने कार्य से संतुष्टि भी मिलती है। वहीं आपमें इंस्‍पीरेशन भी बढ़ती है। यकीन मानिए ऐसा करने से आपकी खुश रहने की स्‍पीड सुपरसोनिक होगी।

 

दिमाग के साथ दिल की भी सुनें:

हमेशा खुश रहने वाले लोग पहले अपने दिल की सुनना पसंद करते हैं। दिमाग ज्यादातर फैसले फायदा-नुकसान के हिसाब से करता है लेकिन सुकून और आत्मसंतुष्टि दिल की सुनने से मिलती है।

 

लाइफ में एक लक्ष्‍य को निर्धारित करें Set goals in life

हर दिन वही एक जैसा पुराना रूटीन अपनाना मुश्किल होता है। अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें get out of the comfort zone और अपने नए गोल निर्धारित करें व उन्‍हें हासिल करने के लिए मेहनत करते रहें। जब आप अपने लक्ष्यों को धीरे-धीरे पूरा करने लगते हैं तो आपका आत्‍मविश्‍वाास बढ़ने लगता है और आप ज्‍यादा खुश रहने लगते हैं।

जब आप अपने जीवन में हर दिन छोटे-छोटे टार्गेट बनाते हैं और उन्हें कम्‍प्‍लीट करते हैं तो आप इतने खुश होते हैं कि‍ जब आप बड़े लक्ष्‍य को पूरा करने की ओर अग्रसर होंगे और उन्‍हें पूरा करेंगे तो सोचिए आप कितने खुश होंगे।

 

खुद को दूसरों से कंपेयर करना बंद करें Stop comparing yourself to others

आज के जीवन में सोशल मीडिया का यूज हम सभी को कहीं न कहींं और कभी न कभी यह जरूर महसूस कराता है कि सामने वाला हमसे कितना बेहतर है। ऐसे में लोग सामने वाले की सराहना करने की बजाय उनसे जलन का भाव रखने लगते हैं। यदि आप खुशनुमा जिंदगी चाहते हैं तो दूसरों से खुद को कंपेयर करना बंद करें। याद रखें कि जैसे दुनिया में करोड़ों लोग है लेकिन हर इंसान दूसरे से अलग होता है यानी अपने प‍ार‍िवारिक सदस्‍य से भी मेल नहीं खाता उसी तरह दुनिया में हर इंसान अपनी रेस अकेला दौड़ रहा है। किसी का कोई कंपेरि‍जन नहीं होता। इसीलिए आप दूसरों से अपनी तुलना करना बंद कर दें और अपने आपको खुश रखें, आप जिन भी हालात में हैं आप खुश रहें, कम से कम ये सोचें कि आप जिंदा है क्‍या पता जिस वक्‍त आपकी या हमारी सांसे चल रही हों ठीक उसी वक्‍त कहीं किसी जगह कई लोग कष्‍ट झेल रहे होंगे या मौत के मुंह में होंगे। इसलिए यह मानें कि भगवान ने आपको जो जीवन दिया है उसके लिए भगवान का शुक्रगुजार रहें।

 

ज्यादा उम्मीद न रखें:

जब हम दूसरे से ज्यादा उम्मीद करते हैं तो न केवल उस पर निर्भरता बढ़ती है बल्कि समय से या काम पूर्ण न होने पर तकलीफ होती है। उम्मीदें जब टूटती हैं तो क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, दुख और अविश्वास बढ़ता है। ऐसा करने से बचें।

 

तुलना न करें:

दुख का एक बड़ा कारण अपने से दूसरे की तुलना करना भी है। खुश रहने के मूल में एक बात यह भी है कि आप किसी दूसरे से खुद की तुलना न करें।

 

अपनी खूबियां पहचानें:

अपनी खूबियों और कमजोरियों को पहचान लेने से आप उसी अनुरूप व्यवहार करते हैं। यह भी मूल मंत्र है।

 

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