Rajasthan: कलयुग की मीरा फिर बनी कृष्ण की दुल्हनǃ सिंदूर नहीं चंदन से भरी मांग Read it later

Rajasthan: जयपुर निवासी पूजा सिंह (Pooja Singh) ने बीते 8 दिसंबर को हिंदू रीति-रिवाजों से भगवान विष्णु की प्रतिमा से विवाह रचा लिया। बता दें कि छोटी काशी के नाम से मशहूर गोविंद की नगरी जयपुर में एक अजीबोगरीब शादी इन दिनों कोतुहल का विषय बनी हुई है। कलियुग में कृष्ण भक्त मीरा क तरह पूजा सिंह ने भी ऐसा काम किया है कि हर कोई चौंक गया है। पॉलिटिकल साइंस से एमए कर चुकीं पूजा ने भगवान विष्णु से शादी की है, जिसमें गणेश पूजन से लेकर चाकभात, मेहंदी, महिला संगीत और फेरे तक की रस्में ठीक उसी तरह हुई‚ जिस तरह आम विवाह में होती हैं। विष्णुजी को वर रूप में मंदिर से पूजा सिंह के घर लाया गया और मंत्रोच्चारण के साथ भगवान संग पूजा के सात फेरे हुए।

 

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ठाकुरजी से शादी के लिए दोस्तों ने दुल्हन की तरह तैयार किया

दरअसल, जयपुर के गोविंदगढ़ के नरसिंहपुरा गांव की निवासी पूजा सिंह ने 8 दिसंबर को हिंदू रीति-रिवाजों से भगवान विष्णु की मूर्ति से शादी की। शादी की रस्मों के दौरान हल्दी लगाने से लेकर मेहंदी लगाने तक की रस्में निभाई पारंपरिक अंदाज में निभाई गई। पूजा के घर में मंगल गीत गाए गए ‚ वहीं दोस्तों ने भी पूजा को दुल्हन की तरह तैयार किया।

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311 बाराती  विवाह में शामिल हुए (Rajasthan)

311 बारातियों के साथ आई शोभायात्रा में विष्णुजी का बड़ी धूमधाम से स्वागत किया गया। इस दौरान भगवान का श्रृंगार भी मनमोहक तरीके से किया गया। सामान्य विवाह में जहां वर वधु की मांग में सिंदूर भरता है, लेकिन यहां भगवान विष्णु की ओर से खुद उपासक पूजा ने सिंदूर की जगह चंदन से अपनी मांग भरी। इसके बाद विदाई की रस्म अदा की गई।

विवाह से पहले पूजा ने तुलसी विवाह देखा था और तभी से श्रीकृष्ण रूप ठाकुर जी में उनक आस्था बढ़ती गई। इसके बाद गोविंद के दरबार में ठाकुरजी से विवाह करने की ठान पंडित से  इस बारे में बात की। इसके बाद पूजा ने घरवालों को इस विवाह के लिए राजी किया‚ मगर पूजा के पिता प्रेम सिंह इस विवाह के लिए कतई राजी नहीं हुए और  भड़क गए। लेकिन जब मां ने हामी भरी तो सब कुछ आसान हो गया।

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मां ने किया कन्यादान…

पूजा सिंह के इस विवाह में उनकी माता रतन कंवर ने कन्यादान किया। मां ने कहा कि  बड़ी धूमधाम से विवाह का आयोजन किया गया था, वह इस विवाह से बेहद प्रसन्न है।

मां ने बेटी के इस फैसले का सम्मान किया है। शादी की रस्में रीति-रिवाज के मुताबिक कराई गईं,। बताया जा रहा है कि इसमें करीब दो लाख रुपए खर्च आया। दुल्हन पूजा सिंह ने पहले इसका जिक्र पंडित राकेश शास्त्री से किया और फिर विवाह कर लिया। इस बारे में पंडित राकेश शास्त्री ने कहते हैं‚ विष्णु प्रतिमा विवाह प्राचीन काल से चला आ रहा है। शास्त्री ने कहा जब तक ब्रह्मांड का अस्तित्व है तब तक ऐसा होता रहेगा। यदि कोई स्वयं को भगवान को समर्पित करना चाहता है तो वह विवाह कर सकता है।

बहरहाल भगवान विष्णु को विवाह के बाद मंदिर में वापस विराजित करा दिया गया है।  जबकि, पूजा अपने निवास पर ही रह कर विष्णु प्रतिमा के समक्ष ध्यान करती है। इसके लिए पूजा अब जमीन पर ही सोती हैं। पूजा सिंह की ये अजीब शादी की चर्चा अब पूरे राजस्थान राज्य में की जा रही है। वहीं कई सौ साल बाद हुए इस तरह के विवाह के बाद लोग पूजा की तुलना मीरा से कर रहे हैं।

 

सोश्यल मीडिया यूजर्स ने कहा: मंगल दोष निवारण के लिए होता है ये विवाह‚ ये गुप्त तरीके से होता है‚ पूजा ने इसे सार्वजनिक किया

एक ओर जहां इस विवाह के बाद पूजा की तुलना मीरा बाई से की जा रही है तो वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स इस विवाह को होने कारण मंगल दोष के निवारण बता रहे हैं। एक यूजर ने कहा कि जब किसी कन्या कि कुंडली में मंगल दोष होता है तो ये विवाह कराया जाता है‚ यूजर ने कहा ये इसमें कुछ अनोखा जैसा नहीं है। ये विवाह गुप्त तरीके से किया जाता है। जिसके बाद मंगल दोष दूर हो जाता है। इसके बाद सामान्य विवाह संस्कार किया जा सकता है।

 

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